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जिस सुरंग पर टिकी थीं पूरे देश की निगाहें, उसके बारे में कितना जानते हैं आप?
उत्तराखंड स्थित उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल चार धाम प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस सुरंग को बनाने का काम 2018 में शुरू हुआ था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
उत्तराखंड की उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल (Uttarkashi Silkyara Tunnel) पिछले कुछ दिनों से लगातार खबरों में बनी हुई थी. 17 दिनों तक इस सुरंग में 41 मजदूर फंसे रहे और पूरा देश उनकी सलामती की दुआ करता रहा. 28 नवंबर को देशवासियों की दुआ कबूल हुई और सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. गौरतलब है कि दीपावली वाले दिन सिलक्यारा टनल में काम करते हुए मजदूर लैंडस्लाइड की वजह से अंदर ही फंस गए थे. उन्हें बाहर निकालने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन मशीनों ने कामयाबी से पहले ही दम तोड़ दिया. फिर रैट माइनर्स ने बचाव अभियान को उसके अंजाम तक पहुंचाया.
2018 में शुरू हुआ था काम
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल का निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ था. 853 करोड़ की लागत से बन रही यह टनल चारधाम के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में 4.531 किमी लंबी दो लेन और दो दिशा वाली सुरंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस सुरंग के अस्तित्व में आने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जाना काफी आसान हो जाएगा. क्योंकि इससे दोनों धामों के बीच की दूरी करीब 26 किलीमीटर कम हो जाएगी.
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मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
मेसर्स राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) चार धाम प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है. मार्च 2018 को प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए 1383 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसी के तहत उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल का निर्माण किया जा रहा है. पूरी तरह तैयार होने पर यह टनल हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, इसलिए तीर्थ यात्रियों को सुरंग से काफी फायदा पहुंचेगा. साथ ही मौसम की मार से रद्द होने वालीं यात्राओं में भी कमी आएगी, जिससे उत्तराखंड सरकार के आर्थिक नुकसान का आंकड़ा भी कम होगा.
कब तक होगा काम पूरा?
मेसर्स NHIDCL ने 2018 को मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ EPC ( Engineering, Procurement, Construction) मोड पर 853.79 करोड़ रुपए का अग्रीमेंट किया था. इस प्रोजेक्ट को 8 जुलाई 2022 तक पूरा होने था, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया. सिलक्यारा टनल की कुल लम्बाई 4531 मीटर है, जिसमें से 4060 मीटर यानी 90 प्रतिशत लंबाई का कार्य पूरा हो चुका है और 477 मीटर लंबाई के लिए खुदाई का काम चल रहा था, जब ये हादसा हुआ. इस प्रोजेक्ट की नई डेडलाइन 14 मई 2024 रखी गई थी, लेकिन अब इसमें इजाफा होने की पूरी संभावना है. अभी ये भी स्पष्ट नहीं है कि सुरंग का काम दोबारा कब से शुरू होगा. बता दें कि चार धाम हाईवे प्रोजेक्ट में 2 मुख्य सुरंग आती हैं. पहली सिलक्यारा में बन रही है और दूसरी चंबा में है, जो 400 मीटर लंबी है. इसके अलावा, रेलवे और हाइड्रो पावर के लिए भी कुछ सुरंगों का निर्माण चल रहा है. साथ ही हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए भी सुरंगों का निर्माण चालू है.
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