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अगर BJP नहीं पहुंची 400 के पार, तो कैसा होगा शेयर बाजार का हाल?
विदेशी निवेशक लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय बाजार में पैसा लगाने के प्रति सावधानी बरत रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
लोकसभा चुनाव में इस बार बहुत कुछ दांव पर लगा है. कांग्रेस को जहां अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना होगा. वहीं, भाजपा को खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए 400 का आंकड़ा छूना होगा. यह श्रेष्ठता का कोई मापदंड नहीं है, भाजपा ने खुद ही अपने लिए यह टार्गेट तय किया है. ऐसे में यदि भाजपा गठबंधन 400 से कम सीटें लाता है, तो उसके लिए अजीब स्थिति निर्मित हो जाएगी. भाजपा के 400 के इस दावे से केवल उसके समर्थक ही नहीं बल्कि बाजार भी उत्साहित है.
सरप्राइज की उम्मीद नहीं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भाजपा नीत गठबंधन NDA के सत्ता में वापसी के अनुमान के चलते बाजार एक सही रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है. बाजार में आने वाले दिनों में किसी सरप्राज़िंग एलिमेंट के नजर आने की उम्मीद नहीं है. मार्केट में ऐसा माहौल निर्मित हो रहा है, जिसमें निवेशकों को ऐसी कोई उम्मीद नहीं है कि 4 जून को आने वाले लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले बाजार की वॉलिटिलिटी बढ़ेगी. उनका यह भी कहना है कि शेयर बाजार भाजपा की जीत के तथ्य को पहले ही अवशोषित कर रहा है.
पिछली बार अलग था माहौल
बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में निवेशक अप्रत्याशित परिणाम से खुद को बचाने के लिए तमाम जतन कर रहे थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा. क्योंकि यह मानकर चला जा रहा है कि चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में रहेंगे. यानी सत्ता परिवर्तन की उम्मीद नहीं है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि सत्ता में परिवर्तन की स्थिति में बाजार में शॉर्ट टर्म में करेक्शन हो सकता है. उनके मुताबिक, सवाल यह नहीं है कि BJP जीतती है या नहीं, क्योंकि उसकी जीत लगभग तय मानी जा रही है. बल्कि सवाल यह है कि जीत का अंतर कितना होगा? भाजपा 400 का दावा कर रही है, जबकि अनुमान यह है कि वो अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर 300 से अधिक सीटें जीतेगी. बता दें कि पूर्ण बहुमत के लिए 272 सीटों की जरूरत होती है.
...लग सकता है झटका
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि भाजपा गठबंधन 400 से कम सीटें जीतता है, तो इससे बाजार प्रभावित हो सकता है. इसी तरह, अगर NDA की सीटों की संख्या 300 से कम रही, तो यह बाजार के लिए एक बड़ा झटका होगा. उनके अनुसार, चुनाव परिणाम को लेकर मार्केट में निवेशकों को किसी सरप्राइस की उम्मीद बिल्कुल नहीं है, लेकिन फिर भी यदि भाजपा गठबंधन की सीटें 300 से कम हुईं, तो मार्केट को बड़ा झटका लग सकता है. गौरतलब है कि भाजपा नेता पूरे विश्वास के साथ दावा कर रहे हैं कि इस बारे के चुनाव में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा और उनके गठबंधन को 400 से ज्यादा सीटें हासिल होंगी.
मई में बनी रहेगी तेजी
आमतौर पर चुनावी मौसम के चलते मई में बाजार में अस्थिरता दिखाई देती है, लेकिन इस बार मई में भी बाजार में तेजी बने रहने की संभावना है. इसका कारण इकोनॉमिक ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद के साथ ही लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की वापसी की संभावना है. एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशक आमतौर पर मई में बिकवाली की रणनीति अपनाते थे, लेकिन इस साल यह ट्रेंड बदल सकता है. बता दें कि पिछले कुछ समय से बाजार में मजबूती बनी हुई है. एक-दो मौकों पर जरूर गिरावट आई है, लेकिन कुल मिलाकर मार्केट में रौनक है.
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