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BW Marketing Whitebook: एक्सपर्ट्स से समझिये कितनी और कैसे बदली मार्केटिंग की दुनिया!
बदलावों की बदौलत मार्केटिंग की दुनिया किस तरह बदली है इस बारे में एक्सपर्ट्स ने अपने विचार प्रस्तुत किये.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
मार्केटिंग अपने आप में एक काफी कठिन क्षेत्र है और ज्यादतर लोग अक्सर मार्केटिंग को सेल्स से भी जोड़कर देखते हैं. दूसरी तरफ देश और दुनिया में काफी तेजी से कई बड़े तकनीकी और गैर-तकनीकी बदलाव हुए हैं. देश और दुनिया में हुए इन बदलावों से मार्केटिंग की दुनिया कितनी बदली और इन बदलावों का उस पर क्या प्रभाव हुआ है ये जानने के लिए BW बिजनेसवर्ल्ड द्वारा आज देश की राजधानी दिल्ली में BW मार्केटिंग वाइटबुक (BW Marketing Whitebook) के 8वें एडिशन का आयोजन किया गया.
कितना बदली मार्केटिंग की दुनिया
कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मार्केटिंग में मौजूद उम्मीदों को समझने के लिए एक विशेष पैनल का आयोजन किया गया. जैसा कि हमने ऊपर कहा कि देश और दुनिया में पिछले कुछ सालों में कई बड़े बदलाव हुए हैं और इन बदलावों की बदौलत मार्केटिंग की दुनिया किस तरह बदली है इस बारे में एक्सपर्ट्स ने अपने विचार प्रस्तुत किये. इस विषय पर अपने विचार प्रकार करते हुए रेडबस (Redbus) की CMO (चीफ मार्केटिंग ऑफिसर) पल्लवी अरोड़ा ने कहा कि कोविड ने दुनिया दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया और कोविड के बाद से ही मार्केटिंग की दुनिया में भी कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. संस्थाओं के स्ट्रक्चर में भी कई बड़े बदलाव हुए हैं जिसकी बदौलत अब मार्केटिंग से जुड़े लोग कस्टमर्स के और निकट पहुंच गए हैं. इस विषय पर बात करते हुए Valvoline की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर इप्शिता चौधरी कहती हैं कि मार्केटिंग में अकाउंटेबिलिटी बढ़ गई है और आप अपने बिजनेस के कितना करीब हैं ये बहुत जरूरी हो गया है.
Gen Z और मार्केटिंग की बदलती दुनिया
मार्केटिंग के भी कुछ सिद्धांत होते हैं लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ समय के दौरान दुनिया तकनीकी रूप से काफी तेजी से बदली है और ऐसे में कोई भी सिद्धांत पूरी तरह से काम करेगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसके साथ ही जनरेशन जी (Gen Z) को अपने प्रोडक्ट की तरफ आकर्षित कैसे किया जाए ये अभी अपने आप में एक काफी बड़ा सवाल है. इस विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए पल्लवी कहती हैं कि जब भी जेन जी (Gen Z) की बात होती है तो उन्हें रोके रखना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि दिमागी रूप से वह बहुत अस्थिर होते हैं. इसके साथ ही पल्लवी बताती हैं कि जेन जी को ज्यादा पर्सनलाइज्ड अनुभव चाहिए और उन्हें ये अनुभव प्रदान करने में जनरेटिव AI का बहुत बड़ा हाथ था. इसके साथ ही पल्लवी बताती हैं कि नई जनरेशन को सब कुछ बहुत जल्दी चाहिए और इसमें भी जनरेटिव AI काफी महत्त्वपूर्ण साबित होता है.
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