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फ्रेशर की डिमांड में हुई बड़ी कमी, टेक जॉब को भी लगा झटका, पैदा हुई इनकी डिमांड
सितंबर के आंकड़े बता रहे हैं कि लगभग सभी क्षेत्रों में नौकरियों के आंकड़ों में ग्रोथ देखने को मिली है. यही नहीं सिर्फ शहरों में ही नहीं छोटे शहरों में भी नौकरियों के अच्छे अवसर पैदा हुए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
बाजार में नौकरियों की डिमांड बदलती रहती है. अब इसी कड़ी में सामने आए सितंबर के डेटा में एक कुछ ऐसी जानकारियां सामने आई हैं जो आपको भी चौंका सकती है. नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स के अनुसार देश में व्हॉइट कॉलर टेक नौकरियों की संख्या में कमी हो गई है. सिर्फ यही नहीं फ्रेशर की नौकरियों की संख्या में भी कमी आई है. जबकि 13 से 16 साल का अनुभव रखने वालों की जॉब में 11 प्रतिशत तक की ग्रोथ देखने को मिली है जबकि 16 साल से ज्यादा अनुभव वालों की जॉब में 29 प्रतिशत तक की ग्रोथ देखने को मिली है.
किन सेक्टरों में कैसा रहा हाल?
अगर हास्पिटैलिटी या ट्रैवल क्षेत्र में नौकरी के हाल को जानें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल इसमें 23 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. इस ग्रोथ के पीछे जो वजह देखने को मिल रही है वो ये है कि मानसून के दौरान परिवार या अकेले यात्रियों के पर्यटन क्षेत्रों में जाने के कारण इसमें तेजी रही. इसमें मुंबई नौकरी देने के मामले में सबसे आगे रहा. जबकि बैंकिंग और वित्तीय सेवा और बीमा के क्षेत्र और हेल्थकेयर को देखें तो दोनों ने मजबूत प्रदर्शन किया है.
इन दोनों क्षेत्रों में पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. बैंकिंग के क्षेत्र में अहमदाबाद, चंडीगढ़ और जयपुर जैसे क्षेत्रों में शाखा प्रबंधन और सलाहकार जैसी भूमिकाओं में ग्रोथ देखने को मिली है. वहीं हेल्थकेयर में लैब तकनीशियन और मेडिकल रिकॉर्ड सूचना विज्ञान प्रबंधन जैसे पदों की अत्यधिक मांग थी. इन पदों को लेकर कोलकाता और अहमदाबाद में ग्रोथ देखने को मिली.
कैसा रहा ऑयल, गैस एंड ऑटो सेक्टर में हाल?
सिर्फ यही नहीं अगर ऑयल, गैस और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी इस साल पिछले साल के मुकाबले सकारात्मक ग्रोथ देखने को मिली है और इसमें 6 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. जबकि बीपीओ और एफएमसीजी सेक्टर में थोड़ा चुनौतियां का सामना करना पड़ा है. अगर इनकी पिछले साल से ग्रोथ रेट का अनुमान लगाए तो वो क्रमश: 25 प्रतिशत और 23 प्रतिशत की नेगेटिव ग्रोथ देखने को मिली है. वहीं आईटी सेक्टर में भी ग्रोथ देखने को मिली है. बैंग्लुरू, हैदराबाद, चेन्नई और पुणे जैसे शहरों में नौकरी को लेकर थोड़ा तनाव देखने को मिला है.
कैसा रहा गैरमहानगरों का हाल?
वहीं अगर गैर महानगरों की बात करें तो उसमें इन्होंने महानगरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. वड़ोदरा, अहमदाबाद और जयपुर जैसे क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना की नियुक्तियों में 4 प्रतिशत 3 प्रतिशत और 2 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. वड़ोदरा में बीपीओ/आईटीईएस और निर्माण/इंजीनियरिंग क्षेत्र में नियुक्ति में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. जबकि जयपुर में बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज में नौकरियां देखने को मिली हैं.
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