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White-Collar Gig Jobs की डिमांड में इजाफा, एक महीने में इतना पहुंच गया आंकड़ा
Foundit ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फरवरी से मार्च 2024 तक समग्र भर्ती सूचकांक में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
भारत के लीडिंग टैलेंट प्लेटफॉर्म फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर APAC एंड ME) ने नौकरियों को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (फिट) नामक इस रिपोर्ट में मार्च 2024 के लिए हायरिंग ट्रेड्स पर नवीनतम निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए हैं. ट्रैकर के अनुसार, फरवरी से मार्च 2024 तक समग्र भर्ती सूचकांक में 3% की वृद्धि हुई है, जो हायरिंग एक्टिविटी में मामूली वृद्धि का संकेत है. हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में, नियुक्तियों में 4% की गिरावट आई, जो भर्ती की धीमी गति दर्शाता है.
184% का आश्चर्यजनक इजाफा
विशेष रूप से वाइट-कॉलर गिग जॉब्स में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 184% का आश्चर्यजनक इजाफा हुआ है. यह उछाल लचीली, परियोजना-आधारित कार्य व्यवस्थाओं के लिए पेशेवरों की बढ़ती प्राथमिकता को रेखांकित करता है. इसके अतिरिक्त, एक महत्वपूर्ण वर्कफोर्स सेगमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले गिग वर्कर्स में इसी अवधि में 21% की वृद्धि हुई है, जो व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रीलांसरों और स्वतंत्र ठेकेदारों पर कंपनियों की बढ़ती निर्भरता को उजागर करता है.
लगभग 2 गुना हुई हिस्सेदारी
सेक्टर्स के हिसाब से देखें तो आईटी में गिग जॉब्स में जबरदस्त उछाल आया है. गिग इकोनॉमी में आईटी सॉफ्टवेयर की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई है. यह मार्च 2023 में 22% से बढ़कर मार्च 2024 में 46% हो गई है. यह कुशल फ्रीलांस कोडर्स, आईटी सलाहकारों और अन्य तकनीकी पेशेवरों की मजबूत मांग को दर्शाता है. विज्ञापन और विपणन क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, इनकी गिग जॉब्स में हिस्सेदारी 5% से बढ़कर 18% हो गई है.
कोरोना ने ऐसा करना सिखाया
फाउंडइट के सीईओ शेखर गरिसा ने कहा कि कोरोना महामारी ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों को WFH यानी वर्क फ्रॉम होम और काम करने के लचीले मॉडल को अपनाना सिखाया है. हमारे ट्रैकर के माध्यम से, हमने देखा है कि दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जैसे मेट्रो शहर अब गिग जब्स के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं. यह समझना जरूरी है कि गिग इकॉनमी व्यवसायों को लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती है, साथ ही कर्मचारियों को कहीं से भी काम करने की स्वतंत्रता देती है. हमें उम्मीद है कि गिग इकॉनमी और भी अधिक बढ़ेगी. बता दें कि स्वतंत्र रूप से ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को गिग वर्कर्स कहा जाता है.
इन सेक्टर्स में बढ़ी एक्टिविटीज
रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षा, दूरसंचार/आईएसपी और ऊर्जा क्षेत्र रोजगार वृद्धि में अग्रणी हैं, जबकि ऑटोमोटिव और शिपिंग उद्योगों को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में जहां फरवरी में 7% की वृद्धि देखने को मिली थी. वहीं, मार्च में 2% तक मामूली गिरावट देखी गई. यह बदलाव उद्योग के भीतर मांग या बाजार स्थितियों में समायोजन का संकेत दे सकता है. इसके विपरीत, बीपीओ/आईटीईएस उद्योग में उल्लेखनीय बदलाव आया, फरवरी में 4% की गिरावट से मार्च में 2% की वृद्धि दर्ज हुई. इस बीच, बैंकिंग/वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) क्षेत्र ने स्थिर वृद्धि दर्ज की. इंजीनियरिंग, सीमेंट, निर्माण, लोहा/इस्पात और उत्पादन एवं विनिर्माण सहित विनिर्माण क्षेत्र ने मिश्रित प्रदर्शन किया.
एजुकेशन में 2% की पॉजिटिव ग्रोथ
इसके विपरीत, शिक्षा क्षेत्र में सुधार के संकेत दिखाई दिए. इस उद्योग ने हायरिंग एक्टिविटीज में रिवाइवल देखा. फरवरी में जहां कोई वृद्धि नहीं थी. वहीं मार्च में 2% की पॉजिटिव ग्रोथ नजर आई. दूरसंचार/आईएसपी उद्योग एक महत्वपूर्ण ग्रोथ ड्राइवर के रूप में उभरा, जो फरवरी में 2% से बढ़कर मार्च में 6% हो गया. इसी तरह, तेल/गैस/पेट्रोलियम और बिजली क्षेत्रों ने मजबूत वृद्धि प्रदर्शित की, जो मार्च में 7% से बढ़कर 8% हो गई. स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी में भी सुधार के संकेत मिले हैं.
यहां नजर आई चिंताजनक गिरावट
इसके अलावा, सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) और रक्षा क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधि में 0% से 1% की मामूली वृद्धि देखी गई. जबकि ऑटोमोटिव उद्योग को मार्च में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसी तरह शिपिंग और समुद्री उद्योग में चिंताजनक गिरावट देखी गई, इसमें हायरिंग ग्रोथ घटकर -12% रह गई. वहीं, विज्ञापन, बाजार अनुसंधान और पीआर क्षेत्रों में -2% से -3% तक की गिरावट आई है, जबकि यात्रा और पर्यटन में भर्ती 4% से घटकर 2% रह गई. रसायन/प्लास्टिक (-10%), एफएमसीजी, खाद्य और पैकेज्ड फूड (-6%), गारमेंट्स/टेक्सटाइल्स (-8%), और रियल एस्टेट (-3%) सहित कई अन्य क्षेत्रों में मार्च में हायरिंग में कमी आई है.
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