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महिलाओं के लिए ज्यादा बड़ा खतरा बन सकता है AI, इस तरह पहुंचाएगा नुकसान
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को इंसानों की नौकरी का दुश्मन बताया जा रहा है, क्योंकि कंपनियां तेजी से इसे अपना रही हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
टेक्नोलॉजी के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होते हैं. अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को ही देख लीजिए. जब से इसका आविष्कार हुआ है, तब से लोगों को अपनी नौकरी खतरे में लगने लगी है. कंपनियां AI को तेजी से अपना रही हैं, जिससे आने वाले समय में उन्हें कम वर्कफोर्स की जरूरत पड़ेगी और ऐसे में जॉब कट लाजमी है. कुछ कंपनियों ने तो अभी से बड़े ऐलान कर दिए हैं. इस बीच, सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि AI से पुरुषों के मुकाबले बड़ी संख्या में महिलाओं की नौकरियां जा सकती हैं.
10 में से 8 की जॉब खतरे में
मीडिया रिपोर्ट्स में Mckinsey Global Institute की एक स्टडी के हवाले से बताया गया है कि AI पर आधारित ChatGPT की वजह से साल 2030 तक अधिकांश महिलाओं की नौकरियां जा सकती हैं. क्योंकि इन महिलाओं का काम ChatGPT करेगा. इस स्टडी में बताया गया है कि हर 10 में से 8 महिलाओं को AI की वजह से या तो कंपनी बदलनी पड़ेगी या फिर नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसा कार्यस्थल पर ऑटोमेशन और AI को अपनाने के चलते होगा.
इन सेक्टर पर प्रभाव ज्यादा
अध्ययन के मुताबिक, खासतौर पर न्यूनतम वेतनमान वाली नौकरियों पर AI का प्रभाव ज्यादा पड़ेगा. ऐसी नौकरियों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है. उदाहरण के तौर पर ऑफिस में असिस्टेंट या फिर कस्टमर सर्विसज में महिलाएं ज्यादा संख्या में होती हैं. साल 2030 तक दुनिया में ऑफिस सपोर्ट की नौकरियों में 37 लाख और कस्टमर सर्विसेज की नौकरियों में 20 लाख की कमी आ जाएगी. अब चूंकि महिला कर्मियों की इस सेक्टर में भागीदारी ज्यादा है, इसलिए उन पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा.
सीमित कर सकते हैं भूमिका
स्टडी में यह आशंका भी जताई गई है कि AI की वजह से दुकानों में सेल्स कर्मचारियों और कैशियर की नौकरियों में भी कमी आ सकती है. इतना ही नहीं, AI इंजीनियरों के काम भी करने में सक्षम है. अध्ययन में दावा किया गया है कि केवल छोटे पद ही नहीं, बल्कि बड़े पदों के कार्यों के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस खतरा बन सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि लोग ऑटोमेशन के साथ काम करने की अपनी क्षमता में विकास कर सकें और चुनौतियों को स्वीकार करें, तो AI की भूमिका सीमित रह सकती है.
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