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Mary Kom ने भारी मन से बॉक्सिंग को कहा अलविदा, इस वजह से लिया फैसला
मैरी कॉम इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) की वुमन बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी रही हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम (मैंगटे चुंगनेइजैंग मैरी कॉम) ने बॉक्सिंग से संन्यास ले लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार रात एक इवेंट में उन्होंने मुक्केबाजी से संन्यास की घोषणा की. मैरी कॉम ने आखिरी मुकाबला कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के ट्रायल के दौरान खेला था. संन्यास का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल कर लिया है. मुझमें अब भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की भूख बाकी है, लेकिन इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन के नियम ऐसा करने की इजाजत नहीं देते. पुरुष और महिला बॉक्सरों को केवल 40 की उम्र तक मुक्केबाजी करने की अनुमति होती है, इसलिए मैं अब किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकती.
दिलों में बनाई जगह
41 साल की मैरी कॉम ने 2012 लंदन ओलिंपिक गेम्स में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था. उन्होंने 6 बार वर्ल्ड चैंपियन का खिताब भी अपने नाम किया है और ऐसा करने वालीं वह इकलौती महिला मुक्केबाज हैं. इसके साथ ही मैरी कॉम 5 बार एशियाई चैंपियनशिप जीतने वाली भी इकलौती खिलाड़ी हैं. मैरी कॉम के करियर की बात करें, तो उन्होंने बॉक्सिंग की शुरुआत 18 साल की उम्र में पेनसिल्वेनिया में की थी. अपनी क्लियर बॉक्सिंग टेक्नीक से उन्होंने यहां सभी को प्रभावित करते हुए 48 KG कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई थी. भले ही फाइनल में वह पिछड़ गईं, लेकिन लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहीं.
दो बार लिया था ब्रेक
मैरी कॉम इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) की वुमन बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं. इसके साथ ही उन्होंने 2005, 2006, 2008 और 2010 में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब भी जीता. जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद वह एक लंबे ब्रेक पर चली गई थीं. 2012 के लंदन ओलिंपिक में मैरी कॉम ने 51KG कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसके बाद मैरी ने तीसरे बच्चे को जन्म दिया और फिर बॉक्सिंग से उनका नाता कुछ वक्त के लिए टूट गया. 2018 में उन्होंने दिल्ली में वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना छठा टाइटल जीता, इस मुकाबले में उन्होंने यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की थी.
अब क्या है विकल्प?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मैरी कॉम भले की इंटरनेशनल मुक्केबाजी एसोसिएशन (IBA) के नियमों के कारण एमेच्योर बॉक्सिंग नहीं कर सकतीं, लेकिन उनके पास प्रोफेशनल बॉक्सिंग का विकल्प है. इससे पहले, विजेंद्र सिंह भी प्रोफेशनल बॉक्सर बन चुके हैं. मैरी कॉम ने दिसंबर में 'खेलो इंडिया पैरा गेम्स' के दौरान कहा था कि मैं खेलना चाहती हूं लेकिन उम्र के कारण ऐसा नहीं कर सकती. फिर भी मुक्केबाजी से जुड़ा ही कुछ करने की कोशिश करूंगी. मैं पेशेवर बन सकती हूं, पर अभी कुछ साफ नहीं है.
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