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IPL से कैसे मात खा गए US और UK, गुरु गुड़ रह गया, चेला बन गया शक्कर हुआ चरित्रार्थ।
IPL की आश्चर्यजनक तेजी के बावजूद, लीग में कुल विज्ञापन खर्च का 60% हिस्सा है, क्रिकेट के पास ग्लोबल स्पोर्ट्स के मीडिया राइट्स का सिर्फ 3% हिस्सा ही है, जो कि अमेरिकी कॉलेज के खेल से भी कम है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
सोहिनी मित्तर: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) स्पोर्ट्स और स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर्स के लिए दुधारू गाय की तरह है. इनवेस्टमेंट बैंक JM Financial की एक रिपोर्ट में ये कहा गया है कि लीग शुरू होने के बाद से 15 सालों के दौरान IPL के मीडिया राइट्स की वैल्यू में 18 परसेंट की जोरदार तेजी देखने को मिली है. यह अनुमान 2023-2027 की अवधि के लिए IPL के मीडिया राइट्स की नई वैल्यूएशन ($6.2 बिलियन) पर आधारित है.
इसके ठीक उलट, इंग्लिश प्रीमियर लीग (EPL), जिस पर IPL को शुरू में बनाया गया था, ने पिछले 30 सालों (1993-2023) में अपने मीडिया राइट्स में 15 परसेंट CAGR की बढ़ोतरी देखी है. जबकि अमेरिका की नेशनल फुटबॉल लीग (NFL) ने अपने मीडिया राइट्स की वैल्यू में 33 सालों (1990-2023) में 10 परसेंट की CAGR में ग्रोथ देखी है.
जबकि पारंपरिक गणित के मुताबिक एक युवा लीग ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी कर सकता है. JM Financial का मानना है कि IPL वास्तव में जैसे जैसे और परिपक्व होगा आगे बढ़ेगा, इसके बावजूद अपने मीडिया राइट्स की वैल्यू को और ज्यादा बढ़ा सकता है. और ये बढ़ोतरी संभवतः नए और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों से आएगी क्योंकि क्रिकेट का खेल दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है.
इनवेस्टमेंट बैंक की रिपोर्ट कहती है "चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, अपने लॉन्च (1993-2008) के बाद 15 सालों के दौरान EPL के मीडिया राइट्स की वैल्यू घरेलू (20% CAGR) के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय राइट्स (25 % CAGR) दोनों के द्वारा संचालित हुई है. हालांकि, पिछले 15 सालों (2008-2023) में, अंतरराष्ट्रीय अधिकारों (15% CAGR) ने विकास को बढ़ावा दिया है, भले ही घरेलू राइट्स की वैल्यू में धीमापन (7% CAGR) आया हो."
ग्लोबल मीडिया राइट्स में क्रिकेट
IPL की आश्चर्यजनक तेजी के बावजूद, लीग में कुल विज्ञापन खर्च का 60 परसेंट हिस्सा है, क्रिकेट के पास ग्लोबल स्पोर्ट्स के मीडिया राइट्स का सिर्फ 3 परसेंट हिस्सा ही है, जो कि अमेरिकी कॉलेज के खेल से भी कम है.
अब हालात बदल रहे हैं
JM Financial की रिपोर्ट के मुताबिक, “T20 क्रिकेट की शुरुआत और उसके बाद दुनिया भर में T20 फ्रेंचाइजी लीगों का पनपना इसे बदल रहा है. क्रिकेट की सालाना ग्लोबल मीडिया राइट्स वैल्यू 2008 में 0.5 बिलियन डॉलर से बढ़कर इस समय 2 बिलियन डॉलर हो गई है. जो मुख्य रूप से T20 से ही आती है. IPL ने अपनी व्यावसायिक सफलता के रास्ते की अगुवाई की है, और दुनिया भर में कई लीगों को जन्म देने में मदद की है ”
Amazon, Apple और Facebook जैसी बड़ी टेक कंपनियां स्ट्रीमिंग स्पोर्ट्स, IPL और दूसरी फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में दिलचस्पी दिखा रही हैं, उन्हें लगता है कि इसमें ग्रोथ के मौके हैं. Amazon ने क्रिसमस के दौरान EPL गेम्स के मीडिया राइट्स हासिल किए हैं, जबकि Apple ने NFL के संडे टिकट राइट्स के लिए बोली लगाई है. इस बीच, फेसबुक ने 2018-2022 के लिए IPL के डिजिटल राइट्स के लिए बोली लगाई हालांकि ये असफल रही.
JM Financial ने अपनी रिपोर्ट ये भी कहा है कि इरादा चाहे जो भी हो, लेकिन एक बात तो तय है, इन टेक दिग्गजों की योजनाओं में स्पोर्ट्स मीडिया राइट्स काफी प्रमुखता से शामिल हैं. प्राइमरी मीडिया राइट्स खरीदने के लिए बड़ी रकम खर्च करने से बच रही इन कंपनियों को देखेत हुए IPL की रणनीति है कि पैकेजों को थोड़ा और कम किया जाए (जैसे BCCI ने इस साल किया), ताकि ये कंपनियां आकर्षित हो सकें.
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