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China के रियल एस्टेट में आया बड़ा संकट, भारत को होगा इससे बड़ा फायदा
पड़ोसी देश चीन के रियल एस्टेट मार्केट में इस वक्त बड़ा संकट आया हुआ है, जिसका फायदा आने वाले दिनों में भारत को होने की उम्मीद है.
उर्वी श्रीवास्तव 1 year ago
नई दिल्लीः पड़ोसी देश चीन के रियल एस्टेट मार्केट में इस वक्त बड़ा संकट आया हुआ है, जिसका फायदा आने वाले दिनों में भारत को होने की उम्मीद है. कोविड के बाद से जहां पूरा विश्व फिलहाल इस संकट से उबर चुका है, वहीं चीन में अभी भी इसके कारण कई इलाकों में लॉकडाउन लग रहा है, जिसके चलते 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. चीन में घर खरीदारों की मांग आपूर्ति के अनुरूप नहीं रही है. इन सभी कारणों के चलते देश के प्रॉपर्टी डेवलपर्स भारत आ रहे हैं.
जीरो कोविड पॉलिसी के चलते नुकसान
चीन की 'जीरो-कोविड' पॉलिसी ने आग में घी डालने का काम किया है जो आर्थिक सुधार और बाद में रियल एस्टेट विकास के लिए एक बाधा साबित हो रही है. चीन के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की भी यही कहानी है, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी देखी जा रही है. शीर्ष चीनी शेयरों को संयुक्त राज्य अमेरिका में करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. इस स्थिति ने कम सुने जाने वाले भारतीय शेयरों को भी बढ़ावा दिया है. वे बड़े निकास की उम्मीद कर सकते हैं और रियल एस्टेट में गिरावट इस बात को अच्छे से दर्शा रही है. यह जीरो कोविड पॉलिसी और ब्याज नीतियों का पुनर्मूल्यांकन करने का समय है, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा बहुत प्रचारित किया जा रहा है.
क्या हो रहा है?
लगभग चार महीने पहले एस एंड पी ग्लोबल द्वारा अनुमान लगाया गया था कि संपत्ति संकट के कारण चीनी बैंकों को $350 बिलियन का नुकसान हो सकता है. अचल संपत्ति में लोन काफी बढ़ गया था और खराब लोन का प्रतिशत तेजी से बढ़ा है. यह भविष्यवाणी अब हकीकत में बदल गई है.
दुनिया आगे बढ़ी, चीन पीछे रह गया
दुनिया जो कर रही है, चीनी नीतियां उसके विपरीत हैं. जबकि सभी देश मुद्रास्फीति को मात देने के लिए अपनी ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, चीन अपनी दरों में कटौती कर रहा है जो अर्थव्यवस्था में तरलता को और बढ़ा रहा है. उन्होंने डाउन पेमेंट पॉलिसी को भी ढीला कर दिया है। इस स्थिति को देखते हुए स्विस बैंक असुरक्षित लोन की कम वसूली दर देख रहे हैं. यह मुद्दा तब तक जारी रहेगा जब तक चीन में रुके हुए प्रोपर्टी प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो जाते. इससे पहले जुलाई में चीन में 40,000 घर खरीदारों ने रुकी हुई परियोजनाओं पर बंधक का बहिष्कार करने की धमकी दी थी. वर्तमान परिदृश्य में, बैंकों को बड़े पैमाने पर नुकसान होना तय है.
प्रॉपर्टी मार्केट में गिरावट का दौर जारी
पिछले हफ्ते चीनी सरकार ने खुद चीन के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो में डेटा जारी किया था जिसमें कहा गया था कि घर की कीमतें सात वर्षों में सबसे तेज दर से गिरी हैं. संपत्ति की बिक्री भी अक्टूबर 2022 में 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रियल एस्टेट विकास में 8.8 प्रतिशत की गिरावट आई है, कमर्शियल बिल्डिंग्स से राजस्व 26.1 प्रतिशत और कमर्शियल फ्लोर स्पेस में 22.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
पैसा कहां जा रहा है?
भारत संपत्ति की कीमतों में वृद्धि देख रहा है, जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है. ऑल इंडिया हाउसिंग प्राइस इंडेक्स का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर 2022-23 की पहली तिमाही में 3.5 फीसदी बढ़ा है. वैश्विक संपत्ति फर्म चीन के बाहर अपने पदचिह्न का विस्तार करना चाह रही हैं, भारत और वियतनाम भविष्य के निवेश स्थलों की तलाश में हैं. कंपनियां सभी सेक्टर्स को एक ही बॉस्केट में रखने को तैयार हैं चाहे वह रियल एस्टेट हो, मैन्युफैक्चरिंग हो या फिर एनर्जी हो.
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