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PM मोदी ने किया 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन, जानिए इस दौरान उन्होंने क्या-क्या कहा
तालाबों से लेकर वॉक-वे तक को रिनोवेट किया गया है. कर्तव्य पथ 16 किलोमीटर लंबा है. आपको बता दें कि कर्तव्य पथ को पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 years ago
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा के पहले चरण के अंतर्गत 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन कर दिया. उससे पहले उन्होंने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण किया. इस दौरान उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों से मुलाकात कर बातचीत की.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम पर पूरे देश की दृष्टि है. सभी देशवासी इस समय इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं. मैं सभी देशवासियों का हृदय से स्वागत करता हूं. साथियों, आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज नई ऊर्जा मिली है. आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं. आज हर तरफ नई आभा दिख रही है. नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है. गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है. हमेशा के लिए मिट गया है. आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है. मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं."
पीएम मोदी ने कहा, "आज इस स्थान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति भी स्थापित हुई है. वाकई, ये अवसर ऐतिहासिक है. ये अवसर अभूतपूर्व है. हम सभी का सौभाग्य है कि हम आज का ये दिन देख रहे हैं. साथियों, सुभाष चंद्र बोस ऐसे महामानव थे जो संसाधनों की चुनौती से परे थे. उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि पूरा विश्व नेता मानता था. उनमें साहस, स्वाभिमान, विचार, नेतृत्व की क्षमता, नीतियां थी. वो कहा करते थे- भारत वो देश नहीं जो अपने गौरवमयी इतिहास को भुला दे. ये इतिहास हर भारतीय के खून में है. वे भारत की विरासत पर गर्व करते थे और भारत को आधुनिक भी बनाना चाहते थे."
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने पिछले 8 वर्षों में ऐसे कई फैसले लिए, जिनमें नेताजी के आदर्शों के सपनों की छाप है. नेताजी अखंड भारत के प्रधान थे. हमारी ही सरकार के प्रयास से लाल किले में नेताजी से जुड़ा म्यूजियम भी बनाया गया है. मैं वो दिन भूल नहीं सकता, जब 2019 में गणतंत्र दिवस के परेड में आजाद हिंद फौज के सिपाहियों ने भी हिस्सा लिया था." उन्होंने कहा, "आज भारत के संकल्प, पथ, प्रतीक अपने हैं. ये निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है. ये बदलाव केवल प्रतीकों तक ही सीमित नहीं है. ये बदलाव देश की नीतियों का भी हिस्सा बन चुका है. अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैंकड़ों कानूनों को भी बदल चुका है. आज देश का विचार और व्यवहार गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो रहे हैं."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ताभर नहीं है. ये सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. यहां जब लोग आएंगे, तो उन्हें कर्तव्य बोध महसूस होगा. इसी स्थान पर देश की सरकार काम कर रही है. राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे. आज इसका आर्किटेक्चर और आत्मा बदल गई. कर्तव्य पथ से गुजरते हुए नई ऊर्जा मिलेगी. ये पूरा क्षेत्र नेशन फर्स्ट भावना का प्रवाह संचारित होगा. आज के इस अवसर पर श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने अपनी श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है. देश की तरफ से उनका धन्यवाद करता हूं. मैंने इनसे कहा कि इस बार 26 जनवरी को परिवार के साथ मेरे विशेष अतिथि रहेंगे. मुझे संतोष है कि नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन रही है. जब नीतियों में संवेदनशीलता आती है तो निर्णय भी उतने संवेदनशील होते जाते हैं."
पीएम मोदी ने कहा, "मैं देश के हर एक नागरिक का आवाहन करता हूं. आप सभी को आमंत्रण देता हूं. आइए, इस नवनिर्मित कर्तव्य पथ को आकर देखिए. इस निर्माण में आपको भविष्य का भारत नजर आएगा. यहां की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विजन देगी, एक नया विश्वास देगी."
'कर्तव्य पथ' पर अब आम जनता भी जा सकेगी
'कर्तव्य पथ' के उद्घाटन के साथ ही अब आम जनता भी इस पथ पर जा सकेगी. पूरे इंडिया गेट परिसर को 9 सितंबर से आम आदमी के लिए खोल दिया जाएगा. आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा के पहले चरण में इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के इलाके को पुनर्विकसित किया गया है.
आम लोगों के लिए अब क्या खास
तालाबों से लेकर वॉक-वे तक को रिनोवेट किया गया है. कर्तव्य पथ 16 किलोमीटर लंबा है. आपको बता दें कि कर्तव्य पथ को पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था. रिनोवेशन के साथ अब इस पथ का नाम भी बदल दिया गया. यानी जब आप यहां जाएंगे तो आपको सबकुछ बदला-बदला सा और पहले से काफी बेहतर नजर आएगा.
1100 गाड़ियों के लिए पार्किंग
पूरे इंडिया गेट परिसर में 422 नई बेंच बनाई गई हैं. तालाब के ऊपर 16 नए पुल बनाए गए हैं. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के आसपास के इलाके में हरियाली के आसपास वेंडिंग जोन भी बनाए गए हैं. अब यहां पार्किंग की भी समस्या नहीं होगी. यहां दो नई पार्किंग बनाई गई है, जहां 1100 से ज्यादा गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं. पूरे इलाके में 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
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