होम / बातें साहित्य की / IBLF: अनीता भोगले की महिलाओं को सलाह - सुंदरता से ज्यादा जरूरी है कॉन्फिडेंस 

IBLF: अनीता भोगले की महिलाओं को सलाह - सुंदरता से ज्यादा जरूरी है कॉन्फिडेंस 

BW Business World द्वारा आयोजित ‘इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल’ (IBLF) के मुंबई चैप्टर में अनीता भोगले ने अपने विचार रखे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

#IBLF: देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘BW Business World’ द्वारा ‘इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल’ (IBLF) के मुंबई चैप्टर का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में जाने-माने लेखक शिरकत कर रहे हैं. इस मौके पर लेखिका अनीता भोगले (Anita Bhogle) ने अपनी किताब 'Equal, Yet Different: Career Catalysts for the Professional Woman' के बारे में बताया. 

इस तरह मिली प्रेरणा
अनीता भोगले ने कहा कि किताब लिखने की प्रेरणा उन्हें उनकी लाइफ से मिली, लेकिन ये किताब अकेले उनकी कहानी पर ही आधारित नहीं है. इसमें तमाम महिलाओं की अनगिनत परेशानियां, उनके अनुभव और सोसाइटी में महिलाओं के साथ होने वाले पक्षपात पर बात की गई है. यह एक रिसर्च बुक है, जिसके लिए उन्होंने हर वर्ग की महिलाओं से बात की है. अनीता ने कहा कि जब उनके बच्चे बड़े हो रहे थे, तो उन्हें फैमिली का पर्याप्त समर्थन नहीं मिला. पति को काम के सिलसिले में काफी समय तक बाहर रहना पड़ता था. जिसकी वजह से उन्हें करियर से जुड़े कई अवसर गंवाने पड़े.

सुनाई एक लड़की की कहानी
अनीता भोगले ने आगे कहा कि उन्होंने कई अवसर जरूर खोये, लेकिन कुछ अलग, कुछ बड़ा करने की इच्छा हमेशा मन में जगाए रखी. उन्होंने कहा कि हमारे देश में क्षमता के आधार पर अवसरों को विभाजित नहीं किया जाता, बल्कि ये विभाजन महिला-पुरुष के आधार पर होता है. उन्होंने एक लड़की की कहानी भी सुनाई, जो एक ट्रेडिशनल फैमिली से थी. उसने IIT करने के बाद CAT की तैयारी की, लेकिन उसके परिवार ने बीच में ही उसकी शादी करा दी. उसका करियर पर एक तरह से वहीं फुल स्टॉप लग गया था, मगर उसने दो बच्चे होने के बाद अपने सपने पूरे किए. आईआईएम अहमदाबाद गई और लाइफ में सफलता हासिल की. अनीता ने सवाल किया कि ऐसा कितने पुरुषों के साथ होता है?    

बदलनी होगी मानसिकता
उन्होंने कहा कि किताब के सिलसिले में जब वह एक लड़की से मिलीं तो उसने बताया कि वो MBA करना चाहती थी, लेकिन परिवार ने सपोर्ट नहीं किया. अनीता भोगले ने कहा - हर रोज महिलाएं सोचती हैं लाइफ फेयर नहीं है. उन्हें हर कदम पर पक्षपात का सामना करना पड़ता है. वर्क लाइफ बैलेंस नहीं होने के चलते अधिकांश महिलाओं को करियर से समझौता करना पड़ता है. हमें अपनी मानसिकता अब बदलनी होगी.

कैसे आया लिखने का ख्याल?
BW Businessworld के सीनियर एडिटर रूहेल अमीन के इस सवाल पर कि किताब लिखने का ख्याल कब और कैसे आया? अनीता भोगले ने कहा कि मेरी लाइफ ने मुझे किताब लिखने पर ट्रिगर किया, लेकिन ये अकेले मेरी कहानी पर ही बेस्ड नहीं है. पहले मैंने सीरिज ऑफ ब्लॉग लिखने का सोचा था, लेकिन लोग जुड़ते गए, कहानियां बढ़ती गईं, तो इसे किताब की शक्ल दे दी. किताब के टाइटल से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी प्रेरणा मुझे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव वॉग के एक भाषण से मिली, जो उन्होंने कई सालों पहले एक लीडरशिप कांफ्रेंस में दिया था. उन्होंने कहा था कि लीडर अपने लोगों को इक्वली और डिफ्रेंटली ट्रीट करते हैं  

बड़े सपने देखने चाहिए
महिलाओं को सलाह देते हुए अनीता भोगले ने कहा कि उन्हें बड़े सपने देखने चाहिए, जब वह बड़ा सोचेंगी, तभी कुछ बड़ा हासिल कर पाएंगी. उन्होंने कहा कि सुंदर दिखने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हमारे अंदर कॉन्फिडेंस कितना ज्यादा है, हम कितने इंडिपेंडेंट हैं. भोगले ने कहा कि महिलाओं को खुलकर अपनी बात रखना आना चाहिए, उन्हें फैमिली से अपने करियर को लेकर खुलकर बात करनी चाहिए.  


टैग्स
सम्बंधित खबरें

चिट्ठी आई है से लेकर कई गजलों को आवाज देने वाले पंकज उधास का हुआ निधन…एक युग का हुआ अंत 

हालांकि पंकज उधास ने अपने जीवन काल में गजलें भी बहुत गाई. लेकिन चिट्ठी आई है गीत पंकज उधास की एक बड़ी पहचान बनकर सामने आया. 

26-February-2024

युवाओं के लिए संजीवनी बूटी है फजले गुफरान की किताब ‘मेरे राम सबके राम’!

अगर सच में समाज में ‘राम-राज्य’ लाना है, तो श्रीराम को आध्यात्मिक रूप से देखना और समझना बेहद जरूरी है.

28-September-2023

निरंतर बढ़ रही है बिजनेस की दुनिया में 'हिंदी' भाषा की सक्रियता

कुछ अंग्रेजी के दबाव व कुछ अंतर्विरोधों के कारण हिंदी कुछ समय के लिए दबी जरूर रही लेकिन अब हिंदी की स्थिति लगातार बहुत अच्छी होती जा रही है. 

14-September-2023

आजादी के 76 साल बाद भी 'राष्ट्रभाषा' ना बन पाने की टीस को महसूस करती हिंदी

संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषाओं का दर्जा मिला हुआ है, उनमें हिंदी भी एक है. फिलहाल, भारत की कोई 'राष्ट्रभाषा' नहीं है. 

14-September-2023

माधोपुर का घर’ एक उपन्‍यास है जो तीन पीढ़ियों की कहानी कहता है: त्रिपुरारी शरण 

माधोपुर का घर एक ऐसा उपन्‍यास है, जिसे नई विधा में लिखा गया है साथ ही इसे बेहद रोचक तरीके से लिखा गया है. ये एक ऐसी कहानी है जिसमें कई दिलचस्‍प किरदार हैं जो कहानी को और मार्मिक बना देते हैं.

14-August-2023


बड़ी खबरें

कांग्रेस छोड़कर एक बार फिर बीजेपी में शामिल हुए लवली, जानिए कितनी है इनके पास संपत्ति?

कांग्रेस के कद्दावर नेता अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल हो गए हैं. लोकसभा चुनाव के बीच ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है.

1 day ago

ये खिलाड़ी भारत को फिर जिताएंगे T20 world कप, जान लीजिए नाम

BCCI ने 30 अप्रैल को आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय दल की घोषणा की थी. आइये ऐसे में जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जो भारत के लिए एक्स फैक्टर की भूमिका निभाएंगे.

1 day ago

28% जीएसटी को लेकर जुलाई में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, याचिकाकर्ता को दिया ये निर्देश

ये पूरा मामले गेमिंग कंपनियों पर लगाए गए 28 प्रतिशत जीएसटी टैक्‍स के बाद भेजे गए करोड़ों रुपये के नोटिस के खिलाफ है. अब कोर्ट गर्मियों की छुटिटयों के बाद इसमें सुनवाई करेगी. 

1 day ago

नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने हासिल किया ये स्‍वर्णिम मुकाम, मिलने जा रहा है इतना डिविडेंड 

एनएसई(NSE) के मुनाफे में बढ़ोतरी तब हुई है जब उसकी ऑपरेशनल कॉस्‍ट में 90 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 2023-24 में ये 5000 करोड़ से ज्‍यादा रही जबकि उससे पहले 2022 में ये 2812 करोड़ थी. 

1 day ago

Apple, Meta और Google करने जा रहे हैं वो काम, जो इतिहास में हो जाएगा दर्ज

पिछले कुछ सालों में इस देश में शेयर बॉयबैक में कमी देखने को मिली है. 2022 के मुकाबले 2023 में इसमें काफी कमी देखने को मिली है. लेकिन इस बार इसके ज्‍यादा बढ़ने की उम्‍मीद है. 

1 day ago