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छंटनी में नौकरी गंवाने लोगों के लिए भारत बनेगा सहारा, जानिए कैसे होगा फायदा?
पिछले एक साल के दौरान Google, Microsoft, Meta, Amazon और Salesforce जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों ने बहुत सी छंटनी की थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
कोविड महामारी के खत्म होने के बाद से छंटनी का एक दौर शुरू हुआ जो इस वक्त भी जारी है और कंपनियों द्वारा अभी भी छंटनी की जा रही हैं. महामारी खत्म होने के बाद ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी लागत और कमाई को संतुलित करने के लिए छंटनी शुरू की थी. ग्लोबल स्तर पर हुई छंटनी की वजह से नौकरी खोने वाले लोगों को भारत से कुछ राहत मिल सकती है.
भारत को कैसे होगा फायदा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्लोबल स्तर पर छंटनी की वजह से टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लगभग 3 लाख लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी और इनमें से 30-40% लोग आने वाले महीनों में भारत जैसे आउटसोर्सिंग के प्रमुख देशों की तरफ रुख कर सकते हैं. इन लोगों में से ज्यादातर को भारत में मौजूद बड़ी टेक कंपनियों के कर्मचारियों में शामिल किया जा सकता है. साल 2024-25 तक ग्लोबल स्तर पर नौकरी से निकाले गए 30-40% लोग, भारत का रुख कर सकते हैं. इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि मिड से लॉन्ग टर्म में भारत को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है क्योंकि ज्यादातर कंपनियां भारत में अपनी मौजूदगी को बढाने की तैयारी कर रहे हैं.
बढ़ गई भारतीय कर्मचारियों की संख्या
पिछले एक साल के दौरान Google, Microsoft, Meta, Amazon और Salesforce जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों और कंपनियों की टेक्नोलॉजी सर्विस शाखाओं ने बहुत सी छंटनी की थी. साथ ही बैंकिंग और टेलिकॉम क्षेत्र की बहुत सी नामी और बड़ी कंपनियों ने भी छंटनी की थी. नौकरी प्रदान करने वाली एक कंपनी Xpheno से प्राप्त हुए डाटा को देखें तो पता चलता है कि जहां बड़ी टेक कंपनियों में भारतीय कर्मचारियों की संख्या उनके कुल कर्मचारियों की संख्या का लगभग 17% हुआ करती थी वहीं पिछले 1 साल में यह बढ़कर 35% पर पहुंच गई है जबकि दुनिया के अन्य देशों में यह सिर्फ 12% ही बढ़ा है.
भारत में ऐसे बढ़ेगी कंपनियों की मौजूदगी
दूसरी तरफ बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस क्षेत्र के कर्मचारियों की संख्या में लगभग 21% जितनी बढ़ोत्तरी ही हुई है. टेक इंडस्ट्री की जानी मानी कंपनी Nasscom से प्राप्त हुए डाटा की मानें तो भारत में 2700 से ज्यादा GCC (ग्लोबल कैपबिलिटी सेंटर) यूनिट्स हैं और इनमें से 65% यूनिट्स उन कंपनियों की है जिनका हेडक्वार्टर अमेरिका में स्थित है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार क्योंकि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के GCC और इन-हाउस डिलीवरी सेंटर भारत में स्थित हैं इसलिए ये कहा जा सकता है कि भारत में अभी कंपनियों की मौजूदगी बढ़ेगी.
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