होम / साक्षात्कार / दिल्ली पुलिस ने देश में किया सबसे पहले ये काम, अब कई स्टेट सीख रहे हैं उनसे ये कला
दिल्ली पुलिस ने देश में किया सबसे पहले ये काम, अब कई स्टेट सीख रहे हैं उनसे ये कला
दिल्ली पुलिस द्वारा हथियारों के स्मार्ट लाइसेंसों के उपयोग ने हरियाणा पुलिस को भी प्रेरणा दी है और वह भी एक ऐसे सिस्टम को अपनाना चाहते हैं
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
देश में पहली बार स्मार्ट कार्ड लाइसेंसों का इस्तेमाल करके दिल्ली पुलिस ने हथियारों के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को ज्यादा आधुनिक बना दिया है. दिल्ली पुलिस द्वारा हथियारों के स्मार्ट लाइसेंसों के उपयोग ने हरियाणा पुलिस को भी प्रेरणा दी है और वह भी एक ऐसे सिस्टम को अपनाना चाहते हैं. फरवरी में दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस के मौके पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हथियारों की स्मार्ट लाइसेंसिंग प्रक्रिया की सराहना की थी.
BW पुलिस-वर्ल्ड के साथ अपने इंटरव्यू के दौरान दिल्ली पुलिस में लाइसेंसिंग और लीगल विभाग के विशेष आयुक्त संजय सिंह ने हथियारों के स्मार्ट लाइसेंस और दिल्ली में हथियारों की लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के बारे में विशेष बातचीत की है. संजय सिंह ने साल 1990 में भारतीय पुलिस सेवा के AGMUT कैडर को एक IPS अधिकारी के रूप में जॉइन किया था. संजय सिंह दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं और उन्हें पुलिस फोर्स में अलग अलग भूमिकाओं द्वारा किये गए उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है.
दिल्ली पुलिस ने हथियारों की स्मार्ट लाइसेंसिंग शुरू की है और ऐसा करने वाली यह देश की पहली पुलिस फोर्स भी है. इस स्मार्ट कार्ड और स्मार्ट लाइसेंसिंग प्रक्रिया के बारे में हमें और बताइए.
निस्संदेह दिल्ली पुलिस देश की पहली पुलिस फोर्स है जिसने हथियारों के लिए स्मार्ट लाइसेंस जारी किये हैं और साथ ही, पूरी प्रक्रिया को भी डिजिटल बना दिया है. यह फैसला भारत सरकार की ‘डिजिटल भारत’ पॉलिसी को ध्यान में रखकर लिया गया है और ऐसा इसलिए किया गया है ताकि हम नागरिकों को बेहतर सुविधा प्रदान कर सकें. हथियारों के लाइसेंस के आवेदन केवल ऑनलाइन स्वीकार किये जाते हैं और इसके साथ ही ई-ऑफिस के माध्यम से आंतरिक प्रक्रिया को पूरा किया जाता है. हमारे पास इस वक्त हथियारों के लगभग 43,000 लाइसेंस रजिस्टर्ड हैं. स्टाफ और सुपरवाइजरी अधिकारियों के सहयोग से हम जल्द ही लाइसेंसिंग की बाकी सुविधाओं को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करवा देंगे.
दिल्ली पुलिस ने एक कदम आगे बढ़कर हथियारों के लिए स्मार्ट कार्ड भी जारी किये हैं. यह हथियार के लाइसेंस होल्डर्स की किस प्रकार से सहायता करेगा?
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल फरवरी में हथियारों के लिए स्मार्ट कार्ड लाइसेंस लॉन्च किये थे. इसके बाद स्मार्ट लाइसेंस रखने के लिए हमें लाइसेंस होल्डरों से बहुत ही जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था. अब तक 10,000 से ज्यादा स्मार्ट कार्ड जारी किये जा चुके हैं. स्मार्ट कार्ड को अपने साथ रखना तो आसान है ही, इसके साथ ही इस स्मार्ट कार्ड में बहुत से सिक्योरिटी फीचर्स भी मौजूद हैं.
दिल्ली पुलिस ने हथियार के लाइसेंसों को जांचने के लिए ‘शस्त्र ऐप’ की भी शुरुआत की है. हमें बताइए की यह कैसे काम करता है?
‘शस्त्र ऐप’ दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग यूनिट द्वारा विकसित किया गया एक ऐप है जो ई-बीट बुक के साथ जुड़ा होता है. बीट पर मौजूद पुलिस अधिकारी अब लाइसेंस होल्डर के स्मार्ट कार्ड को स्कैन करके अथवा कार्ड के UID (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर) के माध्यमक से हथियार से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. शस्त्र ऐप जल्द ही हथियार के लाइसेंस की डाइनेमिक और रियल टाइम चेकिंग की सुविधा भी प्रदान करेगा. यह कदम अपराधियों द्वारा जाली लाइसेंस लेकर चलने की हिम्मत को तोड़ देगा.
आपके इस कदम ने बहुत से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को हथियारों की स्मार्ट कार्ड लाइसेंसिंग प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित किया है. ऐसी और कौन सी पुलिस फोर्स हैं जो लाइसेंसिंग के इस आधुनिक तरीके का इस्तेमाल करती हैं?
पड़ोसी राज्यों की पुलिस के कई बड़े अधिकारी दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग यूनिट का दौरा कर चुके हैं. हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और बहुत से अन्य सरकारी अधिकारी हमारी यूनिट का दौरा करके स्मार्ट कार्ड बनाने की इस डिजिटल प्रक्रिया को समझ चुके हैं. मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि, सभी अधिकारियों ने हमारे इस विजन और प्रयास की सराहना की है. साथ ही, उन्होंने अपने विभागों में भी ऐसी ही प्रक्रिया को अपनाने की रुचि दिखाई है. हरियाणा पुलिस ने लाइसेंसिंग की डिजिटल प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया है.
क्या हम कह सकते हैं कि स्मार्ट लाइसेंसिंग से देश की राजधानी में लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को कानूनी बनाने में मदद मिलेगी?
इस फैसले के पीछे लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को आसान, तेज और प्रोफेशनल बनाने की कोशिश है. प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की वजह से किसी के पास भी गैर-कानूनी तरीके से लाइसेंस बनवाने के लिए कोई जगह नहीं बची है. साथ ही ऐसे लोग जिनके पास गैर कानूनी रूप से हथियार मौजूद हैं, अब किसी हालत में पुलिस से नहीं बच सकते.
यह भी पढ़ें: शेयर मार्केट में गिरावट जारी, लेकिन ये शेयर्स दे रहे हैं मंगल संकेत
टैग्स