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अब Amul बनाएगा आपके किचन का हर सामान, MD Jayen Mehta का ये है प्लान!
इससे पहले भी एक बार Amul डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा अन्य क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने की कोशिश कर चुका है.
अर्जुन यादव 11 months ago
साल दर साल अपने डेयरी प्रोडक्ट्स की बदौलत टर्नओवर में होती बढ़त के साथ Amul अब भारतीय FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर्स गुड्स) मार्केट में कदम रखना चाहता है. Amul का मानना है कि FMCG क्षेत्र में कदम रखने के लिए यह एकदम सही वक्त है और कंपनी को डेयरी के अलावा अन्य फ़ूड कैटेगरिज में भी अपने प्रोडक्ट्स लॉन्च करने चाहिए.
Amul और ऑर्गेनिक फूड सेगमेंट
Amul के मैनेजिंग डायरेक्टर जयंत मेहता (MD Jayen Mehta) ने इस बारे में बिजनेसवर्ल्ड (BusinessWorld) से खास बातचीत की और आने वाले समय में डेयरी के अलावा अन्य फ़ूड कैटेगरिज में कदम रखने के कंपनी के प्लान के बारे में भी जानकारी दी है. FMCG क्षेत्र की तरफ कंपनी द्वारा बढ़ाए जा रहे कदमों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा – इस क्षेत्र में शुरुआत करने के लिए यह वक्त बिलकुल ठीक है और हम विभिन्न सेग्मेंट्स में शुरुआत करने के बारे में सोच रहे हैं और ऑर्गनिक फूड सेगमेंट भी ऐसा ही एक सेगमेंट है. आजकल के समय में लोग ऐसा खाना खोजते हैं जिसमें केमिकल्स, कीड़े मारने की दवा आदि न हों. ऑर्गेनिक्स को प्रजातंत्रीय बनाना जरूरी है क्योंकि फिलहाल कंज्यूमर्स को इसके लिए काफी भारी भरकम खर्चा करना पड़ता है.
जल्द हर ब्रैंड पर होगा Amul का नाम
हम विभिन्न राज्यों में ऑर्गेनिक फूड से संबंध रखने वाले को-ओपरेटिव्स को प्रमोट करने वाली कंपनियों में से एक हैं. हमने ऐसे किसानों के साथ काम करना शुरू किया है जिन्हें ऑर्गेनिक्स में इंटरेस्ट है. हमने बहुत सी लैब्स भी स्थापित की हैं जिनमें हम ये जांचते हैं कि क्या हमारे कृषि संबंधित प्रोडक्ट्स, केमिकल्स और कीड़े मारने की दवाओं से मुक्त हैं या नहीं. इस कैटेगरी में हमने विभिन्न दालों, बासमती चावल और आटे जैसे 8 से 10 प्रोडक्ट्स को लॉन्च भी कर दिया है. Jayen Mehta ने बताया कि Amul जल्द ही ऑर्गेनिक चीनी, चायपत्ती और गुड़ भी लॉन्च करने वाले हैं. आसान शब्दों में कहें तो आपके किचन में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रोडक्ट्स पर आपको बहुत जल्द Amul की ब्रैंडिंग देखने को मिल सकती है फिर चाहे वह ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हो या फिर कोई डेयरी प्रोडक्ट.
तेल के क्षेत्र में भी Amul
Jayen Mehta ने बताया कि Janmay ब्रैंड के साथ उन्होंने तेल के सेगमेंट में भी कदम रख लिया है. आपको बता दें कि उत्तरी गुजरात में Amul का एक ऑयल-क्रशिंग प्लांट भी मौजूद है. कंपनी के पास विभिन्न प्रोडक्ट्स का अच्छा-खासा पोर्टफोलियो मौजूद है और साथ ही कंपनी के पास किसानों का समर्थन भी है. माना जा रहा है कि तेल के इस सेगमेंट में भी Amul जल्द ही एक बड़ा स्तर प्राप्त कर सकता है.
बेवरेज के क्षेत्र में भी Amul?
रिलायंस (Reliance) द्वारा कैम्पा कोला (Campa Cola) का अधिग्रहण किये जाने के बाद से ही भारत में बेवरेज के क्षेत्र में मुकाबला काफी ज्यादा बढ़ गया है. जब Jayen Mehta से इस क्षेत्र में Amul की मौजूदगी और फ्यूचर प्लान्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बेवरेज के क्षेत्र में कंपनी के पास 120 से ज्यादा SKU (स्टॉक कीपिंग यूनिट्स) मौजूद हैं. फ्लेवर्ड मिल्क, कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, प्राकृतिक प्रोटीन प्रोडक्ट्स, लस्सी से लेकर छाछ तक Amul की मौजूदगी हर जगह है. ‘Amul Kool’ बेवरेज के क्षेत्र का एक सबसे बड़ा और प्रमुख ब्रैंड है. हर कैटेगरी में कंपनी की मौजूदगी को बड़ा करने के लिए हमारे पास शानदार प्लान्स उपलब्ध हैं. दूध के सेगमेंट के लिए हमारे पास 98 डेयरी प्लांट्स मौजूद हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र में प्रोटीन और प्रोबायोटिक से लेकर ऊंट और भैंस के दूध जैसे प्रोडक्ट्स भी उपलब्ध हैं.
Amul ने पहले भी किया था ट्राई पर मार्केट ने नकारा
इससे पहले भी एक बार Amul डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा अन्य क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने की कोशिश कर चुका है और तब Amul को मार्केट का बहुत बड़ा हिस्सा प्राप्त करने में असफलता का सामना करना पड़ा था. इस बारे में जब जयन मेहता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, विविध प्रोडक्ट्स के क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाने के हमारे प्लान के पीछे की प्रमुख वजह किसानों का कल्याण था. उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय चॉकलेट कंपनियां दक्षिणी भारत के कोको बीन (Cocoa Bean) निकालने वाले किसानों का शोषण करती थीं. जब Amul ने इस क्षेत्र में कदम रखा तो दक्षिणी भारत में CAMPCO की शुरुआत हुई और हमने उनसे चॉकलेट बनाने के लिए कोको बीन्स खरीदने की शुरुआत की. हमारी कामयाबी का पता सिर्फ मार्केट में मौजूद हमारे हिस्से और प्रोडक्ट्स की सेल्स से नहीं लगाया जा सकता.
Amul ने किया किसानों का कल्याण
Jayen Mehta ने आगे बताते हुए कहा कि चॉकलेट के क्षेत्र में कंपनी द्वारा किये गए हस्तक्षेप की वजह से कोको बीन उगाने वाले किसानों को उनके प्रोडक्ट्स की उचित कीमत मिली और यही वो जगह है जहां सच में रिजल्ट्स दिखने चाहिए. आज हम भारत में डार्क चॉकलेट बनाने वाले सबसे बड़े ब्रैंड हैं और 2018 में हमने अपनी क्षमता को लगभग 5 गुना बढ़ाया था. फिलहाल हम पूरी 100% क्षमता पर काम कर रहे हैं और हम इसे दोगुना करने के बारे में भी विचार कर रहे हैं. बेवरेज के क्षेत्र की बात करें तो हमने देश में सबसे पहले ‘Seltzer’ लॉन्च किया था. इसके साथ ही, असली फलों से बने प्रोडक्ट्स, डेयरी आधारित प्रोडक्ट और सबसे जरूरी, हमने एक ऐसा कोला ड्रिंक भी पेश की थी जिसमें कैफीन या फॉस्फोरिक एसिड नहीं था. ये वो आईडिया हैं जिनकी शुरुआत हमने देश में की थी. हम अपने आपको सीधा कोक या पेप्सी के बराबर नहीं बता रहे क्योंकि हमारे और उनके प्रोडक्ट्स में अंतर है.
फ्रोजन फ़ूड पोर्टफोलियो
Jayen Mehta ने कहा कि फ्रोजन फूड पोर्टफोलियो में पिज्जा की मदद से Amul को समझ आया कि कंज्यूमर्स को रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स चाहिए. अब हमारे पास फ्रोजन पराठा और फ्रेंच फ्राइज जैसे प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं. हमने फ्रोजन फ्रेंच फ्राइज बनाने के लिए एक फैक्ट्री भी लगायी है और इस फैक्ट्री में सभी आलू सीधा किसानों से खरीदे जाते हैं. इस प्लांट की शुरुआत 6 महीने पहले हुई थी और इस वक्त यह अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कंपनी अपनी इस फैक्ट्री की क्षमता में 4 गुना की बढ़ोत्तरी करने के बारे में सोच रही है.
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