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शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर, अब नहीं मिलेंगे ये पॉपुलर व्हिस्की ब्रांड्स!
डियाजियो का मुख्यालय लंदन में है और यह दुनियाभर के 180 देशों में शराब के 200 से अधिक ब्रांड्स बेचती है. भारत में ही यह 50 से अधिक ब्रांड्स बनाती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
यदि आप व्हिस्की के शौकीन हैं और जॉनी वॉकर, मैकडॉवेल, रॉयल चैलेंज या फिर ब्लैक डॉग फेवरेट ब्रांड्स में शामिल हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. इन लोकप्रिय व्हिस्की ब्रांड्स को बनाने वाली कंपनी डियाजियो (Diageo) ने कई राज्यों में बिक्री बंद कर दी है. इसका सीधा सा मतलब है कि मौजूदा स्टॉक खत्म होने के बाद आपको अपनी पसंदीदा व्हिस्की के लिए मशक्कत करनी होगी.
भारत में बनाती है 50+ ब्रांड्स
पूरा मामला समझने से पहले, डियाजियो के बारे में जानते हैं. इस कंपनी का मुख्यालय लंदन में है और यह दुनियाभर के 180 देशों में शराब के 200 से अधिक ब्रांड्स बेचती है. भारत में ही यह 50 से अधिक ब्रांड्स बनाती है. 1997 में स्थापित इस कंपनी के कुछ प्रमुख व्हिस्की ब्रांड्स में जॉनी वॉकर, मैकडॉवेल, रॉयल चैलेंज, सिग्नेचर, ब्लैक डॉग, वैट 69 और एंटीक्विटी शामिल हैं. इसका रिवेन्यु 2,244.8 करोड़ ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग है.
यह है बिक्री रोकने की वजह
अब जानते हैं कि आखिर कंपनी ने भारत के कई राज्यों में बिक्री बंद करने का फैसला क्यों लिया? कंपनी ने अपने इस फैसले के पीछे जो तर्क दिया है, वो अधिकांश लोगों को चौंका सकता है. डियाजियो का कहना है कि कीमतें नहीं बढ़ा पाने की वजह से उसे घाटा हो रहा है. अमूमन यह माना जाता है कि शराब बनाने वालीं कंपनियां ज़बरदस्त मुनाफा कमाती हैं, क्योंकि इस सेक्टर में कभी मंदी नहीं आती. हालांकि, डियाजियो का कहना है कि शराब बनाने की प्रक्रिया पर महंगाई की मार पड़ी है, इसलिए पुरानी दरों पर शराब बेचकर उसे नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि कंपनी ने कई राज्यों में अपने कुछ ब्रांड्स की बिक्री रोक दी है.
क्यों नहीं बढ़ा पा रही कीमतें?
यहां यह सवाल भी लाजमी है कि आखिर डियाजियो को शराब के दाम बढ़ाने से कौन रोक रहा है? दरअसल, भारत सरकार द्वारा शराब की कीमतों पर अधिकतम सीमा लागू की गई है. यानी कि एक निश्चित सीमा के आगे दाम नहीं बढ़ाए जा सकते. इसी वजह से डियाजियो लागत के अनुरूप कीमत नहीं बढ़ा पा रही है. इस वजह से उसके और सरकार के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का दावा है कि पुरानी कीमत पर शराब बेचने की वजह से उसे पहले ही 90 लाख डॉलर का नुकसान हो चुका है. डियाजियो अब और घाटा उठाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए कंपनी की भारतीय शाखा ने कुछ ब्रांड्स की बिक्री रोक दी है.
उल्टा न पड़ जाए फैसला
डियाजियो इंडिया बिक्री रोकने के फैसले को भले ही सही बता रही हो, लेकिन इसका उल्टा असर भी हो सकता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फेस्टिवल सीजन में शराब की डिमांड में काफी इजाफा होगा, ऐसे में कंपनी को प्रोडक्शन बढ़ाकर सेल में वृद्धि के बारे में सोचना चाहिए था. उधर, कंपनी चाहती है कि सरकार महंगाई बढ़ने के साथ शराब की कीमत बढ़ाने के लिए एक मशीनरी तैयार करे. मौजूदा व्यवस्था के तहत हर राज्य शराब की अपनी कीमत तय करते हैं. साथ ही कंपनी यह भी चाहती है कि शराब को भी GST के दायरे में लाया जाए, जिससे शराब बिक्री की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. हालांकि, राज्यों के लिए शराब कमाई बड़ा बढ़िया साधन है, इसलिए वे इसे जीएसटी में शामिल करने के खिलाफ हैं.
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