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प्रधानमंत्री मोदी ने दिया इन्वेस्टमेंट के लिए सुझाव, जानिए क्या है पूरा मामला?
सरकार को उम्मीद है कि यह वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले इस नीलामी की बदौलत हजारों करोड़ रुपए राजकीय खजाने में दर्ज होंगे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
Palak Shah
(The writer is author of the book: The Market Mafia - Chronicle of India’s High-Tech Stock Market Scandal & The Cabal That Went Scot-Free. Palak has been a journalist in Mumbai for nearly two decades now.)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी इन्वेस्टमेंट के लिए सुझाव दे रहे हों तो ध्यान दें. 10 अगस्त को प्रधानमंत्री ने अपने शांतचित्त अंदाज में मार्केट इन्वेस्टर्स को PSU स्टॉक्स (पब्लिक सेक्टर की अंडरटेकिंग) पर दांव लगाने को कहा था और संसद में मौजूद सभी लोग खिलखिलाकर हंस उठे थे. प्रधानमंत्री मोदी के बहुत से साथियों की तरह ही मार्केट के इन्वेस्टरों ने भी संसद में होने वाली सामान्य बातचीत समझकर उनकी इस इन्वेस्टमेंट को काफी हल्के में लिया था.
लिथियम रिजर्व से कमा सकते हैं प्रॉफिट
लेकिन दिल्ली में बैठे अधिकारियों को भारत में पाए गए विशालकाय लिथियम रिजर्व (Lithium Reserves) की खुदाई बारे में पता है और उन्हें यह भी पता है कि जम्मू-कश्मीर में पाए गए इस रिजर्व की खुदाई के लिए 2023 से पहले ही नीलामी की जाएगी और इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है. सरकार को उम्मीद है कि यह वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले इस नीलामी की बदौलत हजारों करोड़ रुपए राजकीय खजाने में दर्ज होंगे. लेकिन इससे भी महत्त्वपूर्ण ये है कि स्टॉक ट्रेडर्स प्रधानमंत्री द्वारा इन्वेस्टमेंट को लेकर दिए गए इस सुझाव से अच्छा-खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं.
इन कंपनियों पर दें ध्यान
नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NMDC), गुजरात मिज्नेरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (GMDC), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (NALCO) उड़ीसा मिनरल डेवलपमेंट कंपनी, MOIL और कोल इंडिया (Coal India) वह PSU कंपनियां हैं जो भारत में प्रमुख रूप से खनन के लिए जानी जाती हैं. नीलामी में कुछ अन्य PSU खनन कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं, लेकिन वह लिस्टेड नहीं हैं. इस लिस्ट में NMDC एक ऐसी कंपनी है जो नीलामी में अन्य कंपनियों से आगे निकल सकती है.
दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक
NMDC ने ऑस्ट्रेलियाई कंपनी Hancock Prospecting के साथ पार्टनरशिप भी की है. Hancock Prospecting की मालकिन अरबपति Gina Rinehart हैं और यह कंपनी कोबाल्ट और लिथियम के खनन के लिए जानी जाती है. इस साल की शुरुआत में जब प्रधानमंत्री मोदी अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर थे तब उन्होंने इस कंपनी की मालकिन Gina Rinehart से मुलाकात भी की थी. NMDC और Hancock Prospecting अपनी रणनीतिक साझेदारी के तहत खनन के लिए ऑस्ट्रेलिया में लिथियम के खनन के लिए जगह कि तलाश में भी जुट गए हैं. आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, दुनिया अका सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक है और ऑस्ट्रेलियाई लिथियम इंडस्ट्री भारत से कहीं ज्यादा मैच्योर भी है.
GMDC भी है दौड़ में शामिल
GMDC और हिन्दुस्तान कॉपर (Hindustan Copper) ने भी इस साल लिथियम और कोबाल्ट जैसे दुर्लभ खनिजो के खनन को लेकर अपने बड़े प्लान्स की घोषणा कर दी है. इस साल गुजरात की राज्य सरकार ने जून में रिटायर हो चुके IAS अधिकारी हंसमुख अधिया को GMDC के चेयरमैन के रूप में नियुक्त कर दिया था. ज्यादातर अधिकारियों को ये पता है कि हंसमुख अधिया को प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन प्राप्त है. ये सब बातें एक ही ओर इशारा करती हैं कि PSUs बहुत ही शांत तरीके से अपना काम कर रही हैं और कुछ बड़ा होने वाला है जिसके लिए सरकार भी तैयार नजर आ रही है.
लिथियम को लेकर भारत का प्लान
यह बात तो बहुत ही साफ है कि अगर भारत ‘क्लीन एनर्जी’ के क्षेत्र में कुछ काम नहीं करता है तो देश ग्लोबल लीग से बाहर रह जाएगा. भारत द्वारा क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में किए जाने वाले काम के केंद्र में लिथियम का खनन है. जब बात लैपटॉप या फिर मोबाइल फोन बनाने की आती है तो भारत बाकी के देशों से काफी पीछे हैं लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन एक ऐसा विषय है जिसपर सरकार तेजी से काम कर रही है. आने वाले सालों में बैटरी आधारित इलेक्ट्रॉनिक प्रमुख रूप से उन्ही देशों में बनाया जाएगा जहां लिथियम रिजर्व्स मौजूद हैं.
प्राइवेट खनन कंपनियां एवं नए नियम
जुलाई में संसद द्वारा खनिज एवं मिनरल (डेवलपमेंट और रेगुलेशन) अमेंडमेंट बिल पास किया गया था. यह बिल 6 में 12 एटॉमिक मिनरल्स के खनन के लिए प्राइवेट कंपनियों को अनुमति प्रदान करता है. इन 6 मिनरल्स में लिथियम, सोना और चांदी जैसे मिनरल्स शामिल हैं. इस बिल को राज्य सभा द्वारा भी पास किया जा चुका है. अब सरकार द्वारा महत्त्वपूर्ण मिनरल्स के खनन के लिए लाइसेंस के प्रावधान को इस बिल में जोड़ा जाएगा. इस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए कंपनियों को खदान की देखभाल के लिए अंडरटेकिंग देनी होगी और संभावित ऑपरेशंस के लिए नीलामी में शामिल होना होगा.
सोच समझ के दिया इन्वेस्टमेंट का सुझाव
अपने नौ सालों के कार्यकाल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टॉक मार्केट को इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई सलाह दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा एवं लोकसभा द्वारा खनिज एवं मिनरल (डेवलपमेंट और रेगुलेशन) अमेंडमेंट बिल पास करने के बाद ही प्रधानमंत्री द्वारा यह सलाह दी गई थी. हाल ही में चीन के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित सिचुआन (Sichuan) में लिथियम की 2 खदानों की नीलामी की गई थी जिसके लिए 7000 कंपनियों द्वारा बोली लगाई गई थी. इतना ही नहीं, इन खदानों के लिए लगाई गई बोली में एक खास बात ये भी थी कि इनकी कीमतें शुरूआती स्तर से 100 गुना ज्यादा थी. इसलिए अगर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा PSUs में इन्वेस्ट करने की सलाह दी जा रही है तो निश्चिन्त रहकर इन्वेस्टमेंट की जा सकती है.
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