होम / एक्सप्लेनर / स्कैम करने के तरीकों में हो रहा है इजाफा, इस तरह करें खुद का बचाव!
स्कैम करने के तरीकों में हो रहा है इजाफा, इस तरह करें खुद का बचाव!
स्कैम करने के तरीकों में बढ़ोत्तरी हो रही है और स्कैम करने वाले ज्यादा स्मार्ट होते जा रहे हैं, ऐसे में खुदका बचाव करना जरूरी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
हममें से कितनी ही बार कोई न कोई किसी न किसी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड या फिर किसी अन्य तरह की धोखाधड़ी का शिकार जरूर हुआ है? हममें से लगभग सभी को किसी ऐसे व्यक्ति से ईमेल प्राप्त हुआ है, जो हमारी मेल लिस्ट में नहीं है और वह विरासत के रूप में प्राप्त हुई लूट को हमारे साथ बांटना चाहता है. प्रोफेशनल अमेरिकी कुश्ती के मैनेजर बॉबी हेनान कहते हैं कि "पैसा तो पैसा ही है, चाहे आप इसे कमाएं या फिर धोखाधड़ी से प्राप्त करें" अंतर बस यह है कि हम पैसे को कमाते हैं और वे (घोटाला करने वाले लोग) इसे धोखाधड़ी से प्राप्त करते हैं. स्कैम विभिन्न रंगो के होते हैं और ये नौकरी घोटाले, ई-कॉमर्स घोटाले, नकली दोस्तों को कॉल करने जैसे घोटालों से लेकर फिशिंग घोटाले, मालवेयर घोटाले, पोंजी घोटाले, इन्वेस्टमेंट घोटाले, संपत्ति घोटाले तक फैले हुए हैं और यह लिस्ट कभी खत्म नहीं होती है. स्कैम करना धोखाधड़ी ही माना जाता है. भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2021-22 में 60,414 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी और “पिछले 7 सालों में सामूहिक रूप से बैंक फ्रॉड की वजह से हर दिन 100 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है” , माइक्रोसॉफ्ट 2021 ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च रिपोर्ट को देखने पर पता चलता है कि 69% उपभोक्ताओं ने 2021 में किसी न किसी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड का अनुभव किया है.
कैसे होते हैं घोटाले?
आखिर घोटालेबाज क्या करते हैं? उनके पास कई तरकीबें होती हैं और अक्सर इनमें हेरफेर करना, गलत बयान देना या फिर धोखा देना शामिल होता है. व्यक्तिगत बातचीत, फोन पर कॉल, ईमेल, टेक्स्ट मैसेज और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ये सभी विभिन्न तरीके हैं जो घोटाले के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. फिशिंग, पहचान की चोरी, नकली वेबसाइट, लोगों को व्यक्तिगत जानकारी प्रकट करने या पैसे भेजने के लिए बरगलाना एवं अन्य इंटरनेट-आधारित योजनाएं वे उपकरण हैं जिनका वे इस्तेमाल करते हैं. स्कैम करने वाले लोग ज्यादा रिटर्न का वादा करके नकली निवेश के अवसर प्रदान कर सकते हैं. लेकिन वास्तव में, वादे के अनुसार पैसा निवेश करने का उनका कोई इरादा नहीं होता है. कभी-कभी पीड़ितों को बताया जाता है कि उन्होंने कोई ईनाम या लॉटरी जीती है, लेकिन उन्हें अपनी जीत का दावा करने के लिए शुल्क या किसी तरह के टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, जो मौजूद नहीं है. रोमांस की कोई उम्र नहीं होती और ऑनलाइन, रोमांटिक रिश्ते पीड़ितों को आर्थिक रूप से धोखा देने के इरादे से बनाए जाते हैं. एडवांस में फीस लेना धोखाधड़ी का वह तरीका है जहां स्कैम करने वाला व्यक्ति, पीड़ितों से ऋण, नौकरी के अवसर या दान तक पहुंचने के लिए एडवांस फीस का भुगतान करने के लिए कहता है. व्यक्ति का फीस का भुगतान तो कर देता है लेकिन उसे सेवा कभी मिल नहीं पाती है.
टेक्नोलॉजी की मदद से घोटाले
उन सभी लोगों के लिए जो टेक्नोलॉजी से अच्छी तरह परिचित नहीं हैं, टेक-सपोर्ट स्कैम हैं, जहां स्कीम करने वाला व्यक्ति टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करने वाले एजेंट के रूप में पेश करते हैं और दावा करते हैं कि पीड़ितों का कंप्यूटर या सोफ्टवेयर मालवेयर से संक्रमित है और उनसे अनावश्यक सेवाओं या सोफ्टवेयर के लिए शुल्क लेते हैं. चैरिटी स्कैम में घोटालेबाज खुद को एक धर्मार्थ संगठन बताते हैं और फर्जी कारणों के लिए दान मांगते हैं या बताए गए उद्देश्य के लिए धन का उपयोग करने के बजाय उसे अपनी जेब में डाल लेते हैं. क्या हमने पोंजी स्कैम के बारे में नहीं सुना है, जहां नए निवेशकों के पैसे का इस्तेमाल पहले के निवेशकों को रिटर्न देने के लिए किया जाता है, जिससे एक लाभदायक व्यवसाय का भ्रम पैदा होता है? निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि योजना ध्वस्त हो गई जैसा कि एक प्रमुख फाइनेंसर और NASDAQ के पूर्व अध्यक्ष बर्नार्ड मैडॉफ (Bernard Madoff) के मामले में हुआ था.
बर्नार्ड मैडऑफ-सबसे बड़ा पोंजी स्कैम
दिसंबर 2008 में बर्नार्ड मैडऑफ को इतिहास की सबसे बड़ी पोंजी स्कीम चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कई दशकों तक, उन्होंने धनी ग्राहकों को उनके निवेश पर लगातार, उच्च रिटर्न का वादा करके आकर्षित किया. हालांकि वह वास्तव में बिना किसी वैध निवेश गतिविधि के, पुराने निवेशकों को रिटर्न का भुगतान करने के लिए नए निवेशकों से प्राप्त धन का उपयोग कर रहे थे. उनका घोटाला तब सामने आया, जब 2008 के वित्तीय संकट के कारण निकासी की रिक्वेस्ट की बाढ़ आ गई, लेकिन वह इन रिक्वेस्ट को पूरा नहीं कर सके. उनकी योजना ने अंततः निवेशकों को अनुमानित 65 बिलियन डॉलर्स का चूना लगाया था. इससे कई हाई-प्रोफाइल व्यक्ति और धर्मार्थ संगठन प्रभावित हुए, और इस मामले का वित्तीय उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा. मैडॉफ को अंततः साल 2009 में 150 साल जेल की सजा सुनाई गई, और 2021 में जेल में उनकी मृत्यु हो गई. उनके कई पीड़ित भी न्याय के बिना मर गए होंगे.
स्कैम के अन्य तरीके
प्रॉपर्टी स्कैम ऐसा ही एक दूसरा तरीका है. अस्तित्वहीन संपत्तियों पर एक व्यक्ति के पूरे जीवन की बचत नष्ट हो जाती है. किराये के घोटाले भी होते हैं जहां घोटालेबाज खुद को मकान मालिक या किराये के एजेंट के रूप में प्रस्तुत करते हैं, ऐसी संपत्तियों का विज्ञापन करते हैं जो असल में हैं ही नहीं या जिनके पास किराए पर लेने या बेचने का अधिकार नहीं है. इसके अलावा नौकरी घोटाले भी हैं. नौकरी की तलाश कर रहे कई लोगों को घोटालेबाज, नौकरी के अवसर प्रदान करते हैं जिससे उन्हें नौकरी की प्लेसमेंट सेवाओं, प्रशिक्षण या सामग्री के लिए भुगतान करने की आवश्यकता होती है. दुर्भाग्य से, उन्हें इनमें से कुछ भी नहीं मिल पाता.
घोटाला हो जाए तो क्या करें?
अब सवाल उठता है कि अगर घोटाला हो जाए तो हमें क्या करना चाहिए? जो कुछ खो गया है उसमें से कुछ वापस पाने और दूसरों को पीड़ित बनने से रोकने के लिए उपयुक्त अधिकारियों या संगठनों को इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए. इलाज से रोकथाम बेहतर है, यह कहावत बार-बार दोहराई जाती है. यदि डील इतना अच्छी है कि इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता, तो हो सकता है कि यह एक स्कैम है. सामान्य स्कैम की रणनीति के बारे में जागरूक रहे. साइबर अपराधी स्वचालित सोफ्टवेयर का उपयोग करते हैं जो नंबरों की बड़ी चोरी की गई सूचियों की जांच करता है. फोन का उत्तर देने पर आपका फोन नंबर सक्रिय के रूप में टैग हो जाएगा और आपको स्कैम के अधिक कोशिशें प्राप्त हो सकती हैं. जिस नंबर से आपको स्कैम की कॉल आये उस नंबर को ब्लॉक कर दीजिए.
कभी न करें ये काम
मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से साझा किए गए लिंक पर क्लिक न करें. इसके बजाय, ब्राउजर के माध्यम से साइट की जांच करें. एक प्रमाणित वेबसाइट और उसके सिक्योर सॉकेट लेयर (SSL) प्रमाणपत्र की जांच करें, जिसका अर्थ है कि URL "http" के बजाय "https" से शुरू होगा. एंटी-वायरस सोफ्टवेयर इंस्टॉल करें. कोई भी प्रमाणित ऐप डाउनलोड करें, जो आने वाले SMS मैसेज और कॉल्स को ज्ञात स्कैम नंबरों की सूची के विरुद्ध जांचता है और मिलान होने पर उन्हें फिल्टर करता है. कभी भी थर्ड-पार्टी या संदिग्ध साइटों से ऐप डाउनलोड न करें.
स्कैम करने पर मिलेगी इतनी सजा
ऑनलाइन सुरक्षा उपायों की प्रैक्टिस से घोटालों का शिकार होने से बचने में मदद मिल सकती है. क्या आप जानते हैं, IPC की धारा 420 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सजा एक साल तक की अवधि के लिए कारावास है जिसे आर्थिक दंड के साथ या उसके बिना सात साल तक बढ़ाया जा सकता है. लेकिन फिर, पीड़ित को इससे क्या फर्क पड़ता है? व्यक्तिगत जानकारी या धन की अनचाही रिक्वेस्ट्स को विशेष रूप से अज्ञात स्रोतों से निपटते समय सतर्क और सावधान रहना सबसे महत्वपूर्ण है.
यह भी पढ़ें: अब DGCA ने दी पायलटों को इतने घंटे आराम देने की सलाह, इस घटना के बाद उठाया कदम
टैग्स