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DollarVsRupee: रुपए की लगातार बिगड़ती सेहत कहीं बिगाड़ न दे आपका 'गणित'
तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपए की सेहत कमजोर होती जा रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले हमारे रुपए (US Dollar Vs Indian Currency) की सेहत हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है. पिछले कुछ दिनों से इसमें लगातार गिरावट आ रही है और इस गिरावट ने कई सवाल और आशंकाओं को जन्म दिया है. गुरुवार को रुपया अमेरिकी करेंसी के मुकाबले 83.34 पर बंद हुआ था. इसके बाद शुक्रवार को रुपया छह पैसे की गिरावट के साथ 83.40 प्रति डॉलर पहुंच गया. अब एक डॉलर की तुलना में हमारे रुपए की कीमत 83.31 हो गई है. रुपए का इस तरह लुढ़कना हम सबकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
इस वजह से आई गिरावट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इम्पोर्टर्स की डॉलर मांग बढ़ने और एशियाई करेंसियों में कमजोर रुख के चलते रुपए की विनिमय दर में गिरावट आई है. इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजार में नरमी का असर भी हमारे रुपए की सेहत पर पड़ा है. रुपए के कमजोर होने का सबसे बड़ा असर आयात पर पड़ता है. जाहिर है, इससे दूसरे देशों से आयात किया जाने वाला सामान महंगा हो जाएगा. भारत अपनी तेल जरूरत का करीब 80 फीसदी तेल आयात करता है. ऐसे में रुपए के गिरने से कच्चे तेल के आयात का बिल बढ़ेगा. जब कच्चा तेल महंगा होता है, तो आप जानते ही हैं कि क्या होता है. हमारी तेल कंपनियां तुरंत इसका बोझ ग्राहकों पर डाल देती हैं. हालांकि, कच्चे तेल में नरमी का फायदा जनता को देना उन्हें नहीं आता. दूसरे शब्दों में कहें तो पेट्रोल-डीजल के दामों की आग फिर भड़क सकती है.
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ऐसे होगा आप पर असर
भारत बड़ी संख्या में अन्य देशों से सामान आयात करता है. ऐसे में रुपए की कमजोरी से आयात महंगा हो जाएगा. क्रूड ऑयल, इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित वे सभी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जो बाहर से देश में आती हैं. कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ सकते हैं, ऐसे में खाने-पीने की चीज़ें और दूसरे ज़रूरी सामान महंगे हो जाएंगे. वैसे भी महंगाई का डीजल से सीधा कनेक्शन है. मतलब महंगाई से राहत मिलना तो दूर आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो खर्चों को लेकर आपना गणित बिगड़ सकता है.
इस तरह गिरता गया रुपया
इसके अलावा, रुपया कमजोर होने से विदेशों में घूमना, पढ़ाई आदि के लिए भी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी. अब जरा रुपए के गिरने की कहानी को आंकड़ों की जुबानी समझ लेते हैं. 29, मई 2014 को रुपया 58.93 था, इसके बाद 29, मई 2015 को 63.73, 30 मई, 2016 को 66.97, 30 मई, 2017, 64.66, 4 अक्टूबर, 2018 को 73.79, 10 मई, 2022 को 77.50, 10 जून, 2022 को 77.85 प्रति डॉलर और 24 नवंबर, 2023 को 83.40 प्रति डॉलर पर आ गया है.
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