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जिंदगी भर चुकाते रहेंगे क्रेडिट कार्ड का बिल, अगर ये गलती की तो?
जब आप मिनिमम पेमेंट करते हैं तो आप इंटरेस्ट फ्री पीरियड का फायदा नहीं उठा पाते क्योंकि इंटरेस्ट उसी दिन से जुड़ता है जिस दिन आपके ट्रांजैक्शन किया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है, ज्यादातर कंपनियां क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग पर डिस्काउंट ऑफर करती हैं, इस चक्कर में लोग क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग कर भी लेते हैं, अगर क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर चुकाया जाये तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मुश्किलें वहां से शुरू होती हैं जब क्रेडिट कार्ड का मोटा बिल आएगा और आप मिमिमम पेमेंट के लालच में आकर खुद को कर्ज के जाल में फंसा बैठेंगे.
समझिये क्रेडिट कार्ड का बिल
क्रेडिट कार्ड का मिनिमम पेमेंट एक ऐसा चक्रव्यूह है जिसमें अच्छे अच्छे सूरमा फंस जाते हैं. सबसे पहले समझते हैं कि क्रेडिट कार्ड में कौन कौन से बिल होते हैं और उनका मतलब क्या होता है. जब आपके पास क्रेडिट कार्ड का मंथली बिल आता है तो उसमें पेमेंट के दो ऑप्शन दिखाई देते हैं. पहला टोटल आउटस्टेंडिंग अमाउंट और दूसरा मिनिमम अमाउंट ड्यू. टोटल अमाउंट ड्यू का मतलब हुआ कि आप पूरे बिल का पेमेंट कर दें और फ्री हो जाएं, लेकिन दूसरा ऑप्शन फंसाने वाला है. लोगों को लगता है कि मिनिमम अमाउंट ड्यू चुका दिया तो काम खत्म, जबकि ऐसा नहीं है.
क्या होता है क्रेडिट कार्ड का मिनिमम पेमेंट
मिनिमम अमाउंट ड्यू का मतलब होता है कि आप पूरे बिल का एक छोटा सा हिस्सा चुका रहे हैं, जो आमतौर पर 5 परसेंट होता है. इसका सिर्फ एक फायदा है कि आप लेट पेमेंट पेनाल्टी से बच जाते हैं, लेकिन बाकी के पेमेंट पर आपको इंटरेस्ट चुकाना होता है. जैसे मान लीजिये कि आपने 10,000 रुपये की कोई शॉपिंग की. इंटरेस्ट फ्री पीरियड 20 से 50 दिनों का होता है, इस दौरान अगर आपने पेमेंट कर दिया तो आपको कोई ब्याज नहीं देना होगा. जब बिल का स्टेटमेंट आता है तो टोटल अमाउंट ड्यू 10,000 रुपये और मिनिमम अमाउंट ड्यूट 500 रुपये लिखा होगा. अगर आपने 500 रुपये चुकाया तो आप लेट पेमेंट चार्ज से बच जाते हैं लेकिन 9500 रुपये हर महीने 3-4 परसेंट का ब्याज देना होगा, जो कि सालाना 30-40 परसेंट तक हो जाता है. ये ब्याज तबतक लगता रहेगा जबतक आप पूरा पेमेंट चुका नहीं देते. यानी हर बार अगर आप मिनिमम पेमेंट करते हैं तो आप कभी भी क्रेडिट कार्ड का पूरा पेमेंट नहीं कर पाएंगे.
सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात
1. जब आप मिनिमम पेमेंट करते हैं तो आप इंटरेस्ट फ्री पीरियड का फायदा नहीं उठा पाते क्योंकि इंटरेस्ट उसी दिन से जुड़ता है जिस दिन आपने ट्रांजैक्शन किया था.
2. मिनिमम पेमेंट अमाउंट का इस्तेमाल इंटरेस्ट के पेमेंट के लिए किया जाता है, न कि प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट के लिए. मतलब प्रिंसिपल तभी उतरेगा जब आप फुल पेमेंट करेंगे
3. अगर मिनिमम पेमेंट करते रहते हैं तो कार्ड की लिमिट भी घटती चली जाती है, क्योंकि टोटल अमाउंट पर ब्याज चढ़ने से देय राशि बढ़ती चली जाती है.
इसलिए अगली बार जब आप क्रेडिट कार्ड का बिल देखें तो जितना हो सके पूरा अमाउंट चुकायें. क्रेडिट कार्ड वो शेर है, जिस पर बैठना तो आसान है, लेकिन उतरना मुश्किल. इसलिए सवारी कैसे करनी है, ये सीख जाएं तो बेहतर.
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