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BW Security World: एक्सपर्ट्स से समझें भविष्य के लिए कैसे तैयार होंगे लीडर्स?
मेजर गौरव आर्या ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मुझे लीडरशिप के बारे में बहुत ज्यादा नहीं पता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
आज देश की राजधानी दिल्ली में सिक्योरिटी के क्षेत्र के प्रतिष्ठित चहरों को सम्मानित करने के लिए BW सिक्योरिटी वर्ल्ड 40 अंडर 40 अवॉर्ड्स समारोह (BW Security World 40 Under 40 Awards) के पहले एडिशन का आयोजन किया गया. अवॉर्ड्स समारोह के साथ-साथ इस कार्यक्रम के दौरान एक्सपर्ट्स के साथ बहुत सी चार्चाओं का आयोजन भी किया गया.
क्या है भविष्य के लीडर्स का मतलब?
इसी दौरान भारतीय सेना से रिटायर्ड मेजर और चाणक्य फोरम के एडिटर इन चीफ गौरव आर्या ने भविष्य में मौजूद चुनौतियों और उनसे निपटने के लिए लीडर्स को तैयार करने के विषय पर अपनी राय रखी. मेजर गौरव आर्या ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मुझे लीडरशिप के बारे में बहुत ज्यादा नहीं पता है और भविष्य में क्या होगा ये किसी को भी नहीं पता है. लेकिन 2-3 चीजें हैं जो मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं. जब भी बात भविष्य के लीडर्स की होती है तो दरअसल हम भविष्य में मौजूद चुनौतियों और उन चुनौतियों निपटने के लिए जिस तरह की लीडरशिप की आवश्यकता होती है, हम उसके बारे में बात कर रहे होते हैं.
फॉग ऑफ वॉर
अपने संबोधन के दौरान मेजर गौरव आर्या ने कहा कि ये चुनौतियां आज से 500 साल पहले भी मौजूद थीं, ये आज भी मौजूद हैं और ये आज से कई सालों के बाद भविष्य में मौजूद रहेंगी. मेजर गौरव आर्या ने कहा कि टेक्नोलॉजी के संबंध में इन चुनौतियों में बदलाव हो सकते हैं लेकिन इन चुनौतियों का सामना हमें मानव क्षमता में ही करना होगा. संबोधन के दौरान मेजर गौरव आर्या ने आगे कहा कि किसी भी लीडर के लिए सबसे पहली जरूरी चीज है एंट्रोपी. एंट्रोपी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका अर्थ अस्पष्टता की स्थिति से होता है और फौज में इसे ही ‘फॉग ऑफ वॉर’ कहा जाता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जंग में कभी भी आपका पहला बैटल प्लान दुश्मन से भिड़ने के बाद बच नहीं पाता है. ठीक इसी तरह आप मानकर चलिए कि किसी भी कारोबार द्वारा तैयार किया गया प्लान मार्केट में जाने के बाद बच नहीं पाएगा.
ये समझना है बेहद जरूरी
इसके साथ ही मेजर गौरव आर्या ने यह भी कहा कि एक लीडर होने के नाते आपको अपना इकोसिस्टम या फिर वातावरण भी नियंत्रित करना होता है. फौज में हम इसे सप्लाई चेन रिजिलिएंस की संज्ञा से जानते हैं. अगर आप अपना इकोसिस्टम नियंत्रित नहीं करेंगे तो कोई और उसे नियंत्रित करेगा और आप हार जायेंगे. लीडरशिप के ये सभी मूल्य हमेशा ऐसे ही एक समान बने रहते हैं. आने वाले समय में चुनौतियां होंगी ही लेकिन उनसे निपटने के लिए लीडरशिप अवेयरनेस की आवश्यकता होगी.
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