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BW Marketing Whitebook: तकनीक से इस तरह भारत में बनाये जा रहे हैं लीडर्स!
समय-समय पर BW बिजनेसवर्ल्ड अक्सर ऐसे कई आयोजन करता रहता है जिनके द्वारा बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
लीडर हर व्यक्ति नहीं होता बल्कि वह व्यक्ति होता है जो सही रूप से अपने क्षेत्र के बारे में अवगत होता है और अपनी संस्था को अपने क्षेत्र में आगे लेकर जाता है. आज मुंबई में BW बिजनेसवर्ल्ड द्वारा BW मार्केटिंग वाइटबुक (BW Marketing Whitebook) के 18वें एडिशन का आयोजन किया गया था और इस दौरान बहुत से महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर प्रमुख वक्ताओं और एक्सपर्ट्स ने अपने विचार प्रस्तुत किये. इस कार्यक्रम के दौरान भविष्य में तकनीक की मदद से लीडर्स बानाने के विषय पर भी बात की गई और इस दौरान ICEAI एजुकेशनल संस्थाओं के डायरेक्टर सुधाकर राव ने तकनीक की बदौलत लीडर्स बनाये जाने के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये.
AI बना मार्केटिंग का अभिन्न हिस्सा
अपने संबोधन की शुरुआत सुधाकर ने BW बिजनेसवर्ल्ड को आभार प्रकट करते हुए की. उन्होंने कहा कि समय-समय पर BW बिजनेसवर्ल्ड अक्सर ऐसे कई आयोजन करता रहता है जिनके द्वारा बहुत कुछ सीखने को मिलता है और यह बेहद आवश्यक है कि इन आयोजनों का हिस्सा बनकर सीखा जाए. इसके साथ ही उन्होंने BW बिजनेसवर्ल्ड को उन्हें आमंत्रित करने के लिए आभार भी प्रकट किया. सुधाकर कहते हैं कि अब AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्लोबल मार्केटिंग की ग्लोबल दुनिया का प्रमुख हिस्सा बनता जा रहा है. इससे पहले कि तकनीक के इस्तेमाल से लीडर्स बनाये जाने के बारे में बात की जाए सुधाकर ने वर्तमान व्यवस्था में मौजूद कुछ कमियों से अवगत करवाया.
AI की तरफ बढ़ रही दुनिया
सुधाकर कहते हैं कि मेरे विचार में हमारे द्वारा पढ़ाये जाने वाले कोर्स बहुत ही सैद्धांतिक और मौलिक हैं जबकि इस वक्त हमें नौकरी में इस्तेमाल होने वाली स्किल्स की जरूरत है. वह कहते हैं कि नौकरी से संबंधित स्किल्स को व्यक्तिगत तौर पर सीखा जाना चाहिए जबकि कोर्स ज्यादा सामाजिक होते हैं और इन्हें कक्षाओं में सिखाया जाता है. सुधाकर बताते हैं कि अब हम धीरे-धीरे डिजिटलाइजेशन से AI की दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं, अब हमारे पास चीजों को मापने के बेहतर साधन मौजूद हैं, हम चीजों को ज्यादा कस्टमाइज भी कर सकते हैं.
अब आगे क्या?
सुधाकर कहते हैं कि तकनीक को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए इस वक्त की जरूरत है कि हम विविध डोमेन से संबंधित विशेष स्किल्स को सीखें. सुधाकर बताते हैं कि उनकी संस्थाओं में इसके लिए विशेष केसों को भी पढ़ाया जाता है और हार्वर्ड के बाद अगर किसी संस्था में इतने ज्यादा केस विकसित किये गए हैं तो वह ICEAI ही है.
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