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अब ऐसा क्या हुआ कि भारत-यूके FTA की बातचीत पर फिर लग गया ब्रेक, कहां अटकी है बात?
भारत और ब्रिटेन के बीच जनवरी 2022 में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन अब तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
भारत और ब्रिटेन (India-UK) अपने व्यापारिक रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मुक्त व्यापार समझौता (FTA) करना चाहते हैं, लेकिन एक बार फिर से इस पर बातचीत थम गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के बीच FTA की बातचीत पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. दरअसल, ऐसा किसी गतिरोध के चलते नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से हुआ है. अब इस दिशा में कोई भी प्रगति लोकसभा चुनाव के बाद होगी.
2022 में हुई थी शुरुआत
चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान शनिवार को यानी आज करेगा, जिसके साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोकने का फैसला लिया गया है. अब तक दोनों देशों के बीच 14 दौर की वार्ता हो चुकी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटिश अधिकारियों का कहना है कि बातचीत थमने का पहले से ही अनुमान था, क्योंकि भारत में आम चुनाव होने हैं. अब चुनाव के बाद ही मुक्त व्यापार समझौते पर कोई औपचारिक बातचीत हो सकती है. बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच जनवरी 2022 में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन इतने समय बाद भी इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है.
यहां अटकी हुई है बात
जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों में कई मुद्दों पर सहमति बन भी गई है, लेकिन माल, सेवाएं और निवेश पर सहमति बननी बाकी है. हाल ही में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि जब तक समझौता भारतीय लोगों और भारतीय अर्थव्यवस्था के हित में नहीं होगा, हम इस पर आगे नहीं बढ़ेंगे. दरअसल, ब्रिटेन चाहता है कि भारत, ब्रिटेन होने वाले निर्यात पर टैरिफ कम करे, जो कि अभी 150 प्रतिशत जितना ज्यादा है. जबकि भारत चाहता है कि ब्रिटेन में कार्यरत भारतीयों के मामले में नियम निष्पक्ष रहें और उन्हें नेशनल इंश्योरेंस के तहत कवर भी प्रदान किया जाए.
क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो या फिर इससे ज्यादा देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के आयात-निर्यात में आने वालीं रुकावटों को कम करने के लिए किया जाना वाले समझौता होता है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में कोटा, टैरिफ, सब्सिडी या फिर ऐसे प्रतिबंधों को कम किया जाता है, जो सीमा पार वस्तुओं-सेवाओं को लाने- ले जाने को सीमित कर सकते हैं. जैसा कि इसका नाम है, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति देता है. इस एग्रीमेंट में सेवाएं, निवेश, सामान, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, सरकारी खरीद और अन्य क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है. सीधे शब्दों में कहें तो ये एग्रीमेंट दोनों देशों के बीच व्यवसाय को बढ़ावा देने की राह में आने वालीं सभी बाधाओं को हटा देगा.
इस तरह मिलेगा फायदा
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर में तेजी आएगी. इसके अलावा, देश के लेबर इंसेंटिव सेक्टर जैसे प्रोसेस्ड एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल और ज्वेलरी प्रोडक्ट्स को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. एक रिपोर्ट बताती है कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार 2021-22 में 17.5 अरब डॉलर था. 2022-23 में यह बढ़कर 20.42 अरब डॉलर हो गया. भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार अधिकतम सर्विस सेक्टर पर निर्भर करता है, जो कि कुल ट्रेड का 70% हिस्सा है. भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. जबकि UK भारत का 7वां सबसे बड़ा निर्यातक देश है. ऐसे में दोनों देश इस एग्रीमेंट के जरिए व्यापार में आने वालीं परेशानियों को दूर करके आर्थिक विकास में तेजी लाना चाहते हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारत और ब्रिटेन के लिए महत्वपूर्ण है. भारत ने भूटान, नेपाल, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान और मलेशिया आदि देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए हुए हैं.
ऐसा है दोनों देशों का कारोबार
FTA अमल में आने से जहां भारत, ब्रिटेन के लिए बड़ा निर्यातक देश बन सकता है. वहीं, ब्रिटेन की अपनी प्रीमियम कारें, व्हिस्की और अन्य सेवाओं के लिए भारत जैसे बड़े बाजार में पहुंच आसान हो जाएगी. कन्फेडरेशन ऑफ ब्रिटिश इंडस्ट्री (CBI) के अनुसार, एफटीए से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अमल में आने से 2035 तक भारत के साथ ब्रिटेन का व्यापार 28 बिलियन पाउंड प्रति वर्ष तक बढ़ा सकता है. ब्रिटेन, भारत से मुख्य तौर पर कपड़े, रत्न, आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम, पेट्रो रसायन उत्पाद के साथ-साथ परिवहन उपकरण, मसाले, मशीनरी, फार्मास्युटिकल्स और समुद्री उत्पाद खरीदता है. जबकि भारत ब्रिटेन से बहुमूल्य रत्न, धातु, अयस्क, इंजीनियरिंग आइटम्स, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, रसायन आदि मंगवाता है.
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