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एलन मस्क भारतीय start-up में लगाएंगे पैसा, UN में भारत की स्थाई सदस्यता पर भी साथ
हालांकि इस मामले को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि उनकी राय का कुछ असर हो सकता है जबकि कुछ मानते हैं कि कोई असर नहीं होगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 weeks ago
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थाई सदस्यता का मामला लंबे समय से चल रहा है. अब तक दुनिया के कई देश इस मामले में भारत को स्थाई सदस्यता देने का समर्थन कर चुके हैं. लेकिन अब इस मामले में दुनिया के प्रभावशाली कारोबारी और अमीर शख्स एलेन मस्क ने इसे लेकर भारत का समर्थन किया है. एलेन मस्क ने कहा है कि यूएन में भारत को स्थाई सदस्यता न मिलना बेतुका है. उन्होंने कहा कि जिनके पास एक्सेस पॉवर है वो उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं.
एलन मस्क ने कही क्या बात?
संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थाई सदस्यता को लेकर एलन मस्क ने ट्वीट करते हुए कहा कि, , संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है. समस्या यह है कि जिनके पास अधिक शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते. धरती पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट न मिलना बेतुका है. अफ़्रीका को सामूहिक रूप से आईएमओ की एक स्थायी सीट भी मिलनी चाहिए.
At some point, there needs to be a revision of the UN bodies.
— Elon Musk (@elonmusk) January 21, 2024
Problem is that those with excess power don’t want to give it up.
India not having a permanent seat on the Security Council, despite being the most populous country on Earth, is absurd.
Africa collectively should…
वहीं एलन मस्क के इस ट्वीट पर अपनी बात कहते हुए यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेट्री जनरल हम यह कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि अफ़्रीका के पास अभी भी सुरक्षा परिषद में एक भी स्थायी सदस्य का अभाव है? संस्थानों को आज की दुनिया को प्रतिबिंबित करना चाहिए, न कि 80 साल पहले की दुनिया को. सितंबर का भविष्य शिखर सम्मेलन वैश्विक शासन सुधारों पर विचार करने और विश्वास के पुनर्निर्माण का अवसर होगा.
क्या वास्तव में होगा एलन मस्क की बात का असर
सबसे अहम बात ये है कि भारत में कारोबार करने की इच्छा रखने वाले एलन मस्क की बात का कोई असर भी होगा या उन्होंने ये बयान बिजनेस महत्वाकांक्षाओं के चलते दिया है. क्योंकि भारत के पक्ष में इससे पहले कई देश इस तरह का बयान दे चुके हैं. मौजूदा समय में यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में पांच देश ऐसे हैं जिनके पास स्थाई सदस्यता है और वीटो पावर का अधिकार है. इनमें अमेरिका, फ्रांस, रसिया, चाइना और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं. लेकिन पूरी दुनिया में लंबे समय से इसमें बदलाव की वकालत हो रही है.
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लगातार बढ़ रही है भारत की ताकत
ये दुर्भाग्यपूण है लेकिन सच है
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