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मौजूदा कठिन होती वैश्विक परिस्थितियों में प्राइवेट कंपनियों के लिए क्‍या हैं चुनौतियां?

संकट के समय ही आविष्कार का जन्म होता है और महान रणनीतियां सामने आती हैं. जो संकट पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है वो भी बिना पराजित हुए- अल्बर्ट आइंस्टीन

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago

हाल ही में ऐसी घटनाएं घटी हैं जिनका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ा है. इन अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में यूक्रेन में चल रहा युद्ध भी शामिल है, जो दो साल से चल रहा है; इजरायल-हमास संघर्ष और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और अधिक तीव्र होता जा रहा है. इन सभी चीजों से अस्थिरता बढ़ी है, जो इस बात पर जोर देती है कि नेताओं के लिए राजनीतिक और जियोपॉलिटिकल खतरों को पहचानना और उन पर प्रतिक्रिया देना कितना महत्वपूर्ण है. यह प्राइवेट सेक्टर के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में संलग्न है.

ग्लोबल रिस्क का एक हिस्सा है जियोपॉलिटिक्स

वैश्विक कामकाज और स्थिरता की धारणाओं को अक्सर पूर्वानुमानित और अचनाक होने वाली घटनाओं द्वारा परीक्षण में रखा जाता है जो जल्दी से घटित होती हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जियोपॉलिटिकल, ग्लोबल रिस्क का एक हिस्सा है जो संकट को वैश्विक व्यवस्था के सिस्टेमैटिक ब्रेकडाउन में बदल सकता है.

विवादों को लेकर चौकन्ना रहना चाहिए

व्यवसायों और डिसीजन मेकर्स के लिए जियोपॉलिटिकल डेटा को उपयोगी परिणामों में परिवर्तित करना एक महत्वपूर्ण कार्य है. कंपनी के अधिकारी अपने दैनिक कार्यों के प्रति अनावश्यक रूप से जुनूनी हो सकते हैं और परिणामस्वरूप अपने आंकलन में विफल भी हो सकते हैं. न तो इज़राइल-हमास युद्ध और न ही यूक्रेन में युद्ध रातोरात हुआ. हम इस बात से अनजान थे कि विवाद कैसे पनप रहे थे, जिसने हमें चौकन्ना कर दिया.

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष तब शुरू हुआ जब यूक्रेन ने 1991 में नाटो में शामिल होने का फैसला किया. रूस ने इसे अपनी सीमाओं को घेरने और नाटो के साथ सैन्य गठबंधन के प्रयास के रूप में माना. स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद यूक्रेन ने पहले सैन्य गुटों के साथ दूरी बनाए रखने की घोषणा की थी. लेकिन जब पश्चिमी समर्थक जेलेंस्की राष्ट्रपति बने और उन्होंने नाटो में शामिल होने में रुचि दिखाई तो यूक्रेन को रूस की आलोचना का सामना करना पड़ा.

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75 वर्ष पुराना है फिलिस्तीन का मामला

फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा देने का मामला कम से कम 75 वर्ष पुराना है जो इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का मुख्य कारण भी है. यह धारणा बन गई है कि इजराइल फिलिस्तीनियों को उनके घरों से जबरन निकालना चाहता है ताकि यहूदी उनके जमीन पर कब्जा कर सकें जो इस संघर्ष की मूल जड़ है. इसके अलावा हमास को एहसास हुआ कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख अरब देश इज़राइल के पक्ष में जा रहे हैं, जिससे उनके उद्देश्य को नुकसान पहुंचेगा. इस संघर्ष का निर्णायक मोड़ वह था जब अल अक्सा मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया. लेकिन अब जब लड़ाई लेबनान और यमन तक फैल गई है, तो स्थिति पहले से और अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण हो गई है.

दबंग नौकरशाही के खिलाफ हुआ ब्रेक्सिट

ब्रेक्सिट का होना यूरोपीय संघ की दबंग नौकरशाही के खिलाफ ब्रिटेन के हालिया विद्रोह का परिणाम है. इन दिनों पोलैंड, हंगरी और इटली अपने राष्ट्रीय हितों के चलते यूरोपीय संघ की नीतियों से खुले तौर पर असहमत हैं. ये घटनाएं अंत में एक संकट का कारण बन सकती हैं जो अंतर्राष्ट्रीय कॉर्पोरेट हितों को प्रभावित करती हैं.

धीरे-धीरे बढ़ रही है जियोपॉलिटिकल टेंशन

दुनिया में बढ़ती जियोपॉलिटिकल टेंशन यह दर्शाती हैं कि अधिकांश घटनाएं धीरे-धीरे आगे बढ़ती हैं लेकिन चरम सीमा तक पहुंचने में वर्षों लग जाते हैं. हालाँकि, यदि कोई ऑर्गेनाइजेशन प्रोसिड्योर सेट अप करता है और इन डेवलपमेंट्स की निगरानी के लिए सीनियर मैनेजमेंट को प्रशिक्षित करता है, साथ ही उनके बारे में जागरूकता को भी बढ़ाता है तो वे इन डेवलपमेंट्स की निगरानी कर विश्लेषण कर सकते हैं और कुछ गलत होने की स्थिति में C और B सहित बैकअप योजनाएं बनाए रख सकते हैं. इसका तात्पर्य यह है कि कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रक्रियाओं और दक्षताओं को रीसेट करने की आवश्यकता है:

•लीडरशिप उस स्ट्रेटेजिक जियोपॉलिटिक्स संदर्भ को समझे जिसमें निर्णय लिए जाते हैं.
•जियोपॉलिटिक्स से आने वाले व्यावसायिक जोखिमों और अवसरों का मूल्यांकन करे.
•अप्रत्याशित और महत्वपूर्ण विकास की संभावना को ध्यान में रखते हुए, विश्व पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों पर नजर रखें
•एक लॉन्ग टर्म, सही रणनीति और दृष्टिकोण बनाएं जो संगठन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों से परे हो.
•संगठन की अंतरराष्ट्रीय और जोखिम पूर्ण रणनीतियों में से जियोपॉलिटिकल विश्लेषण को अलग करें.

रिस्क फैक्टर्स को समझना व्यापार का हिस्सा

निश्चित रूप से रुझानों का अनुमान लगाने, संकटों से निपटने और एक्सटर्नल फैक्टर्स का प्रबंधन करने की क्षमता रखना अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में एक आवश्यक कौशल बना गया है. हालाँकि इन्हें सीखा जा सकता है. यह तब मददगार होगा जब इसे बिजनेस स्कूल अपने एमबीए पाठ्यक्रम में शामिल करें और विदेशी मामलों के पेशेवरों की सहायता से ट्रेनिंग प्रोग्राम भी आयोजित करें, यह देखते हुए कि हम वर्तमान में तेजी से आगे बढ़ने वाले अनसर्टेन UVCA वातावरण में काम कर रहे हैं. निस्संदेह, रुझानों की पहचान करने, अप्रत्याशित बाहरी प्रभावों को संभालने और संकटों से निपटने में सक्षम होना अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दुनिया में एक महत्वपूर्ण कौशल है.
 

लेखक:

1. सुहैल आबिदी
2. डॉ.मनोज जोशी
3. डॉ. अशोक कुमार


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