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इतिहास के पन्नों में दर्ज होंगे मोदी सरकार के ये बेमिसाल 9 साल

मोदी सरकार के पिछले नौ वर्ष कई मोर्चों पर भारत के विकास और परिवर्तन के साक्षी रहे हैं. सरकार के सतत प्रयासों से लाखों भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago

  • श्‍याम जाजू, निवर्तमान राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष, भारतीय जनता पार्टी 

विगत 26 मई को केंद्र की मोदी सरकार के 9 साल पूरे हुए. इन 9 वर्षों में भारत का सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है. इस छोटे से कालखंड में हमने 'मजबूर भारत' से 'मजबूत भारत' की यात्रा तय की है. "सब चलता है" कहने और मानने वाला देश अब "सब मुमकिन है" की बात करता है और "इस देश का कुछ नहीं हो सकता" कहने वाले अब "इक्कीसवीं सदी भारत की है" कहते नहीं थक रहे हैं.  26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से देश में एक युगांतकारी  परिवर्तन आया है. देश के सशक्त नेतृत्व ने अभूतपूर्व तरीकों से भारत की नियति को आकार दिया है. देश की दशा और दिशा बदल गयी है.  एक स्पष्ट दृष्टि, दृढ़ता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ मोदी सरकार के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं जिन्होंने न केवल देश में करोड़ों लोगों का उत्थान किया है बल्कि देश के बाहर  भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है. 

स्वच्छ भारत अभियान एवं पर्यावरण संरक्षण
2014 में सरकार बनने के कुछ समय बाद ही शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान पूरे देश में स्वच्छता और साफ-सफाई में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान रहा है. इस पहल के माध्यम से लगभग 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा मिला है.  स्वच्छता अभियान मात्र साफ सफाई तक ही सीमित नही है बल्कि बहु-आयामी है जिसमे स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ जल एवं पर्यावरण संरक्षण भी सन्निहित हैं. स्वच्छ ऊर्जा का उद्देश्य सौर ऊर्जा परिनियोजन को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है जिसमे भारत ने संतोषजनक प्रगति की है. गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए नमामि गंगे जैसे अभियान चल रहे हैं. जल जीवन मिशन के तहत 3.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को जल संरचनाएं प्रदान की गई हैं और 12 करोड़  घरों तक नल से स्वच्छ जल पहुंचाया गया है. 

वित्तीय समावेशन और आर्थिक सुधार 
मोदी सरकार ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. अब तक हाशिये पर रहे लगभग 48 करोड़ लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जा चुका है. इस पहल ने सब्सिडी और कल्याणकारी लाभों के कुशल वितरण की सुविधा प्रदान की है, जिससे लक्षित लाभार्थियों को सीधे हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सका है. वित्तीय समावेशन के साथ ही मोदी सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जैसी नीतियों के कार्यान्वयन ने व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है तथा  पारदर्शिता को बढ़ाया है. 'मेक इन इंडिया' और 'स्किल इण्डिया' जैसे अभियानों ने स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा दिया है और रोजगार सृजन और निर्यात क्षमता में वृद्धि की है. स्किल इंडिया में अब तक 1 करोड़ 37 लाख से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. मोदी सरकार के इन प्रयासों ने भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है. आज भारत 'वैश्विक विनिर्माण केंद्र' बनने और 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की दिशा में अग्रसर है.  
'मुद्रा योजना' जैसी दूरंदेशी योजनाओं के फलस्वरूप गरीब उद्यमियों और छोटे व मंझोले व्यापारियों को बैंकों द्वारा 23 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मुद्रा ऋण लगभग 41 करोड़ लाभार्थियों को दिए गए हैं. इससे गरीब, छोटे व्यापारियों की स्थिति में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है और जमीनी स्तर पर रोजगार में अभूतपूर्व वृद्धि  हुई है. वहीं, महत्वाकांक्षी युवा उद्यमियों को मिले प्रोत्साहन के फलस्वरूप आज भारत के पास 97000 स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इको-सिस्टम है. 

डिजिटल इंडिया 
भारत अब डिजिटल तकनीक और उसके व्यावहारिक उपयोग में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो गया है. और इसके पीछे हैं अत्यंत सफल डिजिटल इण्डिया अभियान जिसने सच में देश की तस्वीर बदल कर रख दी है. डिजिटल इंडिया ने देश में एक आर्थिक क्रांति का सूत्रपात किया है. आज अधिकांश सरकारी सेवायें ऑनलाइन उपलब्ध हैं. इससे पारदर्शिता बढ़ाने, भ्रष्टाचार को कम करने और सरकारी सेवाओं की दक्षता में सुधार करने में मदद मिली है. इन प्रयासों का नागरिकों के जीवन और देश के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. आज, भारत सबसे बड़ा डिजिटल पहचान कार्यक्रम (आधार) का दावा करता है जिससे डिजिटल लेनदेन में तेजी से वृद्धि देखी गई है. बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर से लेकर रेहड़ी, खोमचे वाले सभी क्यू आर कोड से भुगतान ले रहे है. भारत का यूपीआई आज दुनिया के लिए डिजिटल लेनदेन और सहज भुगतान का मानक बन गया है.  

महिला सशक्तिकरण और समाज कल्याण 
मोदी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां और कदम उठाए हैं. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के साथ ही शुरू की गई है, महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजनाएं और ऋण विमोचन योजनाएं शुरू की गई हैं. कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें वृद्धि और विकास के समान अवसर प्रदान करने के प्रयास किए गए हैं. समाज कल्याण के लिए मोदी सरकार ने वंचित समुदायों के उत्थान और उनके समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ने सभी के लिए आवास सुनिश्चित किया है और अब तक ३ करोड़ से ज्यादा गरीबों के घर बने हैं. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (गरीबों के लिए एलपीजी कनेक्शन) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में गैस कनेक्शन प्रदान किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को प्रदूषणमुक्त चूल्हों की आपूर्ति होती है.  आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य बीमा) जैसी पहलों ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है, गरीबी को कम किया है और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच में सुधार किया है।  गरीबों को 1121 लाख मीट्रिक टन नि:शुल्क अनाज मिलने और वन नेशन-वन राशन कार्ड से हर महीने 3.5 करोड़ से ज्यादा परिवारों के लाभान्वित होने की जानकारी भी है. बिजली से वंचित 4 करोड़ घरों में बिजली पहुंची है. साथ ही 'सौभाग्या योजना' के तहत 100% ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है. करोड़ों एलईडी बल्ब वितरित किये गए हैं. किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन की व्यवस्था की गयी है. देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को जरूरी राशन मुफ्त दिया जा रहा है. 

कृषि विकास एवं किसान कल्याण
भाजपा सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए. मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई, सुगम खाद उपलब्धता के जरिए पैदावार बढ़ाने का काम इन नौ वर्षों में तेजी से हुआ है. खाद की सब्सिडी बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए कर दी गयी है. फसल बीमा के अंतर्गत 1.4 लाख करोड़ रुपए के किसान-दावों का भुगतान हुआ है. यूरिया को नीम कोटेड किया गया है और इसकी कालाबाजारी खत्म हुई है. साथ ही  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित  सरकार अनेक प्रयास कर रही हैं. देशभर में गेहूं-धान की एक फसली खेती की जगह विविध फसलों की खेती और मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने की रणनीति पर कार्य चल रहा है. यही कारण है कि इस समय भारत में खाद्यान्न के भंडार भरे हुए हैं. देश गेहूं, चावल और चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भर है. देश में दुग्ध क्रांति भी ऊंचाई पर पहुंच गई है. भारत दुनिया में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पाद देश बन गया है.

मोदी सरकार में बुनियादी ढांचे का विकास
मोदी सरकार बुनियादी ढांचे के विकास को अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरक शक्ति मानती है. इसीलिए बुनियादी ढांचे का विकास, खासकर सड़क नेटवर्क का विस्तार मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रहा है। महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना, सागरमाला और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने शहरों और राज्यों के भीतर सड़क संपर्क में क्रांति ला दी है। अब तक 53000 किलोमीटर से ज्यादा हाई हाईवे निर्माण हो चुका है. इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें इन नौ वर्षों में दुगुनी बनी हैं. 2014 में अप्रैल तक देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी, जो अब 1,45,155 किलोमीटर तक पहुंच गई है. अगर पूरे देश में सड़कों के नेटवर्क की बात की जाए तो भारत (63.73 लाख किमी) दुनिया में अमेरिका (65.8 लाख किमी) के बाद दूसरे स्थान पर है. सरकारी डाटा के मुताबिक 2014-15 में जहां प्रतिदिन सड़क निर्माण की रफ्तार 12.1 किमी थी, वहीं अब यह बढ़कर 23.6 किमी हो गई है. रेल सुविधाओं में जबरदस्त विस्तार हुआ है. आज भारत में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और जल्द ही यह जापान व दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ देगा. आज मेट्रो नेटवर्क 5 शहरों से बढ़कर 20 शहरों में पहुंच गया है. यूपीए के दस वर्ष में भारतीय रेल ने मात्र चार सौ तेरह रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया. मोदी सरकार ने इससे तीन गुना अधिक निर्मांण किया. आज भारत में 18  सेमी हाई स्पीड वन्दे भारत ट्रेन चल रही हैं और शीघ्र ही बुलेट ट्रेन भी चलने वाली है. 
नौ वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार ने हवाई यात्रा की सुविधाओं का विस्तार किया है. देश में हवाई अड्डों की संख्या की संख्या 74 से बढ़कर 148 हो गयी है.  आज छोटे  और पूत्वोत्तर के सुदूर इलाकों तक हवाई सेवा पहंच चुकी है. पिछली सरकारों के समय 52 सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे. मोदी सरकार अब तक करीब 300 सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है. 2014  से अब तक बिजली उत्पादन में चालीस प्रतिशत वृद्धि हुई है और सोलर ऊर्जा में आठ गुना वृद्धि हुई. इस साल के बजट में सरकार ने इंफ्र्रास्ट्रक्चर के मद में लगभग 20 लाख करोड़ का प्रावधान किया है जो बुनियादी ढांचे को सुधारने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.  

स्वास्थ्य सेवा सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है. आज सभी नागरिकों के लिए सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है. सरकार के इस सक्रिय और सकारात्मक दृष्टिकोण ने भारत को वैश्विक स्वास्थ्य सेवा सुधार में सबसे आगे कर दिया है. डिजिटल युग को गले लगाते हुए सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन (एबीडीएचएम) लॉन्च किया. आज भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वा स्थ्य सेवा कार्यक्रम 'आयुष्मान भारत' का संचालन कर रहा है जो 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है. सेनेटरी पैड, सस्ती दर पर जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके केन्द्र सरकार ने आयुष्मान कार्ड के जरिए 5 लाख रुपए तक के इलाज को नि:शुल्क किया है. अब तक जारी किए गए आयुष्मान कार्डों की कुल संख्या 21.24 करोड़ है और अस्पतालों में भर्ती होने की कुल संख्या 4.22 करोड़ है. 
चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने के लिए और भारतीय हेल्थकेयर को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार करने के लिए सरकार ने 16 नए एम्स, 350 नए मेडिकल कॉलेज और 157 नर्सिंग कॉलेजों और प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की है, जिससे मेडिकल सीटों  की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवा को सार्वभौमिक रूप से सुलभ और सस्ती बनाने के लिए जनऔषधि केंद्रों और अमृत फार्मेसियों की स्थापना की गयी है जिनके माध्यम से सस्ती दवाएं लाखों भारतीयों के लिए एक वास्तविकता बन गई हैं. इन पहलों ने न केवल सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप अब तक 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण बचत भी हुई है. 
विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों को मान्यता मिली है. इसका परिणाम था कि संयुक्त राष्ट्र में 177 देशों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के लिए में भारत के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया. यह वैश्विक समर्थन समग्र कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा आधुनिकीकरण
अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है. चाहे पाकिस्तान में घुस कर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक हो या चीन को डोकलाम और गलवान में मुंहतोड़ जवाब देना हो, सारी दुनिया ने देखा है. राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार की निर्णायक कार्रवाइयों ने अपनी सुरक्षा के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता का एक मजबूत संदेश भेजा है. पिछले 9 वर्षों में देश ने देखा कि किस तरह से सरकार ने सेना आधुनिकरण और सशक्तिकरण में कोई कसर नहीं छोड़ी है. 

मजबूत विदेश नीति
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक राजनीति पर एक मजबूत प्रभाव डाला है. उनकी व्यक्तिगत कूटनीति ने विश्व पटल पर भारत की उपस्थिति को मजबूत किया है. उनके नेतृत्व में भारत ने बहुत सारे वैश्विक मुद्दों पर अपना स्टैंड लिया है और विश्व में उच्च स्तर पर मान्यता प्राप्त की है. आज पूरा विश्व भारत को गंभीरता से लेता है और भारत की बात सुनता है. प्रधानमंत्री मोदी का स्वयं का कद अब एक विश्व नेता का हो गया है. भारतवासियों का दुनिया भर में सम्मान बढ़ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की भूमिका निरंतर प्रासंगिक हो रही है/

निष्कर्ष
मोदी सरकार के पिछले नौ वर्ष कई मोर्चों पर भारत के विकास और परिवर्तन के साक्षी रहे हैं.  सरकार के सतत प्रयासों से लाखों भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं. सामाजिक न्याय के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का समर्पण उसकी कार्य-संस्कृति से ही दृष्टित होता है जिसके मूल में ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना है. इन नौ वर्षों में देश के गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित,शोषित, वंचित, पिछड़े, महिला एं एवं युवा, सभी सशक्त हुए हैं. आज भारत की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. देश के युवा वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं.  देश मजबूती से एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. 
इतिहास की कई गलतियों को सुधारने का काम भी केंद्र की मोदी सरकार ने इन 9 वर्षों की अल्पावधि में किया है. जम्मू काश्मीर से धरा 370 और 35 A को हटाना, अयोध्या में श्री राम मंदिर का भव्य निर्माण और देश की शिक्षा नीति को भारत के इतिहास के सही परिप्रेक्ष्य के अनुरूप ढालना आदि मील के पत्थर साबित हुए हैं.  कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध तथा दुनिया में आई आर्थिक मंदी के बावजूद भारत सबसे तेज गति से आर्थिक विकास करते हुए जिस तरह से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, यह सभी को अचंभित कर गया. ये बीते नौ साल हर दृष्टि से ऐतिहासिक हैं. बीते नौ वर्षों में भारत प्रगति, प्रकृति, मानवता और लोक-कल्याण का अद्भुत संगम बना है. इन नौ वर्षों ने भविष्य के भारत की नींव रखी है, जो 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होने वाली है.

 


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