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Byju को मिली राहत की मियाद कुछ और बढ़ी, इस दिन तक लागू नहीं होंगे EGM के फैसले
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान बायजू की राहत 28 मार्च तक बढ़ा दी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
बायजू के सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) को कर्नाटक उच्च न्यायालय से मिली राहत की मियाद कुछ समय के लिए बढ़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि विदेशी निवेशकों की बैठक में रवींद्रन के खिलाफ लिए गए निर्णय 28 मार्च तक लागू नहीं होंगे. इससे पहले अदालत ने बायजू के सीईओ को 13 मार्च तक की राहत दी थी. आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने राहत की मियाद को 28 मार्च तक बढ़ा दिया है. बता दें कि 23 फरवरी को बायजू के निवेशकों के एक समूह ने असाधारण आम बैठक (EGM) की थी, जिसमें बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को कंपनी से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गया था.
पारित हुआ था ये प्रस्ताव
बायजू के बोर्ड में फिलहाल बायजू रवींद्रन, उनके भाई रीजू रवींद्रन और पत्नी दिव्या गोकुलनाथ शामिल हैं, जिनके पास करीब 25% हिस्सेदारी है. जबकि बायजू के निवेशकों में हॉलैंड की इन्वेस्टमेंट कंपनी Prosus, जनरल अटलांटिक, पीक-15 पार्टनर्स, सोफिना, आउल, चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव और सैंड्स हैं. बायजू में इनकी कुल मिलाकर लगभग 30% हिस्सेदारी है. इन निवेशकों द्वारा बुलाई गई EGM में कंपनी के निदेशक मंडल को बदलने, बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी एवं कंपनी की सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई ऋजु रवींद्रन को बोर्ड से हटाने के प्रस्ताव को पारित किया गया था. रवींद्रन और उनका परिवार इस बैठक में शामिल नहीं हुआ था.
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राहत की मांग की थी
बायजू रवींद्रन अच्छे से जानते थे कि EGM में उनके खिलाफ कोई न कोई फैसला हो सकता है. इसलिए उन्होंने बैठक से पूर्व ही कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राहत की मांग की थी. इसके बाद एक अंतरिम आदेश में अदालत ने कहा था कि ईजीएम के निर्णय 13 मार्च को होने वाली मामले की सुनवाई तक लागू नहीं होंगे. अब अदालत ने इस राहत को 28 मार्च तक बढ़ा दिया है. EGM के बाद बायजू रवींद्रन ने दावा किया था कि यह बैठक और उसमें लिए गए फैसले अवैध हैं और कानून के विपरीत हैं. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा था कि ईजीएम के दौरान चुनिंदा शेयरधारकों के एक छोटे समूह की ओर से प्रस्ताव पारित किए गए जो अमान्य और अप्रभावी हैं.
NCLT भी पहुंचा है मामला
वहीं, Prosus का कहना था कि निवेशकों ने कानून के दायरे में रहते हुए सबकुछ किया है. प्रोसस के अनुसार, शेयरधारकों और महत्वपूर्ण निवेशकों के रूप में, हम ईजीएम बैठक की वैधता और इसके निर्णायक नतीजे पर अपनी स्थिति को लेकर आश्वस्त हैं, जिसे हम अब उचित प्रक्रिया के अनुसार कर्नाटक उच्च न्यायालय में पेश करेंगे. उसका यह भी कहना था कि 60% शेयरहोल्डिंग वाले निवेशकों ने कंपनी में इस बदलाव के पक्ष में मतदान किया है. बता दें कि बायजू के 4 निवेशकों ने NCLT यानी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी याचिका दायर की है.
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