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आर्थिक परेशानियों से जूझ रही Vodafone Idea की बड़ी जीत, वापस मिलेंगे 1,128 करोड़
दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने आयकर विभाग के खिलाफ कानूनी जंग जीत ली है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
आर्थिक परेशानियों से जूझ रही वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को 2016-17 में टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा भुगतान किए गए 1,128 करोड़ रुपए लौटाने का निर्देश दिया है. इस खबर के सामने आते ही कंपनी के शेयरों में तेजी दर्ज की गई है. खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयर करीब 3% की बढ़त के साथ 14.05 रुपए पर कारोबार कर रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाई कोर्ट ने इनकम टैक्स अथॉरिटी को आदेश दिया है कि वह वोडाफोन आइडिया को टैक्स के रूप में भुगतान किए गए 1128 करोड़ रुपए रिफंड करे. आयकर विभाग को यह रकम ब्याज के साथ चुकानी होगी.
कंपनी ने लगाई थी गुहार
अदालत ने यह आदेश वोडाफोन आइडिया की याचिका पर सुनाया है, जिसमें ब्याज के साथ रिफंड की मांग की गई थी. कंपनी के कहा था कि आयकर विभाग आकलन वर्ष 2016-2017 के लिए भुगतान की गई राशि को वापस करने में विफल रहा, जो कि उसकी आय पर वैध कर से अधिक थी. न्यायमूर्ति केआर श्रीराम और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने 30 दिन के निर्धारित समय के भीतर अंतिम आदेश पारित नहीं करने में ढिलाई के लिए आकलन अधिकारी (AFO) के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया. कोर्ट ने कहा कि AFO की ओर से 31 अगस्त, 2023 को जारी किए गए आदेश को लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि एफएओ ने डिस्प्यूट रिजल्यूशन पैनल के निर्देश जारी करने के 30 दिन की बजाय दो साल बाद फैसला लिया है.
जांच की सिफारिश
पीठ ने कहा कि इस मामले में आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप अपने कर्तव्यों के निर्वहन में संबंधित आकलन अधिकारी उदासीन रहे हैं और हम उनके खिलाफ जांच की सिफारिश करते हैं. अदालत ने आगे कहा कि कानून के सख्त दायरे में काम करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को सौंपी गई है, उनकी ओर से किसी भी तरह की लापरवाही राजकोष को प्रभावित करती है और इसका देश की समृद्धि पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है. वोडाफोन आइडिया की याचिका के अनुसार, आकलन अधिकारी ने दिसंबर 2019 में आकलन वर्ष से संबंधित एक मसौदा आदेश पारित किया था, जिसके खिलाफ कंपनी ने जनवरी 2020 में डिस्प्यूट रिजल्यूशन पैनल के समक्ष आपत्तियां दर्ज कीं, मार्च 2021 में, पैनल ने कुछ निर्देश जारी किए थे, जिन पर अमल नहीं किया गया.
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