होम / कोर्ट कचहरी / अब अदालत तय करेगी कल्याणी परिवार की प्रॉपर्टी पर किसका कितना हक
अब अदालत तय करेगी कल्याणी परिवार की प्रॉपर्टी पर किसका कितना हक
भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. उनके भतीजे और भतीजी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी (Bharat Forge Chairman Baba Kalyani) के परिवार का प्रॉपर्टी विवाद अदालत तक पहुंच गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीलकंठ कल्याणी के पोते समीर हीरेमथ और पल्लवी स्वादि ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर अपने चाचा बाबा कल्याणी के खिलाफ पुणे सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दोनों ने भारत फोर्ज और कल्याणी स्टील में हिस्सेदारी सहित पारिवारिक संपत्ति का नौवां हिस्सा मांगा है. बाबा की गिनती देश के सबसे अमीर लोगों में होती है. फोर्ब्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 4 अरब डॉलर है.
इस बात की है आशंका
समीर हीरेमथ और पल्लवी स्वादि मुकदमा परिवार के पांच अन्य सदस्यों के खिलाफ भी दायर किया है, जिनमें उनकी मां सुगंधा हिरेमथ, भाई गौरीशंकर कल्याणी, उनके बच्चे शीतल कल्याणी एवं विराज कल्याणी और बाबा के बेटे अमित कल्याणी शामिल हैं. परिवार के पास पुणे, महाबलेश्वर और महाराष्ट्र में अन्य जगहों पर जमीनें हैं, जिनका मूल्य निर्धारण अभी नहीं किया जा सका है. कल्याणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप लगभग 62,834 करोड़ रुपए है. अपनी याचिका में समीर (50) और पल्लवी (48) ने कहा कि फरवरी 2023 में नीलकंठ कल्याणी की पत्नी की मृत्यु के बाद, बाबा समय-समय पर की गई Wishes और Writings को प्रभाव में लाने से बचते रहे हैं. वह इस बारे में चर्चा को भी तैयार नहीं हैं. ऐसे में आशंका है कि वह कल्याणी परिवार HUF की सभी संपत्तियों पर कब्जा कर लेंगे और उन्हें उनके शेयरों से वंचित कर देंगे.
विरासत में मिली संपत्ति
मुकदमे के मुताबिक, आवेदकों के परदादा अन्नप्पा कल्याणी एक किसान के साथ-साथ एक व्यापारी भी थे. अन्नप्पा के पास बड़ी चल और अचल संपत्ति थी, जो बाद में उनके एकमात्र बच्चे नीलकंठ को विरासत में मिली. फरवरी 1954 में नीलकंठ सभी संपत्तियों (अर्जित और निवेश) को हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) यूनिट के तहत लेकर आए. 2011 में जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उनके सबसे बड़े बेटे बाबा ने एचयूएफ के मामलों का प्रबंधन करना शुरू कर दिया. साल 2013 में नीलकंठ का निधन हो गया.
अकेले बाबा का हक नहीं
नीलकंठ के निधन के बाद बाबा ने समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उदाहरण के लिए, कल्याणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी भारत फोर्ज की स्थापना 1966 में नीलकंठ ने की थी, लेकिन बाबा के प्रयासों के चलते ही यह ऑटो और एयरोस्पेस कंपोनेंट निर्माता कंपनी आज 52,636 करोड़ रुपए के बाजार मूल्य वाली बन गई है. दायर मुकदमे में कहा गया है कि चूंकि सभी बिजनेस और निवेश फैमिली फंड से शुरू किए गए थे. लिहाजा, सभी बिजनेस और निवेश संयुक्त परिवार की संपत्ति थे और इसलिए बाबा को अकेले इसका अधिकार नहीं है.
टैग्स