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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आखिर क्यों घबराए बैंक कर्मचारी, आप भी जानिए
बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की यूनियन ने आयकर (Income Tax) विभाग के एक नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट के फैसले के बाद बैंक कर्मचारियों के हाथ सिर्फ निराशा लगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक फैसले ने बैंक कर्मचारियों को बड़ा झटका दे दिया है. कोर्ट ने गुरुवार को एक फैसले में कहा है कि बैंक कर्मचारियों को उनके एम्पलॉयर बैंकों की ओर से इंटरेस्ट फ्री या कम इंटरेस्ट रेट के लोन की जो सुविधा मिलती है, उस पर उन्हें टैक्स का भुगतान करना होगा. इस फैसले के बाद बैंक कर्मचारी काफी निराश हुए है.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने आयकर (Income Tax) विभाग के एक नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके तहत बैंक कर्मचारियों को खास तौर पर मिलने वाली लोन की सुविधा को टैक्सेबल बनाया गया है. आईटी एक्ट 1961 के सेक्शन 17(2)(viii) और आईटी रूल्स 1962 के नियम 3(7)(i) के तहत अनुलाभ (perquisites) को परिभाषित किया गया है. अनुलाभ उन सुविधाओं को कहा जाता है, जो किसी भी व्यक्ति को उसके काम/नौकरी के चलते सैलरी के अतिरिक्त मिलती हैं.
देना पड़ेगा टैक्स
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस मामले में आय कर के नियमों को सही ठहराया. कोर्ट ने कहा कि बैंक कर्मचारियों को बैंकों की ओर से खास तौर पर यह सुविधा दी जाती है, जिसमें उन्हें या तो कम ब्याज पर या बिना ब्याज के लोन मिल जाता है. अदालत के हिसाब से यह यूनिक सुविधा है, जो सिर्फ बैंक कर्मचारियों को ही मिलती है. इसे सुप्रीम कोर्ट ने फ्रिंज बेनेफिट या अमेनिटीज करार दिया और कहा कि इस कारण ऐसे लोन टैक्सेबल हो जाते हैं.
कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
कोर्ट की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बैंक अपने कर्मचारियों को कम ब्याज पर या बिना ब्याज के जो लोन की सुविध देते हैं, वह उनकी अब तक की नौकरी या आने वाले समय की नौकरी से जुड़ी हुई है. ऐसे में यह कर्मचारियों को सैलरी के अलावा मिलने वाली सुविधाओं में शामिल हो जाती है और इसे अतिरिक्त लाभ माना जा सकता है. इसका मतलब हुआ कि आयकर के संबंधित नियमों के हिसाब से यह सुविधा टैक्सेबल हो जाती है. पीठ ने टैक्स के कैलकुलेशन के लिए एसबीआई के प्राइम लेंडिंग रेट को बेंचमार्क की तरह इस्तेमाल करने को भी स्वीकृति प्रदान कर दी.
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