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इलेक्ट्रिक कारों के बाजार पर आया Adani का दिल, इस कंपनी से मिलाया हाथ!
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर खत्म होने के साथ ही गौतम अडानी फिर से विस्तार योजनाओं पर ध्यान देने लगे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
गौतम अडानी (Gautam Adani) का फोकस फिर से विस्तार योजनाओं पर लौट आया है. हिंडनबर्ग के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त होने के बाद अडानी नई संभावनाएं तलाश रहे हैं और इसी कड़ी में वह इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में एंट्री ले सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी ग्रुप उबर टेक्नोलॉजीज (Uber Technologies) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी पर काम कर रहा है. इसके तहत अडानी समूह उबर टेक्नोलॉजीज के राइड हेलिंग प्लेटफॉर्म पर अपनी इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों को पेश करेगा.
कार निर्माण नहीं करेगा समूह
इस साझेदारी के तहत उबर की सेवाओं को 'अडानी वन' के तहत लाने की भी योजना है. इस सुपर ऐप को 2022 में लॉन्च किया गया था. अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उबर के सीईओ Dara Khosrowshahi के बीच इस डील को लेकर हाल ही में चर्चा भी हुई थी. अडानी ग्रुप इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहनों के क्षेत्र में उतरने के लिहाज से उबर के साथ पार्टनरशिप कर रहा है. वैसे, बस, कोच और ट्रकों जैसे इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों में उसकी पहले से ही मौजूदगी है. लेकिन समूह वाहनों का निर्माण नहीं करता, उसके पोर्ट और एयरपोर्ट बिजनेस में इसकी बड़ी इन-हाउस जरूरते हैं. इसी तरह अडानी इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण नहीं करेंगे, बल्कि खरीदकर उनकी ब्रांडिंग करेंगे और उन्हें उबर के नेटवर्क में जोड़ेंगे.
क्या है Uber की योजना?
उबर दुनिया भर में मौजूद अपने बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने की योजना पर काम कर रही है. दरअसल, कंपनी 2040 से पहले खुद को जीरो-एमिशन यानी कि शून्य उत्सर्जन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म बनाना चाहती है. इसलिए वो पेट्रोल-डीजल वाहनों को बेड़े से हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक वाहन लाने पर काम कर रही है. अडानी समूह के साथ साझेदारी से कंपनी को इस दिशा में मदद मिल सकती है. उबर की भारत में एंट्री 2013 हुई थी, तब से अब तक वो 3 अरब से अधिक ट्रिप पूरी चुकी है. उबर भारत के 125 शहरों में सेवा उपलब्ध करा रही है और उसने 8 लाख से अधिक भारतीयों को अपने नेटवर्क से जोड़कर इनकम को बढ़ाने में मदद की है.
इस तरह मिलेगा फायदा
दूसरी तरफ, ये डील अडानी समूह के लिए भी काफी फायदेमंद रहेगी. समूह को कई अन्य फायदों के साथ-साथ अडानी वन के विस्तार में भी मदद मिलेगी. अडानी ग्रुप अगले 10 साल में भारत के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में 100 अरब डॉलर का निवेश करने वाला है. साथ ही उसने 2027 तक सोलर मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता को 10GW तक बढ़ाने की योजना बनाई है. बता दें कि भारत में उबर और ओला में कड़ी टक्कर है. ओला भी ईवी पर दांव लगा रहा है और उसका एक आईपीओ भी आने वाला है. ऐसे में अडानी के साथ डील से उबर को काफी फायदा मिल सकता है.
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