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चीनी का स्वाद होगा 'कसैला', जेब होगी आपकी ढीली!
फरवरी के महीने में ही तापमान बढ़ने का असर अब तक गेहूं की फसल पर पड़ा था लेकिन अब खबर आ रही है कि इसका चीनी की फसल पर भी असर पड़ रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भले ही दुनिया के कई संगठन बार-बार पूरी दुनिया को जगा रहे हों लेकिन अब इस समस्या का असर हमारे जीवन पर होना शुरू हो गया है. इस समस्या का सबसे बड़ा असर हमारी फसलों पर देखने को मिल रहा है. सबसे पहले फरवरी में ही तापमान बढ़ने के कारण इसका असर गेहूं की फसल पर देखने को मिला था तो अब खबर महाराष्ट्र से आ रही है कि वहां भी इसका असर देखने को मिल रहा है. वहां आशंका जताई जा रही है कि इस बार लगातार बढ़ती गर्मी का असर वहां के गन्ने की फसल पर दिख रहा है जिससे जानकार फसल के कम होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं.
चीनी की पैदावार कम होने की आशंका
इस साल जिस तरह से फरवरी के महीने में ही तापमान 30 डिग्री को पार कर गया है वैसे ही इसका असर फसलों पर पड़ना शुरु हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 124 मीट्रिक टन रहने की आशंका जताई जा रही है जबकि 2021-22 में ये 137 मीट्रिक टन रहा था. अगर महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन पर असर पड़ता है तो पूरे देश में इसका असर दिखाई देता है. जानकार कह रहे हैं कि उत्पादन में कमी का ये असर बढ़ते तापमान के कारण दिखाई दे रहा है.
टाइम पर खत्म होगा क्रशिंग सीजन
महाराष्ट्र में क्रशिंग सीजन इस वक्त तेजी से चल रहा है. राज्य की 199 मिलों में मौजूदा समय में क्रशिंग चल रही है, इनमें सतारा, सांगली और कोल्हापुर जैसे जिले शामिल हैं जहां ये मार्च के अंत तक खत्म हो जाएगी. वहीं मराठवाड़ा जैसे जिलों में क्रशिंग अप्रैल तक चलने की संभावना है. जबकि अगर पिछले साल की बात की जाए तो ये जून तक जारी रही थी.
गेहूं पर भी पड़ा है क्रशिंग का असर
गन्ने से पहले बढ़ते तापमान का असर गेहूं पर भी पड़ चुका है, जानकार साफ तौर पर कह चुके हैं कि इस साल गेहूं की पैदावार कम होने की आशंका है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि लगातार बढ़ता तापमान हमारे फसल चक्र को प्रभावित कर रहा है.
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