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अब और सटीक होगी मौसम विभाग की भविष्यवाणी, इस तकनीक की मदद लेगा विभाग
अगर आने वाले समय में एआई के प्रयोग को पूरी तरह से सफलता मिल जाती है तो इतना कहा जा सकता है कि मौसम के कारण होने वाले नुकसान को और कम किया जा सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
हमारे देश में हर साल मौसमी बदलावों के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कहीं गर्मी तो कहीं सर्दी, बारिश, बाढ़ या तूफान जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन उन सभी परिस्थितियों के बीच अब मौसम विभाग अपनी भविष्यवाणी को और सटीक बनाने के लिए एआई का प्रयोग करने को लेकर एक उद्यम करने की तैयारी कर रहा है.
क्या हो रहा है मौसम विभाग में
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मौसम विभाग जलवायु अनुसंधान प्रमुख केएस होलिसकर ने पुर्वानुमानों को और बेहतर बनाने में एआई की भूमिका पर जोर दिया है. आईएमडी हीट वेव और मलेरिया जैसी बीमारियों के बारे में सार्वजनिक अलर्ट के लिए पहले ही एआई प्रोजेक्ट को तैनात कर चुका है. लेकिन उनका मानना है कि एआई के सटीक आंकड़ों के लिए उसे हाई रेज्योल्यूशन डेटा की जरूरत होती है. यही नहीं आईआईटी के असिस्टेंड प्रोफेसर सौरभ राठौड़ कहते हैं कि एआई के सुपरकंप्यूटर चलाने के लिए कोई उच्च लागत संसाधनों की जरूरत नहीं है. वो कहते हैं कि इसे एक अच्छी गुणवत्ता वाले डेस्कटॉप से भी चला सकते हैं.
यूके में भी चल रहा है इस पर काम
ऐसा नहीं है अकेले भारत ही इसे लेकर काम कर रहा है, बल्कि यूके में तो वहां की सरकार ने गूगल से सपोर्टिव एक मौसम पुर्वानुमान प्रोजेक्ट की काफी सराहना की है. माना जा रहा है कि ये मौसम विभाग के क्षेत्र में एक बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है. लगातार बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में बदलावों की अवधि और भी तेज हो गई है. ऐसे में अगर एआई इसमें मददगार साबित होता है तो सभी को काफी मदद मिल सकती है.
मौसम पर निर्भर है भारत की कृषि अर्थव्यवस्था
भारत अकेला ऐसा देश है जहां कई तरह के मौसम महसूस किए जा सकते हैं. कई मामलों में ये मौसम बदलाव जहां हमारे लिए फायदेमंद है तो कृषि जैसे मामलों में ये हमारे लिए संकट पैदा कर देते हैं. ज्यादा गर्मी, ज्यादा सर्दी, बारिश तूफान जैसे बदलावों का अगर सही अनुमान ना लगे तो किसानों का इस पर बुरा असर पड़ता है. मौजूदा समय में भारत में सुपर कंप्यूटर की मदद से गणितीय मॉडल के आधार पर मौसम का पुर्वानुमान लगाया जाता है.
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