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आज लोकसभा में पेश होने वाले Telecommunication Bill के बारे में कितना जानते हैं आप?
कथित तौर पर OTT कम्युनिकेशन ऐप्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
भारत सरकार द्वारा आज लोकसभा में टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 (Telecommunication Bill) पेश किया जाने वाला है. आपको बता दें कि इस बिल को भारतीय टेलीग्राफ एक्ट (Indian Telegraph Act) की रिप्लेसमेंट के रूप में देखा जा रहा है. आपको बता दें कि भारतीय टेलीग्राफ एक्ट का इस्तेमाल टेलीकम्युनिकेशन क्षेत्र में लगभग पिछले 138 सालों से किया जा रहा है.
Telecommunications Bill से होंगे ये बदलाव
OTT कम्युनिकेशन ऐप्स से संबंधित नियम (Telecommunication Bill) इस बिल की सीमा से बाहर होंगे. आपको बता दें कि कथित तौर पर OTT कम्युनिकेशन ऐप्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं और इसीलिए किसी प्रकार का विवाद न हो इसलिए इन्हें टेलीकम्युनिकेशन बिल से बाहर कर दिया गया है. इसके साथ ही बिल में टेलीकम्युनिकेशन सुविधाओं को ओपन रखा गया है और अंतिम वर्जन में टेलीकम्युनिकेशन सुविधाओं का मतलब किसी भी प्रकार की टेलीकम्युनिकेशन सुविधा है. बिल द्वारा किये गए अन्य महत्त्वपूर्ण बदलाव इस प्रकार हैं:
1. इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनियों द्वारा उठाये गए सवालों के आधार पर TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की शक्तियों पर नियंत्रण लगाना.
2. कंपनी द्वारा अपने परमिट को सरेंडर किए जाने के बाद लाइसेंस शुल्क की वापसी और रजिस्ट्रेशन संबंधित निश्चित नियमों को आसान बनाना.
3. राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सरकार किसी व्यक्ति या फिर किसी देश से इम्पोर्ट किये हुए टेलिकॉम उपकरण पर रोक लगा सकती है या उसके इस्तेमाल को सस्पेंड भी कर सकती है.
4. केवल विश्वसनीय सूत्रों से ही टेलिकॉम उपकरण लिए जायें.
5. प्रमोशनल या फिर एडवरटाइजिंग से संबंधित संदेश भेजने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
6. यह एक ही बिल टेलिकॉम क्षेत्र के तीन बड़े बिलों भारतीय टेलीग्राफ एक्ट 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1933 और टेलीग्राफ वायर्ज एक्ट 1950 की जगह ले लेगा.
7. सैटलाईट ब्रॉडबैंड सुविधा से संबंधित स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए महत्त्वपूर्ण बदलाव किये जायेंगे.
8. टेलिकॉम नेटवर्क में अनधिकृत रूप से प्रवेश करने, डेटा हैक करने और गैर-कानूनी रूप से डेटा प्राप्त करने की वजह से तीन साल तक की जेल हो सकती है और 2 करोड़ रुपयों का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
9. इसके साथ ही बिल में सुझाव दिया गया है कि ‘यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड’ का नाम बदलकर डिजिटल भारत निधि कर दिया जाए.
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