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आत्मनिर्भर भारत: दुनिया को पसंद आ रहे हमारे यहां बने फोन, तभी तो पाया ये मुकाम
एक रिपोर्ट बताती है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
देश की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री (Electronic Industry) तेजी से आगे बढ़ रही है. करीब 10 साल पहले इंडस्ट्री ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसे न केवल सफलतापूर्वक पूरा किया है बल्कि मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में रिकॉर्ड भी बना दिया है. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन गया है.
आत्मनिर्भर बन रहा Bharat
ICEA की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने बीते 10 सालों के दौरान 4.1 लाख करोड़ रुपए के कुल 2.45 अरब मोबाइल फोन बनाए हैं. जबकि 10 पहले यानी 2014-15 में यह आंकड़ा महज 18,900 करोड़ रुपए था. एसोसिएशन का कहना है कि भारत का यह सेक्टर आज से दस साल पहले यानी 2014 में 78 प्रतिशत आयात पर निर्भर था, लेकिन अब यह 97 प्रतिशत तक आत्मनिर्भर बन गया है. यानी भारत में मोबाइल फोन का तेजी से निर्माण हो रहा है. बता दें कि ICEA एपल, शाओमी, ओप्पो, वीवो, लावा आदि कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है.
एक्सपोर्ट में आई तेजी
वित्त वर्ष 2014-15 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात सिर्फ 1556 करोड़ रुपए था. मोबाइल इंडस्ट्री को वित्त वर्ष 2024 में इसके बढ़कर 1.2 लाख करोड़ होने की उम्मीद है. इस हिसाब से देखें तो एक दशक में इसमें 7500 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. साल 2014 से 2024 के दौरान एक्सपोर्ट बढ़कर 3.22 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया. एसोसिएशन का कहना है कि निर्यात में आई इस तेज ग्रोथ की वजह से ही मोबाइल फोन भारत की 5वीं सबसे बड़ा एक्सपोर्ट कमोडिटी बन गई है.
यहां तेजी की है जरूरत
पिछले साल आई एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2022 में देश में बेचे जाने वाले अधिकांश फोन का उत्पादन भारत में ही किया गया था. वैसे तो उनमें से कई फोन ताइवान की फॉक्सकॉन या दक्षिण कोरियाई सैमसंग जैसी विदेशी कंपनियों के भारत में स्थित कारखानों में बनाए गए. लेकिन घरेलू कंपनियों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. भारत में निर्मित मोबाइल फोन के फिलहाल 15 से 20 प्रतिशत पुर्जे ही मेड इन इंडिया हैं. सरकार का लक्ष्य इसे लक्ष्य इसे 35% से 40% के बीच तक पहुंचाना है. इसके लिए दूरसंचार और नेटवर्किंग उपकरणों के लिए अप्रैल 2021 में प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत भारत में बनाए जाने वाले मोबाइल फोन के पुर्जों पर सब्सिडी मिलती है.
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