होम / सक्सेस स्टोरी / Weekend Special: एक आइडिया जो किस्मत बदल दे, पढ़ें कैसे पड़ी Godrej साम्राज्य की नींव!

Weekend Special: एक आइडिया जो किस्मत बदल दे, पढ़ें कैसे पड़ी Godrej साम्राज्य की नींव!

120 साल से भी ज्यादा पुरानी गोदरेज इंडस्ट्रीज की कहानी आज के माहौल में भी बिल्कुल फिट बैठती है. कैसे एक युवा लड़के के जुनून ने इतना बड़ा कारोबार साम्राज्य खड़ा कर दिया.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

नई दिल्ली: एक आइडिया आपकी किस्मत बदल सकता है, ये आइडिया आपको कहीं से भी, कभी भी आ सकता है. जैसे आर्देशीर गोदरेज को अखबार में छपी एक छोटी सी खबर से आया और उन्होंने गोदरेज का साम्राज्य खड़ा कर दिया. 

आर्देशीर गोदरेज की कहानी
आज हम गोदरेज ग्रुप की नींव रखने वाले आर्देशीर गोदरेज की सफलता की कहानी जानेंगे. ये कहानी शुरू होती है, 1868 में, जब मुंबई में पारसी-जोरोस्ट्रियन परिवार में एक लड़के का जन्म होता है, नाम है आर्देशीर गोदरेज. पैसों और सुख सुविधाओं से समृद्ध परिवार में जन्मे आर्देशीर गोदरेज ने वकालत की पढ़ाई की और वकालत करने के लिए पूर्वी अफ्रीका चले गये, 1894 में तंजानिया में जंजीबार की एक मशहूर कंपनी ने उनको नौकरी पर रख लिया, लेकिन एक बार जब अपने क्लाइंट का केस लड़ रहे थे तो उन्होंने पाया कि कुसूरवार उनका क्लाइंट ही है, इसका अहसास होते ही वो अपने ही क्लाइंट के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ने लगे, क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि जो बेकसूर हैं उन्हें सजा हो. उनको ये घटना इतनी ज्यादा परेशान कर गई कि उन्होंने ठान लिया कि वो वकालत नहीं करेंगे, उन्हें जल्द समझ आ गया था कि ये पेशा उनके आदर्शों के मुताबिक नहीं है. इसलिये वो वापस भारत लौट आये. 

जब पहला बिजनेस नहीं चला
उन्होंने मुंबई में एक केमिस्ट के पास असिस्टेंड के तौर पर नौकरी कर ली. नौकरी के दौरान उनके दिमाग में कुछ अलग करने का जुनून सवार रहता था. उन्होंने मुंबई में सर्जिकल कैंची और ब्लेड बनाने का काम शुरू करने की सोची. लेकिन इसके लिए पैसों की जरूरत थी. उन्होंने पारसी समाज के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन और दानी व्यक्ति मेरवान जी मुछेरजी काम से 3000 रुपये उधार लिये और काम शुरू कर दिया. लेकिन उनका ये बिजनेस नहीं चल पाया क्योंकि, जिस ब्रिटिश कंपनी से उन्होंने बिजनेस डील की थी, उस कंपनी ने सामानों पर लिखा हुआ मेड इन इंडिया हटाने को कहा, जिसके लिए आर्देशीर गोदरेज राजी नहीं हुए, जिसकी वजह से उनका ये बिजनेस ठप पड़ गया. ये आर्देशीर के लिये बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया.

एक खबर ने दिया दूसरा बिजनेस आइडिया
एक बिजनेस बंद होने के बाद भी आर्देशीर गोदरेज ने हिम्मत नहीं हारी थी, एक दिन अखबार में उन्होंने मुंबई में चोरी की वारदात बढ़ने की खबर पढ़ी, जिसमें लोगों से अपने सामानों को सुरक्षित रखने के लिये कहा गया था. ये वही खबर है, जिसका जिक्र इस आर्टिकल की शुरुआत में किया गया है. ये खबर पढ़कर आर्देशीर के दिमाग में नया बिजनेस आइडिया आया, और वो था ताले बनाने का. वो एक बार फिर मेरवानजी कामा के पास पहुंचे, हालांकि एक बिजनेस उनका ठप हो चुका था और उन्होंने पुराना बकाया भी नहीं चुकाया था. बावजूद इसके कामा जी को आर्देशीर पर भरोसा था, उनको ताले का बिजनेस आइडिया पसंद आया और उन्होंने आर्देशीर गोदरेज को पैसे उधार दे दिये. 20 साल के आर्देशीर गोदरेज ने मई 1897 में ताले बनाने की शुरुआत की, नाम रखा Anchor. ताले बनाने की शुरुआत उन्होंने सेंट्रल मुंबई में एक छोटे से शेड में की. आर्देशीर ने अपने ताले बेचने के लिए एक बिजनेस रणनीति अपनाई, उन्होंने अपने तालों के साथ एक वारंटी डॉक्यूमेंट भी दिया, जिसमें दावा किया गया था कि ये ताले कभी टूटेंगे नहीं, गोदरेज ने इस बात का भी दावा किया कि उनका ताला सिर्फ अपनी ही चाबी से खुलेगा किसी और चाबी से नहीं, इस कैंपेन ने गोदरेज तालों को नये मुकाम पर पहुंचा दिया. उनके बनाए ताले पूरे देश में मशूहर होने लगे. यहीं से गोदरेज के बिजनेस साम्राज्य की नींव पड़ी. 

अलमारी, तिजोरी और साबुन में हाथ आजमाया
इसके बाद गोदरेज ने ताले से आगे बढ़कर तिजोरियों के बिजनेस में भी हाथ आजमाया, ये बिजनेस भी कामयाबी की नई ऊंचाई तक पहुंचा, आज भी गोदरेज की तिजोरियां सुरक्षा के लिहाज से सबसे अच्छी मानी जाती हैं. तालों, तिजोरियों के बाद आर्देशीर ने एक बिल्कुल कारोबार में ही हाथ आजमाने की सोची. उस समय जो नहाने के साबुन बनते थे, उसमें जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल होता था, जिसकी वजह से हिंदू समाज के लोगों की भावनाएं आहत होती थीं. आर्देशीर ने तुरंत ही इसमें नये बाजार को तलाश लिया. आर्देशीर ने एक ऐसा साबुन बनाया जिसमें वस्पति तेल का इस्तेमाल हुआ था. उन्होंने 1918 में अपने भाई पिरोजशा गोदरेज के साथ मिलकर 1918 में गोदरेज साबुन को लॉन्च किया, उन्होंने सबसे पहले Cinthol साबुन को उतारा. ये दुनिया का पहले साबुन था जिसमें जानवर की चर्बी का इस्तेमाल नहीं हुआ था. इसके बाद उन्होंने एक साबुन लॉन्च किया जिसका नाम था गोदरेज नंबर-2, फिर उन्होंने गोदरेज नंबर-2 लॉन्च किया. ये रणनीति भी उनके दिमाग की ही उपज थी, पहले गोदरेज 2 लॉन्च करने से लोगों को गोदरेज नंबर 1 का इंतजार होगा, बिल्कुल ऐसा ही हुआ. गोदरेज नंबर 1 इतना पॉपुलर हुआ कि आजतक बिकता है. 

ताले से रॉकेट बनाने तक योगदान 
गोदरेज अब 120 साल से ज्यादा पुरानी कंपनी हो चुकी है. आज गोदरेज समूह इतना बड़ा है कि इसके पास 20 प्रोडक्ट्स की लंबी चौड़ी रेंज है. आज की तारीख में इसमें 28,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं. लेकिन शायद आपको नहीं मालूम होगा कि गोदरेज का योगदान भारत के स्पेश मिशन में भी रहा है. 24 सितंबर 2014 को जब भारत ने मंगलयान को लॉन्च किया था, गोदरेज ने संयुक्त रूप से इसका विकास इंजन तैयार किया था. इसके अलावा 2008 में चंद्रयान-1 के लिये भी लॉन्च व्हीकल को भी संयुक्त रूप से तैयार किया था, जो कि भारत का पहला लुनार प्रोब था. गोदरेज ग्रुप ने ताले, साबुन, रियल एस्टेट से लेकर स्पेश मिशन तक का लंबा सफर तय किया है. कंपनी का कारोबार दुनिया के कई देशों जैसे- अमेरिका, अफ्रीका, अर्जेंटीना, ओमान, इंडोनेशिया, श्रीलंका समेत कई देशों में फैला हुआ है. 

आदि गोदरेज ने गोदरेज ग्रुप के कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, वो अब ग्रुप के चेयरमैन एमरिटस हैं, उन्होंने चार दशकों तक गोदरेज इंडस्ट्रीज की कमान संभालने के बाद पिछले साल गोदरेज इंडस्ट्रीज की जिम्मेदारी अपने भाई नादिर गोदरेज को सौंप दी, नादिर गोदरेज अब गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन हैं. 


टैग्स
सम्बंधित खबरें

पिता बस कंडक्टर, बेटे ने बनाया गेमिंग इंडस्ट्री में नाम; आज हैं करोड़ों के मालिक

इंस्टाग्राम पर 17 लाख फॉलोवर्स है. जबकि यूट्यूब पर उन्हें 57 लाख लोग फॉलो करते हैं और हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात के लिए भारत के टॉप 7 गेमर्स को आमंत्रित किया गया था.

12-April-2024

किसान के बेटे ने खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी, बिजनेस से नहीं था नाता, जानें सक्सेस स्टोरी

खास बात है कि इस कारोबारी को कुछ भी विरासत में नहीं मिला. साधारण से किसान परिवार जन्मे इस कारोबारी की सफलता और संघर्ष की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरणा देने वाली है.

06-April-2024

भारत के अरबपतियों में शामिल हुआ नया नाम, क्या आपको पता है कौन हैं Lalit Khaitan?

कंपनी के शेयरों में 50% की वृद्धि देखने को मिली है जिससे ललित खेतान का नाम भी भारतीय अरबपतियों में शामिल हो गया है.

14-December-2023

मुज्जफरनगर के अजीत का सिलीकॉन वैली में बजता है डंका, ऐसे बनाई अपनी अलग पहचान

जिन दो कंपनियों के बारे में हम बात कर रहे हैं, उनमें से एक ने 2016 में NASDAQ पर सबसे शानदार टेक IPO निकाला था.

27-November-2023

कौन हैं Poonam Gupta? जिन्होंने पेपर की रद्दी से खड़ी कर दी 800 करोड़ की कंपनी!

वह इंटरव्यू देने जातीं तो पेपर की रद्दी उनका ध्यान अपनी तरफ खींचती और कुछ समय बाद वह इस पर रिसर्च करने लगीं.

06-November-2023


बड़ी खबरें

Zomato के फाउंडर ने बताई अपने संघर्ष की कहानी, जानते हैं हरदीप पुरी ने क्यों शेयर किया वीडियो?

दीपिंदर गोयल के एक वीडियो को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स (X) पर शेयर किया है. इसके जरिए उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों के असर को दिखाने की कोशिश की है.

10 hours ago

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, EPFO से जुड़े 14 लाख नए मेंबर, युवाओं को मिल रही नौकरियां

EPFO से जुड़ने वालों में 18-25 साल की उम्र की संख्या सबसे ज्यादा 56.83% रही. इनमें अधिकतर पहली बार कोई नौकरी कर रहे हैं.

11 hours ago

कई टॉप क्लास फीचर्स के साथ लॉन्च हुआ Infinix का ये नया गेमिंग लैपटॉप, जानें इसकी कीमत?

इनफिनिक्स (Infinix) अपने ग्राहकों के लिए मंगलवार यानी 21 मई को एक नया गेमिंग लैपटॉप Infinix GT Book लॉन्च किया.

11 hours ago

400 पार का नारा लगा रही BJP को मिलेंगी कितनी सीटें, PK ने कर दी भविष्यवाणी 

दिग्गज राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कहना है कि मोदी सरकार तीसरी बार वापसी कर सकती है.

11 hours ago

मतदान से पहले संबित पात्रा ने आखिर क्‍यों मांगी माफी, जानिए क्‍या है ये पूरा मामला? 

जिस तरह से संबित पात्रा के स्‍लीप ऑफ टंग पर नवीन पटनायक ने निशाना साधा है वो इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहे हैं. ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा के भी चुनाव हो रहे हैं. 

12 hours ago