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गरीब लड़के की जिंदगी का वो टर्निंग पॉइंट, जिसके बाद पूरी दुनिया में छा गया ‘स्टारबक्स’
हाल ही में खत्म हुई तिमाही में Starbucks का रिवेन्यु 8.15 अरब डॉलर रहा, जबकि कंपनी के एनालिस्ट्स ने 8.11 अरब डॉलर का अनुमान लगाया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कॉफी का ख्याल आते ही जहन में स्टारबक्स का नाम खुद ब खुद आ जाता है. इस कंपनी ने पिछले कुछ समय में तरक्की की सीढ़ी काफी तेजी से चढ़ी है. हाल ही में Starbucks Coffee ने तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें कंपनी को अच्छा-खासा प्रॉफिट हुआ है. अब जब बात कंपनी की तरक्की की हो रही है, तो फिर उस शख्स की बात करना भी ज़रूरी हो जाता है, जिसने Starbucks को इस मुकाम तक पहुंचाया और उस शख्स का नाम हॉवर्ड स्कूल्ज (Howard Schultz).
कम उम्र में नौकरी
हॉवर्ड स्कूल्ज Starbucks Coffee के चेयरमैन हैं. उन्होंने अपनी बेहतर रणनीति की बदौलत कंपनी को आज इस मुकाम पर पहुंचा दिया है कि बच्चे तक स्टारबक्स का नाम जानते हैं. हॉवर्ड स्कूल्ज का जन्म साल 1953 में न्यूयॉर्क में हुआ. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही नौकरी शुरू कर दी थी. इस बीच, पिता की जॉब चले जाने से परिवार पर आर्थिक परेशानियों का पहाड़ टूट गया, लेकिन स्कूल्ज हालातों से लड़ते रहे.
एंट्री-लेवल सेल्समैन
स्कूल्ज के सपने बड़े थे और वो उन सपनों को पूरा करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने आगे पढ़ने का फैसला किया. लेकिन पैसों की कमी उनकी इस राह में बाधा थी, इस बाधा को दूर करने के लिए उन्होंने स्कॉलरशिप हासिल की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाने वाले पहले व्यक्ति थे. हॉवर्ड स्कूल्ज ने Xerox में एंट्री-लेवल सेल्समैन की नौकरी की, ताकि परिवार को संभाल सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें.
कॉफी बीन्स बेची
कुछ समय बाद उन्होंने उन्होंने एक कॉफी रोस्टर में नौकरी की. बता दें कि स्टारबक्स पहले कॉफी रोस्टर था, जो बाद में कॉफी शॉप बना. हॉवर्ड वहां कॉफी बीन्स बेचा करते थे. हालांकि, जल्द ही अपनी काबिलियत के बल पर उन्होंने बड़ा पद हासिल किया. एक बार वह किसी दूसरे कॉफी हाउस गए, जहां का वातावरण उन्हें बेहद पसंद आया. इसके बाद उनके मन में एक ऐसा कॉफ़ी हाउस खोलने की इच्छा हुई, जहां लोग साथ बैठकर कॉफी पी सकें. उन्होंने अपने मालिकों के सामने यह प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया. हावर्ड को मालिकों का यह रुख नागवार गुजरा और उन्होंने नौकरी छोड़कर खुद की कॉफी आउटलेट शुरू की.
खरीद लिया स्टारबक्स
1984 में जब हावर्ड को यह पता चला कि स्टारबक्स को बेचा जा रहा है, तो उन्होंने उसे खरीद लिया और फिर अपने सपने पूरे करने में जुट गए. उन्होंने देश-विदेश में कंपनी की शाखाएं खोलीं. नए-नए आईडियाज़ के दम पर उन्होंने स्टारबक्स को लोगों के बीच फेमस कर दिया. आज स्टारबक्स तेजी विस्तार कर रही है. हाल ही में कंपनी ने 318 नए आउटलेट्स खोले हैं. इसके साथ दुनियाभर में उसके आउटलेट्स की संख्या बढ़कर 34,948 हो गई है. बता दें कि 3 जुलाई को खत्म हुई तिमाही में कंपनी का रिवेन्यु 8.15 अरब डॉलर रहा, जबकि कंपनी के एनालिस्टों ने 8.11 अरब डॉलर का ही अनुमान लगाया था. इतना ही नहीं, कंपनी की प्रति शेयर आय यानी कि EPS 84सेंट रही, एनालिस्टों ने इसका अनुमान 75 सेंट लगाया था.
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