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Mother's Day Special: बेस्ट मॉम के साथ Super Woman हैं तृप्ति सोमानी
तृप्ति सोमानी का मानना है कि हर महिला को देश में विकास में योगदान देना चाहिए. उन्हें दिन में कम से कम 2 घंटे कोई न कोई काम करना चाहिए, फिर चाहे वो समाज सेवा ही क्यों न हो.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
Mother's Day Special: तृप्ति सोमानी (Tripti Somani) न केवल एक मां हैं, बल्कि कई मदर्स का जीवन भी संवार रही हैं. तृप्ति उन सभी के लिए एक उदाहरण हैं, जिन्हें लगता है कि मां और करियर की जिम्मेदारी को एक साथ नहीं निभाया जा सकता...या निभाया भी जाता है तो दोनों में से किसी एक का पीछे छूटना लाजमी है. तृप्ति पेशे से CA हैं, अपनी अकाउंटेंसी फर्म संभालती हैं, महिलाओं के जीवन में सफलता के रंग भरने वाली संस्था चलाती हैं और इन सबके बावजूद मां दायित्व को बखूबी निभा रही हैं.
हर काम महत्वपूर्ण
तृप्ति मानती हैं कि यदि आप वास्तव में कुछ करना चाहते हैं, तो जिम्मेदारियां बोझ नहीं लगतीं. मां की भूमिका निभाना जितनी बड़ी जिम्मेदारी है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी अपने करियर को आकार देना, अपने सपनों को पूरा करना, दूसरों के भरोसे पर खरा उतरना और समाज के लिए कुछ करना भी है. उन्होंने कहा - मैं यदि ये सब कर पा रही हूं, तो केवल इसलिए कि मैं करना चाहती हूं. मेरे लिए हर काम महत्वपूर्ण है और हर काम जरूरी है. सबको दिन में 24 घंटे ही मिलते हैं, और यदि आप जुनूनी हैं, तो कुछ भी कर गुजरने के लिए इतना समय पर्याप्त है.
हिम्मत और जुनून जरूरी
तृप्ति सोमानी का मानना है कि बच्चों की परवरिश अकेले मां की जिम्मेदारी नहीं होती, पिता को भी इसमें बड़ी भूमिका निभानी होती है. बच्चों की लाइफ में मां और पिता दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है. एक रिसर्च का हवाला देते हुए वह कहती हैं कि यदि माता-पिता दोनों बच्चों को समय देते हैं, अपनी देखरेख में उन्हें बड़ा करते हैं, तो बच्चों के ज्यादा समझदार बनने की संभावना रहती है. मां बनने के बाद कई महिलाएं अपने करियर पर फुल स्टॉप लगा लेती हैं या उनके लिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच तालमेल बैठाना संभव नहीं हो पता, इस पर तृप्ति का कहना है कि ये एक बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा, 'काफी पढ़ी-लिखी महिलाएं भी यह मान लेती हैं कि मां बनने के बाद उनकी प्रोफेशनल लाइफ का चैप्टर क्लोज हो गया है. इसकी एक वजह है कॉन्फिडेंस की कमी. ये सही है कि ब्रेक के बाद फिर से नौकरी शुरू करना आसान नहीं होता, लेकिन महिलाएं इस बात को अपने जहन में इस कदर बैठा लेती हैं कि उन्हें अपनी प्रोफेशनल लाइफ दोबारा शुरू करना एवरेस्ट चढ़ने जैसा लगता है. वह ये भूल जाती हैं कि हिम्मत और जुनून हो, तो एवरेस्ट भी फतह किया जा सकता है'. तृप्ति का कहना है कि ऐसी स्थिति में महिलाओं को किसी मेंटर से बात करनी चाहिए. कोई न कोई प्रोग्राम जॉइन करना चाहिए. जब वह बाहर निकलेंगी, नए लोगों से मिलेंगी तो उनकी लाइफ में अपने आप बदलाव आएगा.
Womennovator की शुरुआत
तृप्ति 2002 में पढ़ाई के लिए यूपी से दिल्ली आई थीं और फिर यहीं बस गईं. वह बचपन से ही CA बनना चाहती थीं और उन्होंने अपना ये सपना हकीकत में भी बदला. कई नामी कंपनियों में काम करने के बाद उन्होंने अपना फैमिली बिजनेस संभालने का फैसला लिया. उनकी कंपनी KG Somani & Company एक फाइनेंशियल एडवाइजरी फर्म है. तृप्ति वर्ल्ड बैंक से भी जुड़ी रही हैं और इस वक्त कई कंपनियों के बोर्ड का हिस्सा हैं. 'Womennovator' तृप्ति सोमानी की एक पहल है, जिसका नाम ही उनकी क्रिएटिव और आधुनिक सोच को दर्शाता है. Womennovator के माध्यम से तृप्ति अब तक सैकड़ों महिलाओं की जिंदगी में सफलता के रंग भर चुकी हैं और ये सिलसिला बदस्तूर जारी है. Womennovator का ख्याल मन में कैसे आया, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा - आज टैलेंटेड महिलाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन सही मौके और मदद के अभाव में उनका टैलेंट जाया हो जाता है. इसके अलावा, स्किल ट्रेनिंग देने वाले तो तमाम संस्थान हैं, लेकिन उन स्किल्स का सही यूटिलाइजेशन कभी-कभी मुश्किल हो जाता है. जब मैंने ये महसूस किया, तो Womennovator की कल्पना ने आकार लिया.
हर भूमिका में हिट
तृप्ति सोमानी को अब तक अनगिनत अवॉर्ड मिल चुके हैं. उनकी कंपनी को Comptroller and Auditor General of India (C&AG) ने 2022 में टॉप 15 फर्म में शामिल किया था. तृप्ति का मानना है कि हर महिला को देश में विकास में योगदान देना चाहिए. उन्हें दिन में कम से कम 2 घंटे कोई न कोई काम करना चाहिए, फिर चाहे वो समाज सेवा ही क्यों न हो. दिन भर की भागदौड़ के बाद तृप्ति अपनी 7 साल की बेटी और पति के साथ समय गुजारती हैं. तृप्ति सोमानी एक मां, एक बिजनेसवुमन और सोशल लीडर, सभी भूमिकाओं को बखूबी निभा रही हैं और हजारों-लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं.
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