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हिमाचल और गुजरात में कौन जीतेगा सत्ता की लड़ाई? ज्योतिषियों का ये है कहना
हिमाचल में BJP और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर नजर आ रही है. वहीं, गुजरात में BJP और कांग्रेस के बीच, आप भी अपने पांव पसारने की जीतोड़ कोशिश में है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
हिमाचल और गुजरात में चुनावी जंग बहुत ही रोचक हो गई है. हिमाचल की बात करें तो यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर नजर आ रही है. वहीं, गुजरात में BJP और कांग्रेस के बीच, आम आदमी पार्टी (आप) भी अपने पांव पसारने की जीतोड़ कोशिश में है. एक ओर जहां राजनीतिक पंडित अपने-अपने कयास लगाने में लगे हुए हैं, वहीं ज्योतिषी भी हिमाचल प्रदेश और गुजरात के राजनीतिक भविष्य की भविष्यवाणी कर रहे हैं. यहां हम आपको दो अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के ज्योतिषियों आकलन से रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं.
क्या बोलती है हिमाचल की कुण्डली?
इस पार्टी का शायद न खुले खाता
भाजपा की धनु लग्न की कुंडली है. बुध, केतु कुंभ राशि में तृतीय भाव में हैं. सूर्य चतुर्थ भाव में मीन राशि में हैं. शुक्र स्वराशि वृष में स्थित है. भाग्य स्थान पर गुरू शनि, मंगल, राहु सिंह राशि में हैं. चंद्र बाहरवें भाव में वृश्चिक राशि में है. बीजेपी की जन्मपत्रिका में भाग्येश सूर्य की 2026 तक महादशा चल रही है. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, देश में 2026 तक जहां भी चुनाव होंगे बीजेपी अधिकतर जगहों पर जीत दर्ज करेगी. करीब 70 फीसदी जगहों पर बीजेपी सरकार बनाएगी. फिलहाल राहु में शुक्र चल रहे हैं और राहु और शुक्र का यह योग शुक्र के आते ही सत्ताधारी पार्टी को लाभ देता है. वैसे भी राहु -शुक्र का ये योग भाजपा को अधिक लाभ दे रहा है. वहीं आम आदमी पार्टी हिमाचल में खाता खोलते हुए भी नहीं दिख रही है.
इसलिए बदलता है मिजाज
दोनों पार्टियां समान स्थिति में
भारतीय जनता पार्टी फिलहाल शनि की अंतर्दशा के प्रभाव में है. अर्थात यहां पर दशाओं का सामंजस्य होने का लाभ बीजेपी को मिल सकता है. कांग्रेस राहु की अंतर्दशा के प्रभाव में है. हालांकि राहु, शनि के उपनक्षत्र में है. अतः हम कांग्रेस को भी काफी हद तक अच्छी स्थिति में पा रहे हैं. सामान्य शब्दों में दोनों ही पार्टियां लगभग समान स्थिति में खड़ी हुई हैं, लेकिन कांग्रेस आपसी कलह या षड्यंत्र का शिकार भी हो सकती है. अब क्योंकि हमें यहां किसी एक पार्टी का नाम स्पष्ट शब्दों में लेना होगा, तो ऐसी स्थिति में मैं यही कहूंगा कि बहुत संभव है कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पुनः वापसी कर सकती है. अलबत्ता बृहस्पति ग्रह के वक्री होने के कारण कुछ मंत्रियों को नुकसान हो सकता है. चाहे वह नुकसान हार के रूप में हो या फिर पद से हटने के रूप में हो. यानी मुख्यमंत्री हो या फिर मंत्री उन्हें अपनी कुर्सी बचाने के लिए और भी यत्न करने की जरूरत रहेगी.
क्या बोलती है गुजरात की कुण्डली?
'आप' के लिए विरोधी ग्रह है बृहस्पति
अब हम इनके विरोधी दलों की भी बात कर लेते हैं. गुरु की अंतर्दशा वाले गुजरात के साथ राहु की अंतर्दशा वाली कांग्रेस की कंपैटिबिलिटी कमजोर है. अर्थात वर्तमान में गुजरात के भीतर कांग्रेस का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से कमजोर रह सकता है, जिसका फायदा इसके विरोधी दलों को मिल सकता है. वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो इसकी अंतर्दशाएं भी बृहस्पति की हैं. यह इस पार्टी के लिए एक अच्छी स्थिति है, लेकिन मकर लग्न वाली आम आदमी पार्टी के लिए बृहस्पति विरोधी ग्रह है. लिहाजा गुजरात के लोग इन के प्रति आकर्षित तो होंगे लेकिन अंत समय पर उनका मूड इनके प्रति बदल भी सकता है. कहने का मतलब यह है कि असंतोष के बावजूद भी गुजरात के वोटर बीजेपी के लिए मतदान कर सकते हैं. वहीं, कांग्रेस आपसी कलह या षड्यंत्र का शिकार हो सकती है. जबकि आम आदमी पार्टी को भी गुजरात में चंद सीटे मिलती हुई नजर आ रही हैं. हिमाचल की तरह गुजरात में भी भाजपा अपनी अस्मिता बचाने में तुलनात्मक रूप से बेहतर कर सकती है. अलबत्ता यहां शीर्ष नेतृत्व व मंत्रियों के बदलाव की उम्मीद हिमाचल की तुलना में अधिक है.
इस वजह से दिलचस्प होगी जंग
आइए अब दूसरी ज्योतिषाचार्या डॉ. अर्चना के पक्ष को भी जान लेते हैं. उनके अनुसार, गुजरात की जन्मपत्रिका का अध्ययन करते हैं, तो ग्रह नक्षत्रों की स्थिति इस प्रकार है- मेष लग्न में ही उच्च के सूर्य के साथ शुक्र विराजमान है. तृतीय स्थान में मिथुन में चंद्र, पंचम में सिंह राशि में राहु और गुरु-शनि, भाग्येश और कर्मेश होकर भाग्य स्थान में धनु राशि में है. वैसे तो कर्मेश शनि की महादशा में भाग्येश की अंतर्दशा के समय जब दोनों भाग्य स्थान में हों तो भाग्योदय होता है. वर्तमान समय में केतु में मंगल का योग भी अच्छा है. मंगल के कारण गुजरात में चुनावी जंग बहुत अच्छी और दिलचस्प बन रही है. गुजरात की जन्मपत्रिका में केतु में मंगल आयेगा तो यह चुनाव होगा. जब चुनाव मंगल में होता है, तो घमासान बहुत अच्छा होता है किन्तु जैसे जैसे चुनाव नजदीक आता जाता है, तो जो योद्धा सच्चाई पर चलता है और धरातल पर कार्य करता है, वही विजयी होता है. कार्य करने वाले बलशाली लोग लाभान्वित होते हैं.
केजरीवाल खाता तो खोलेंगे, लेकिन
अरविंद केजरीवाल की जन्मपत्रिका में मंगल नीच का है. बहुत जोर-शोर से वो चुनाव में उतरकर बोलेंगे, परंतु जनता उन्हें यथार्थ के धरातल पर तौलेगी. वो अपना खाता खोलेंगे, किंतु भाजपा के भाग्येश की महादशा के प्रभाव और प्रधानमंत्री का कर्म पर विश्वास, इसके अलावा भाजपा और गुजरात के ग्रह-नक्षत्रों का आपसी समन्वय ऐसा है कि भाजपा अपना महत्व बनाकर रखेगी और जीत की अवस्था में रहेगी. ग्रह गोचर के हिसाब से देखें तो जब चुनाव परिणाम आएंगे, तब मंगल वक्री अवस्था में होंगे जो दूध का दूध व पानी का पानी कर देते हैं, खोखले दावे नहीं चलते. चुनाव के समय भाजपा के पराक्रम व पंचम स्थान में चंद्र होंगे और चुनाव परिणाम वाले दिन स्थिति ऐसी बन रही है कि सही कर्मों का ही फल मिलेगा. हालांकि ग्रह नक्षत्रों का इशारा यह भी है कि कुछ दिग्गज नेताओं के हारने की संभावना भी बन रही है. यह भी संभावना है कि जो मुख्यमंत्री का चेहरा हो वो शपथ न ले पाए या कुछ समय बाद बदलाव हो. यह ग्रह योग की गणना का इशारा है, कारण कुछ भी बन सकता है. संकेत ये भी हैं कि दोनों राज्यों में सरकार भाजपा की ही बनेगी. अब इन भविष्य वक्ताओं की भविष्यवाणी कितनी सच होती है, यह तो चुनाव परिणाम के बाद पता चलेगा.
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