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BW Flex Summit: सबसे अहम ये है कि हम प्रोडक्ट और तकनीक का कितना इस्तेमाल कर रहे हैं?
डिजाइन की रणनीति भी बेहद अहम होती है, जिसमें हम देखते हैं कि हमारे पूरे कैंपस हर तरह की टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से सपोर्ट करते हों, जिससे वहां काम करने वाला कहीं से भी काम कर ले.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
BW Reality World के Flexi Spaces Conclave and Awards कार्यक्रम में पहुंचे इस क्षेत्र के नामी लोगों ने इस मामले को लेकर अपनी बात कहते हुए कहा कि आज को वर्किंग स्पेस में तकनीक का इस्तेमाल बड़े बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी वर्कप्लेस में उनके सीटिंग को तकनीक से जोड़ दिया जाए तो उसके बेहतर नतीजे देखने को मिल सकते हैं। सबसे अहम बात ये भी है कि तकनीक काम को बेहतर बनाने के साथ नए आईडिया भी जनरेट कर सकती है। मुंबई में हो रहे बिजनेस वर्ल्ड के इस इवेंट में BW Businessworld के एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया के संस्थापक डॉ.अनुराग बत्रा भी मौजूद रहे.
The Executive Centre के Regional Managing Director, Manish Khedia ने कहा कि न तो हम कोई स्टार्टअप हैं और न ही कोई फ्लाई बॉय कंपनी हैं. हम अब तक दो रेसेसन का सामना कर चुके हैं और हम लगातार तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हमारी कंपनी का अगर CAGR देखें तो वो 28 प्रतिशत से ज्यादा है. हमारे ऑफिस डिजाइन का जबर्दस्त स्वागत हो रहा है, जिसमें लोगों को प्रीमियम फील देखने को मिल रहा है. यही क्वॉलिटी हमें बाकी सबसे अलग कर रही है. हमने कोलेब्रेशन के साथ काम किया है, और कोलेब्रेशन इनोवेशन की जननी होती है. हम आरामदायक फर्नीचर को लेकर भी काम कर रहे हैं. ये किसी भी कंपनी के कर्मचारियों के भले से जुड़ा हुआ मामला है. हमने अपने काम की क्वॉलिटी से एक बेंचमार्क स्थापित किया है.
Space Matrix के Director-Design (INDIA) स्वावीमान दास ने कहा, को-वर्किंग को लेकर अपने अनुभव के आधार पर अगर मैं कहूं तो आज की दुनिया में ये बहुत आसान हो गया है को-वर्किंग को लेकर कई तरह के मकसद को लेकर अलग-अलग कंपनियां काम कर रही हैं. इस एरिया में जो नई कंपनियां हैं वो नए वेंचर के साथ सामने आ रही हैं. जो कंपनियां पहले से काम कर रही हैं वो अगले स्तर पर जाकर काम करने की तैयारियां कर रही है. इस फील्ड में काम करने वाली कंपनियों की अलग-अलग जरूरत है और अलग-अलग आवश्यकताएं हैं, अब आप उसे कैसे पूरा करते हैं ये आपको देखना हैं.
COWRKS के AVP Design and Development प्रसेनजीत ने कहा कि हम जानते हैं कि कैसे स्टैंडर्ड तरह के आफिसों को डिजाइन करते हैं. आज इसे लेकर हमारे बीच में काफी डेटा है जो बताता है कि आखिर रियल टाइम में ऑफिस स्पेसेस कैसे काम करता है. उन्होंने कहा किसी भी ऑफिस स्पेस में हास्पिटैलिटी बेहद अहम होती है. उन्होंने कहा कि हमारे कई सेंटर कैंपस के अंदर हैं. अगर कोई आपके कैंपस में आता है तो वो आसानी से आपकी डेस्क तक आ सकता है. कला हमारे डिजाइन को अगले स्तर पर लेकर जाती है. ये हमें अपने सेंटर के अंदर सोशल डॉयलाग को स्टैब्लिश करने में मदद करती है. लेकिन कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि डेटा हमें काफी मदद कर रहा है.
Gensler की Studio Director, Aparna Khemani, अगर आप ये देखें कि ब्रैंड क्या होता है तो आपको सबसे पहले ये देखना होगा कि ब्रैंड आम आदमी को उस प्रोडक्ट को पहचानने में मदद करता है. अब वो भले ही कंपनी हो, ग्रुप हो, और या वो कम्यूनिटी हो. अगर यूजर को वर्किंग स्पेस में काम कर रहा है तो ऐसे में वो अलग-अलग बिजनेस में काम कर रहे हों, या डॉयवर्स सिस्टम में काम कर रहे हों, लेकिन वो कम्यूनिटी से नहीं जुड़ पाते हैं. सबसे अहम बात ये है कि कम्यूनिटी की हर किसी को जरूरत होती है. ऐसे में किसी भी को वर्किंग स्पेस के लिए ये चीजें सभी को आपस में जोड़ने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं. वहीं अगर हम इंडीविजुअल बिजनेस की बात करें तो उनकी अपनी अलग पहचान होती है अलग कम्यूनिटी होती है.
Featherlite के बिजनेस हेड, Nitin Mukund Ghag ने कहा कि मैं ये मानता हूं कि रियल स्टेट स्पेस को सही से इस्तेमाल करना सबसे जरूरी है. मैं इस बात को लेकर दुविधा में हूं कि हम प्रोडक्ट और तकनीक का कितना इस्तेमाल कर रहे हैं. हम लोग सोशल स्पेसेस और कोलेब्रोटिव स्पेसस को लेकर काम कर रहे हैं. मुझे लगता है कि अगर ये तकनीक के साथ जुड़ जाए तो वो बड़े स्तर पर मोटीवेट होंगे. अगर को वर्किंग की बात करें तो उसमें अगर हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकें तो हम और ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं. यही नहीं तकनीक के जरिए हम जान सकते हैं कि आखिर कहां पर स्पेस यूटीलाइज हो रहा है और कहां पर स्पेस यूटीलाइज नहीं हो रहा है.
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