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PM मोदी के 'मन की बात' को लेकर जारी हुई स्टडी रिपोर्ट, हैरान करने वाली बातें आई सामने
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कार्यक्रम की सबसे यूनिक बात ये है कि इसे 100 करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार तो देखा ही है. इस कार्यक्रम ने अपना एक अलग प्रभाव छोड़ा है.
ललित नारायण कांडपाल 1 year ago
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100 वें एपिसोड पूरे होने से पहले उनके इस कार्यक्रम को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट में मन की बात कार्यक्रम को लेकर एक व्यापक स्टडी की गई है जिसमें कई ऐसी बातें निकलकर सामने आई हैं जो दिलचस्प हैं. इस रिपोर्ट को दिल्ली में लॉन्च किया गया. इसमें प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी, My Gov के सीईओ आकाश त्रिपाठी, इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के निदेशक डॉ. अमित कपूर सहित गेट्स फाउंडेशन की डिप्टी डॉयेक्टर पॉलिसी कम्यूनिकेशन एंड बिहेवियर इंसाइड डॉ. अर्चना व्यास मौजूद रही. इस स्टडी को एक्सिस मॉय इंडिया ने किया है.
आखिर क्या है इस रिपोर्ट में
इस रिपोर्ट में 2014-2023 तक प्रसारित हुए मन की बात के 99-एपिसोड ट्रांसक्रिप्ट को लेकर व्यापक अध्ययन किया गया है, जिसमें नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग टूल्स का उपयोग किया गया है. यह सामाजिक परिवर्तन और परिवर्तन लाने के लिए लोगों के संकल्प और कार्रवाई को प्रेरित करने पर प्रधान मंत्री मोदी द्वारा बनाए गए मंच के प्रभाव का व्यापक संकलन है. इसमें कई तरह की केस स्टडी को भी शामिल किया गया है जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बदलाव किए हैं. इसे लेकर देश के 737 जिलों से डाटा जुटाया गया है.
क्या बोले प्रसार भारती के सीईओ
इस मौके पर कार्यक्रम के बारे में बताते हुए प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने बताया कि मुझे इस कार्यक्रम से जुड़ने का मौका 2014 में ही मिला था जब मैं My Gov के साथ था. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के पहले एपिसोड से लेकर 100 एपिसोड का सफर बहुत दिलचस्प रहा. उन्होंने इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों को इसे बेहतरीन बनाने के लिए बधाई दी. उन्होंने इस कार्यक्रम की पहुंच को लेकर कहा कि ये इस मामले में अद्वितीय है. मन की बात का ऑल इंडिया रेडियो द्वारा 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया गया है. अंग्रेजी के अलावा, यह कार्यक्रम फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली जैसी 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है.
सामाजिक परिवर्तन में भाग लेने के लिए किया प्रेरित
इस मौके पर MyGov के सीईओ आकाश त्रिपाठी ने बताया कि कैसे मन की बात ने श्रोताओं को सामाजिक परिवर्तन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है और ये कार्यक्रम हमेशा ही आम आदमी से जुड़ता चला गया. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के प्रयासों के उदाहरणों को साझा करके, और प्रगति और परिवर्तन की कहानियों को सामने लाकर मन की बात एक प्रेरणादायक मंच में बदल गया है, जो प्राथमिकता वाले विषयों पर लगातार आगे बढ़ रहा है.
हमेशा सामाजिक विषय रहे कार्यक्रम के केन्द्र में
इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के अध्यक्ष डॉ. अमित कपूर ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा कि ये मन की बात का विश्लेषण करने वाली रिपोर्ट के जरिए इस कार्यक्रम की पहुंच और प्रभाव को जाना जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा ही इस कार्यक्रम में जब भी विषयों को चयन किया तो हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि वो सभी से जुड़ते विषय हों. उन्होंने ये भी कहा कि हमेशा ही इसमें स्वच्छता, स्वास्थ्य, कृषि, त्योहार, महिला सशक्तिकरण, भारतीय स्वास्थ्य पर नए अनुसंधान जैसे विषयों को शामिल किया गया.
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