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आपकी आंख दिलाएगी फाइनेंशियल फ्रॉड से छुटकारा जानिए कैसे?
देश जैसे-जैसे डिजिटल हो रहा है वैसे ही ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में आपको इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 weeks ago
देश में बढ़ते फाइनेंशियल फ्रॉड को कम करने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. ग्राहकों को और अधिक वित्तीय सुरक्षा देने, उनके लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक बैंक वेरिफिकेशन के लिए आईरिस स्कैन (Iris Scan) के विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये विकल्प खास तौर पर वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए लाया जा रहा है. उम्र बढ़ने के कारण बुजुर्गों की उंगलियों के निशान भी अलग हो जाते हैं. जिसके कारण वेरिफिकेशन में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
Iris Scan स्थापित करने की तैयारी में SBI?
देश में पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक SBI भी आईरिस स्कैन के विकल्पों की तलाश कर रहा है. पिछले साल ही भारतीय स्टेट बैंक ने इस बारे में कहा था कि वे अपने ग्राहकों और वरिष्ठ पेंशन भोगियों के लिए सीएसपी केन्द्रों पर आईरिस स्कैनर स्थापित करने के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. बता दें कि एक्सिस बैंक देश का पहला बैंक है, जिसने आईरिस प्रमाणीकरण सुविधा की शुरुआत की. बैंक ने अगस्त, 2018 में आधार आधारित आईरिस स्कैन के विकल्प की शुरुआत की थी.
भारत में लोग बड़ी संख्या में डिजिटल लेन-देन कर रहे हैं. इसके बावजूद सिक्योरिटी इशूज में कोई कमी नहीं आई है. शिक्षा की कमी और ऑनलाइन पेमेंट के बारे में जानकारी कम होने के कारण अधिकांश लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. ऑनलाइन धोखाधड़ी से लोग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. हालांकि, थोड़ी सावधानी से इससे आसानी से बचा जा सकता है. ये हैं कुछ प्रमुख कारण जिनके माध्यम से फाइनेंशियल फ्रॉड हो रहा है.
स्क्रीन शेयरिंग फ्रॉड- लोग अक्सर जल्दबाजी में धोखेबाज द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हैं और रिमोट एक्सेस/स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल कर लेते हैंय जैसे ही आप उन्हें एक्सेस देते हैं, स्कैमर्स संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, सेव किए गए पासवर्ड, बैंकिंग क्रेडेंशियल आदि प्राप्त करके काम पर लग जाते हैं.
UPI फ्रॉड- भारत में सबसे ज्यादा ऑनलाइन लेन-देन UPI के जरिए होता है. ऐसे में स्कैमर्स अशिक्षित और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी कम रखने वाले यूजर्स को अपना शिकार बनाते हैं. UPI यूजर को स्कैमर अक्सर ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिसमें उन्हें शानदार डील ऑफर की जाती है. इसके बाद वह थोड़ी बातचीत करते हैं और फिर पूछते हैं कि क्या वे ऑनलाइन पेमेंट करके प्रोडक्ट को बुक कर सकते हैं? इसके बाद यूजर खुशी -खुशी उनको पेमेंट करने लिए राजी हो जाते हैं और स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं.
क्यूआर कोड से फ्रॉड- क्यूआर कोड स्कैम ने भारत में अपनी जगह बना ली है क्योंकि अधिकांश लोग अपने स्मार्टफोन से ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं. ज्यादातर स्कैमर्स ग्राहकों को संपर्क करके उनसे क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहते हैं. स्कैमर्स लोगों को उनके फोन पर बैंकिंग एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए आश्वस्त करते हैं और जैसे ही यूजर कोड को स्कैन करते हैं उनके अकाउंट से स्कैमर पैसे चुरा लेते हैं.
सर्च इंजन रिजल्ट में हेरफेर- बहुत से लोग अपने बैंकों, बीमा कंपनियों और व्यापारियों के कॉन्टैक्ट डिटेल प्राप्त करने के लिए सर्ज इंजन का सहारा लेते हैं. आमतौर पर यह बहुत अच्छे से काम करता है, लेकिन कभी-कभी, धोखेबाज SEO जैसी तकनीकों का उपयोग करके वास्तविक वेबसाइट में हेरफेर किए गए क्रेडेंशियल्स को रैंक कर देते हैं जिससे ग्राहक असली बैंक वेबसाइट के बजाय फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं और वहां नंबर ले लेते हैं.
फिशिंग स्कैम- स्कैमर्स संस्थाओं से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर यूजर्स को बरगला सकते हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्श और ई-कॉमर्स के नए ग्राहक ऐसी वेबसाइटों की पहचान करने और लेनदेन को पूरा करने में विफल हो सकते हैं. मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर ऐसी वेबसाइटों का URL मिलना आम बात है. इसके अलावा स्कैमर यूजर्स को SMS ब्रॉडकास्ट करने के लिए बल्क मैसेजिंग सेवाओं का भी उपयोग करते हैं.
क्या है जामताड़ा मॉडल?
झारखंड के जामताड़ा ज़िले में होने वाले अपराधों को 'जामताड़ा मॉडल' कहा जाता है. इस साइबर स्कैम में, अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं. जामताड़ा मॉडल अब कई जगहों पर फैल गया है. बिहार के छह ज़िलों में साइबर अपराधी सक्रिय हैं. राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर बसे तीन ज़िलों का त्रिकोण भी अब 'नया जामताड़ा' बनता जा रहा है.
यूजर्स को भी रहना होगा जागरुक
देश जैसे जैसे डिजिटल (Digital) हो रहा है वैसे ही ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड (Online Financial Fraud ) के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में अगर आप भी इस तरह की ऑनलाइन ठगी (online fraud) के शिकार हो जाते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है. ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय कुछ जरूरी कदम उठा कर आप अपने पैसे वापस पा सकते हैं.
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