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इस होम्योपैथी दवा से नशे की लत से मिलेगा छुटकारा, देखिए कैसे काम करती है ये मेडिसिन?
आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
किसी भी तरह के नशे की लत (Addiction) नुकसानदायक ही होती है. नशे से छुटकारा पाना भी लगभग सभी लोग चाहते हैं, लेकिन यह आसान काम नहीं है क्योंकि जो व्यक्ति नशे का आदी है, उसका शरीर उसे इसकी इजाजत ही नहीं देता. नशा छोड़ने की कोशिश करने पर शरीर पर ऐसे-ऐसे आफ्टर इफेक्ट दिखते हैं कि व्यक्ति फिर से नशे की ओर मुड़ जाता है. लेकिन आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं. इनके द्वारा अविष्कृत मेडिसिन के सेवन से सिगरेट शराब तथा हर प्रकार की ड्रग्स बहुत ही आसानी से छोड़ी जा सकती है.
घर बैठे मंगा सकते हैं मेडिसिन
ऐसी अद्वितीय औषधि के आविष्कारक और कोई नहीं डॉक्टर मोहम्मद शोएब खान है. जितनी विचित्र इनकी औषधि है उतनी ही विचित्र इनका किसी व्यक्ति के डायग्नोसिस का तरीका भी है. यह मेडिसिन मोबाइल फोन अथवा इंटरनेट के द्वारा विश्व के किसी भी कोने में ऑडर कर इस्तेमाल की जा सकती है. नशे से पीड़ित व्यक्ति को केवल उनकी वेबसाइट www.nashamukti.com , www.de-addiction.com अथवा www.deaddiction.in के चैट रूम में लॉग इन करना पड़ता है या फिर मोबाइल 9868742743, 09211456256 अथवा 9411453526 पर कॉल करना पड़ता है.
कैसे किया जाता है इलाज?
चैट रूम में चैट करते समय अथवा मोबाइल पर कॉल करते समय नशे से पीड़ित व्यक्ति को अपनी पसंद की सिगरेट पीने, गुटका खाने अथवा शराब सूंघने को कहा जाता है इसके साथ ही डिटॉक्सिन मेडिसिन की उनमें ट्रांसमिट की जाती है. इस मेडिसिन के प्रभाव से सिगरेट, गुटखा फीके लगने लगते हैं तथा शराब की बदबू धीमी लगने लगती है. जिस मेडिसिन से ऐसा होता है वहीं नशे से पीड़ित व्यक्ति को खाने को दी जाती है जिससे नशा 1 दिन में छूट जाता हैं लेकिन शराब के लिए 2 माह का कोर्स आवश्यक है. ड्रग्स के केस में पीड़ित व्यक्ति को बिना ड्रग्स लिए दर्द होने के समय टेस्टिंग की जाती है तथा 10 मिनट में दर्द दूर होने पर मेडिसिन दी जाती है जिससे 4 दिन में ड्रग्स छूट जाती है लेकिन फिर भी 3 मास का कोर्स करना अनिवार्य होता है.
25,000 पीड़ित व्यक्तियों का किया इलाज
डॉ. मुहम्मद शोएब खान बताते हैं कि नशे के सेवन से शरीर का वोल्टेज तथा आवेश ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है. मेडिसिन से उसे आवश्यक स्थान पर लाया जाता है. वह कहते हैं कि पिछले 30 वर्षों में उन्होंने विभिन्न प्रकार के लगभग 25,000 पीड़ित व्यक्तियों का सफलता पूर्वक उपचार किया हैं. उनके द्वारा स्वास्थ्य लाभ पाने वाले लोगों में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम एस ए सिद्दीकी, रिटायर एअर वाइस मार्शल अरविंद डाल्या, एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश चांदना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निदेशक अबरार अहमद, फिल्म निर्माता कुंवर विक्रम सिंह इत्यादि है तथा वह रिलायंस इंडस्ट्री के साथ मिलकर भी कई लोगों का उपचार कर चुके हैं.
दवा का नहीं है कोई साइड इफेक्ट
डॉ. खान का दावा है कि उनकी दवा का न तो कोई साइड इफेक्ट है और न ही इसकी अपनी कोई लत है. मेडिसिन नशे के प्रति घृणा भी उत्पन्न करती है और नशीले पदार्थों से शरीर को हुए नुकसान की भरपाई भी करती है. वर्तमान में डॉ. खान हौज रानी मालवीय नगर नई दिल्ली में अपना क्लिनिक चला रहे हैं और उनके पास प्रतिदिन तीन से चार मरीज आते हैं. अपनी नई आविष्कृत दवाओं के साथ क्लिनिकल परीक्षण के लिए उनका आवेदन सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी में लगभग 25 वर्षों से लंबित है.
सरकार इस दवा के इस्तेमाल की दे मंजूरी
वह नशे के प्रभावी उपचार के प्रति उदासीनता के लिए सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हैं. अगर सरकार ने उनके अभियान को संरक्षण दिया होता, तो ये नशे को खत्म करने में बहुत कारगर साबित होती. इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी दवा का क्लिनिकल परीक्षण किया जाए और अगर नशे को खत्म करने में प्रभावी पाया जाता है, तो इस मेडिसिन को भारत सरकार द्वारा अस्पतालों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. ये विचार पब्लिशिंग हाउस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं न ही उन्हें दर्शाते है.लेखक यह लेख अपनी व्यक्तिगत क्षमता में लिख रहा है. उनका उद्देश्य किसी भी एजेंसी या संस्था के आधिकारिक विचारों, दृष्टिकोणों या नीतियों का प्रतिनिधित्व करना नहीं है और न ही ऐसा माना जाना चाहिए.)
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