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UP के निवेशकों को लुभा रहा MP, उद्योगपति पूरन डावर बोले - इन्वेस्टमेंट का यह सही समय
इस संबंध में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की तरफ से आगरा के निजी होटल में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आगरा: मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने फेडरेशन फ़ॉर इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से यूपी के निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है. इस संबंध में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की तरफ से आगरा के निजी होटल में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के ज्वॉइंट डायरेक्टर सुरेश झारिया ने प्रेजेंटेशन देकर निवेश की संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी. राजीव सक्सेना, प्रेसिडेंट टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा ने अथितियों का स्वागत किया. शलभ शर्मा प्रेसिडेंट, नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया. कार्यक्रम में पूरन डावर प्रेसिडेंट, एएफएमईसी, अशोक कुमार जैन मैनेजिंग डायरेक्टर, कलाकृति की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही.
ज्वॉइंट डायरेक्टर, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड सुरेश झारिया ने बोर्ड द्वारा निवेश संबंधी प्रोत्साहन, पर्यटन नीति, हेरिटेज पर्यटन, जल पर्यटन, टूरिस्ट सर्किट, पर्यटन परियोजनाओं को पूंजीगत अनुदान, ब्राउन फील्ड, ग्रीन फील्ड, फ्रेंचाइजी योजनाओं पर एक विस्तृत प्रेजेन्टेशन दिया. इस अवसर पर बोलते हुए सुरेश झारिया ने बताया, "प्रदेश में लगभग 100 फॉरेस्ट एरिया हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक सामान्य तौर कोई कार्य नहीं किया जा सकता, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इन इलाकों में कुछ छूट दिलाई है और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से नोटिफाई कराया है. इन इलाकों में कैंपिंग, एडवेंचर, वॉटर स्पोर्ट्स, आर्ट, क्राफ्ट, कल्चर धार्मिक आदि गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं. ऐसी जगहों को निवेशक फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से लीज पर ले सकते हैं."
वहीं, आगरा के प्रसिद्ध उद्योगपति पूरन डावर ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश का यह एकदम सही समय है. उन्होंने कहा कि कोई भी निवेश तभी फलदायक हो सकता है, जब उसे सही समय पर किया जाए और मध्य प्रदेश में निवेश के लिए मौजूदा समय बेहद अनुकूल है. डावर ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार हेरिटेज प्रॉपर्टीज को प्राइवेट हाथों में दे रही है, जो निवेशकों के लिए एक बढ़िया मौका है. आजकल टूरिस्ट हेरिटेज प्रॉपर्टी में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. खासकर विदेशों से आने वाले सैलानियों के लिए ये एकदम अलग अनुभव होता है. लिहाजा, मध्य प्रदेश में निवेश का यह ठीक समय है. उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में वाइल्ड लाइफ है, हेरिटेज प्रॉपर्टी और ग्रीन कवर भी काफी है. जमीन वहां अपेक्षाकृत सस्ती है, तो ईको-टूरिज्म की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं. इसलिए निवेशकों को आगे आना चाहिए और इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए'.
सुरेश झारिया ने बताया कि मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. होटल, रिसोर्ट व पर्यटन से सम्बंधित अन्य व्यापारिक गतिविधियों के संचालन में सुगमता, प्रसार एवं पारदर्शिता मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं, जो राज्य को निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बनाती हैं. इसी के चलते कई राज्यों के पर्यटन विभाग के मंत्रीगण व अधिकारीगण मध्य प्रदेश की टूरिज्म नीति का अध्ययन करने आते हैं.
झारिया ने बताया, "मध्य प्रदेश की टूरिज्म नीति आफिस में बैठकर नहीं बनी, बल्कि फील्ड में लोगों से हुए संवाद व फीडबैक पर आधारित है. हमने फिक्की जैसी व्यापारिक व वाणिज्यिक संगठनों, स्टेकहोल्डर्स के साथ विस्तृत चर्चा कर के ही अपनी इन्वेस्टर फ्रेंडली टूरिज्म पॉलिसी को मूर्त रूप दिया है."
होटल, रिसोर्ट व पर्यटन से सम्बंधित अन्य व्यापारिक गतिविधियों के संचालन में सुगमता, प्रसार एवं पारदर्शिता मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं, जो राज्य को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाती हैं. यहां जल-जमीन-जंगल-जानवरों आदि की व्यापक उपलब्धता तथा पर्यटन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अनुकूल वातावरण और शासन, प्रशासन की पारदर्शी एवं निवेशक फ्रेण्डली नीतियां और सहूलियतें, यही कारण है कि देशभर के अनेक निवेश प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना करने के लिए यहां आ रहे है."
झारिया ने कहा, "मध्यप्रदेश सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मॉडल पर कार्य कर रही है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश के भी प्रयास कर रही है, जिसके परिणाम काफी सकारात्मक रहे हैं. मध्य प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर में सालाना 200 करोड़ रुपये से ऊपर के व्यापार की संभावनाएं हैं. सरकार ने वेलनेस सेंटर्स की स्थापना के लिए विशेष नीति भी बनाई है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण करने वालों को सब्सिडी भी दी जा रही है."
उन्होंने कहा, "प्रदेश में पर्यटकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए पर्यटन का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाना एक महती आवश्यकता है. इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास केवल शासकीय स्त्रोतों से किया जाना पर्याप्त नहीं होगा इसलिए संतुलित एवं समेकित पर्यटन की वृद्धि, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक विकास सम्भव हो, रोजगार के अवसरों का सृजन हो तथा प्रदेश समग्र पर्यटन अनुभव प्रदान करने वाला गन्तव्य बन सके इसके लिए प्रदेश शासन द्वारा पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 लागू की गई है. वर्तमान में पर्यटन विभाग ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेजा है. इस पर्यटन नीति से प्रदेश में निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिल सके एवं कम समय में अधिकतम सुविधाओं का लाभ पर्यटकों को उपलब्ध कराया जा सके."
इस पर्यटन नीति की मुख्य विशेषता है कि निजी निवेशकों को ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से उपयुक्त स्थानों में 90 वर्षों के लिए लीज पर भूमि और हेरिटेज परिसंपत्ति आवंटित की जाती है . ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य केवल रुपये 5 लाख प्रति हेक्टेयर और शहरी क्षेत्रों में रुपये 10 लाख प्रति हेक्टेयर एवं प्रति हेरिटेज परिसंपत्ति के लिए केवल रुपये 01 लाख आरक्षित मूल्य है . ऋण लेने के लिए भूमि/ हेरिटेज परिसंपत्ति को गिरवी रखा जा सकता है . निजी निवेश पर 15% से 50% तक पूंजी अनुदान, अधिकतम रुपये 90 करोड़ तक देय है.
पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए निविदाकारों को पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 25 भूमियों एवं 08 ऐतिहासिक महत्व की हेरिटेज परिसम्पतियों को निवेश की दृष्टि से निजी निवेशकों सौंपी हैं जिनमें होटल, रिसोर्ट, कन्वेंशन सेन्टर, एम्यूजमेन्ट पार्क, एडवेंचर व केम्पिंग आदि-आदि परियोजनाओं की स्थापना का कार्य किया जा रहा है जिसमें देश के महत्वपूर्ण ग्रुप जैसे ओरेंज काउंटी, महिंद्रा हॉलीडेज, स्टेट एक्सप्रेस, जहांनुमा, वैक्सपोल ग्रुप आदि सम्मलित हैं, साथ ही प्रदेश में गोल्फ कोर्स, फिल्म सिटी, एम्यूजमेंट पार्क, क्रूज एवं सी प्लेन आदि की स्थापना के लिए देश-विदेश से निवेशकों द्वारा रुचि प्रदर्शित की जा रही है.
प्रदेश में पर्यटन में निजी निवेश के माध्यम से पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना हेतु 1100 हेक्टेयर से अधिक का लैंड बैंक तथा 15 हेरिटेज परिसंपत्तियां उपलब्ध है | यह भूमियां सतपुड़ा, बांधवगढ़, कान्हा, संजय डुबरी तथा पालनपुर कूनों राष्ट्रीय उद्यान के समीप तथा पचमढ़ी, गांधी सागर डैम और इंदौर – भोपाल शहर के आस-पास पर्यटन सम्पन्न एरिया में स्थित है. इसी तरह बांधवगढ नेशनल पार्क, मांडू, चन्देरी के समीप तथा भोपाल शहर के बीच में हेरिटेज परिसम्पतियां स्थित है जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं.
पर्यटन नीति के फलस्वरूप 116 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना हेतु 623.52 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं. जिसमें से 8 हेरिटेज होटल, 3 होटल, 20 रिसोर्ट, 02 कैम्पिंग रिसोर्ट तथा 85 मार्ग सुविधा केंद्र के प्रस्ताव अनुबंध कर निर्माणाधीन एवं संचालित हैं. निजी क्षेत्र की 138 पर्यटन परियोजनायें स्थापित होकर संचालित हैं. जिनमें कुल नवीन 5595 कक्ष निर्मित हैं एवं 1941 करोड़ का निवेश तथा लगभग 25-30 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है. नीति के लागू होने के फलस्वरुप निजी निवेशकों द्वारा 04 कन्वेंशन सेण्टर, 17 डीलक्स होटल, 02 स्टार होटल, 01 रोप वे, 09 रिसोर्ट, 56 बजट / स्टैण्डर्ड होटल, 03 मार्ग सुविधा केंद्र पर्यटन परियोजनाओं की गई है.
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