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सैम पित्रोदा बन गए हैं कांग्रेस का संकट, नए बयान से कितनी बढ़ेगी पार्टी की मुश्किल?
पहले विरासत टैक्स पर बयान देकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाले सैम पित्रोदा ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दे डाला है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
ऐसा लगता है जैसे गांधी परिवार के नजदीकी सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) कांग्रेस की मुश्किल राह को और भी मुश्किल बनाना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव के बीच पित्रोदा के एक और बयान पर बवाल हो गया है. भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा कि सैम पित्रोदा पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के लोगों पर कुछ ऐसा कह गए हैं, जो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकता है. हालांकि, कांग्रेस के लिए राहत की बात इतनी है कि पूर्वोत्तर और दक्षिण के कुछ हिस्सों में वोटिंग हो चुकी है. लेकिन कई लोकसभा सीटों पर अभी मतदान बाकी है, वहां पित्रोदा का बयान कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है.
क्या कहा सैम पित्रोदा ने?
चलिए पहले जानते हैं कि आखिर सैम पित्रोदा ने क्या कहा है. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए सैम ने कहा कि भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं. जबकि दक्षिण के लोग अफ्रीकी लगते हैं. इसी तरह, पश्चिम में लोग अरबी लगते हैं और उत्तर भारतीय गोरे होते हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे दिखाई देते हैं और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी लगते हैं. हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं.
ऐसी तुलना शायद ही पसंद आए
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने आगे कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं. ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है. हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है. भले ही सैम पित्रोदा भारत की विविधता की बात कर रहे हों, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की तुलना चीनी और दक्षिण भारतीयों की अफ्रीकियों से की है, वो शायद ही उन्हें पसंद आए. इतना ही नहीं, उन्होंने उत्तरवासियों की तुलना गोरों यानी अंग्रेजों से कर डाली है. चुनावी माहौल में यह तुलना कांग्रेस को भारी भी पड़ सकती है. यह सबकुछ इस पर भी निर्भर करता है कि BJP इसे किस रूप में पेश करती है. भाजपा पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को बहुत अच्छी तरह से के बड़े मुद्दे में तब्दील कर चुकी है.
यहां अभी होना है मतदान
दक्षिण भारत में लोकसभा की 130 सीटें हैं. इनमें से बीजेपी ने पिछली बार 29 सीटें जीती थी. जबकि कांग्रेस के खाते में 30 सीटें आई थीं. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के बेहद खराब दौर में दक्षिण राज्यों ने ही उसे राजनीतिक सहारा दिया है. पार्टी इस बार यहां कम से कम 50 सीटें जीतना चाहती है. उधर, भाजपा दक्षिण में बड़ी जीत की कोशिश में जुटी है. पार्टी के लिए दक्षिण राज्य इतने अहम हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नए साल के 80 दिनों में 23 दिन PM ने दक्षिण भारत में गुजारे हैं. आंध्र प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों के लिए चौथे चरण में वोटिंग होनी है. तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों पर भी चौथे चरण में वोटिंग होगी. ऐसे में सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है.
पहले भी बढ़ा चुके हैं मुश्किलें
इससे पहले, सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स पर बयान देकर कांग्रेस के मुश्किलें बढ़ा दी थीं. उनके बयान के बाद BJP यह साबित करने में जुट गई है कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद लोगों की गाढ़ी कमाई का 50% छीन लेगी. दरअसल, कांग्रेस ने हाल ही में वेल्थ सर्वे की बात कही थी. पार्टी लीडर राहुल गांधी ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. जब सैम पित्रोदा से राहुल के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सही ठहराते हुए अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया. बस इसी बात को लेकर सियासी द्वन्द शुरू हो गया.
भारत में इस टैक्स की वकालत
सैम पित्रोदा ने संपत्ति के फिर से बंटवारे पर कांग्रेस के रुख का समर्थन करते हुए एक तरह से भारत में भी विरासत टैक्स कानून की वकालत की है. उन्होंने कहा कि यूएस में विरासत टैक्स का प्रावधान है. यदि किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की दौलत है, तो उसके मरने के बाद 45% संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55% संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद रोचक कानून है और इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि अमीर जनता के लिए भी कुछ छोड़कर जाएं. मुझे लगता है कि भारत में भी इस तरह के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.
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