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स्क्रिप्ट और स्टार के बीच हो ऐसा फॉर्मूला, जिससे बॉलीवुड बढेगा यूं आगे: Tisca Chopra
स्क्रिप्ट को स्टार बनाना जरूरी है, न कि स्टार्स के लिए स्क्रिप्ट को शेप देना.
ज्योत्सना शर्मा 1 year ago
नई दिल्लीः टिस्का चोपड़ा फिल्म जगत में एक जाना पहचाना नाम है. टिस्का का कहना है कि टैलेंट के बल पर कोई भी व्यक्ति इस इंडस्ट्री में टिका रह सकता है. इसमें वो चीज या खुश्बू है जो इंडस्ट्री में हमेशा बरकार रहती है. BW Businessworld से टिस्का ने बॉलीवुड और अन्य मुद्दों पर खुलकर चर्चा की है. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंशः
हमें बताएं कि पिछले पांच सालों में भारतीय फिल्म उद्योग कैसे बदल गया है?
बदलाव कई सालों से अपने रास्ते पर था, बस लॉकडाउन से इसमें तेजी आई है. दर्शकों के टीवी या फिल्म देखने का तरीका अचानक बदल गया है. उन्हें देखना था कि उनके लिए क्या उपलब्ध है. यह दुनिया भर की सामग्री थी - K Series Drama, टीवी पर स्पेनिश उपन्यास और निश्चित रूप से, भारतीय वेब सीरिज. पहले लोगों के पास इस तरह के विकल्प नहीं थे, लेकिन अब लॉकडाउन के समय से वेबसीरिज देखना काफी पॉपुलर हो गया है. सबटाइटल्स के साथ विदेशी कंटेंट भी उपलब्ध है. दुनिया भर से अलग-अलग तरह का विविधता और सुंदरता से भरे कंटेंट ने टीवी या फिल्म देखने के अनुभव को काफी समृद्ध बना दिया है.
लोग अपनी तरह की लालसा करते हैं, अपनी कहानियों को अपनी भाषा में बताते हैं. इसलिए बदला हुआ भारतीय समाज अब विश्व स्तरीय कहानियों की इच्छा रखता है लेकिन अपने स्वयं के कलाकारों के साथ, यही वह शानदार बदलाव है जिसे हम देख सकते हैं - दर्शकों का दिल मांगे मोर!
आपको क्या लगता है कि इंडस्ट्री को ग्लोबल एंटरनटेनमेंट के संपर्क में आने वाले दर्शकों की मांगों को कैसे पूरा करना चाहिए?
हमें बस बेहतर स्टोरी बनाने की जरूरत है, स्क्रिप्ट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. स्क्रिप्ट को स्टार बनाना जरूरी है, न कि स्टार्स के लिए स्क्रिप्ट को शेप देना. दर्शकों को कहानियों की परवाह है और वे इसके लिए बहुत जोर से कह रहे हैं.
ओटीटी सेक्टर में बूम आया हुआ है. क्या यही मनोरंजन का भविष्य है?
मैं वास्तव में भविष्य के बारे में बोलने की स्थिति में नहीं हूं, लेकिन एक शिक्षित अनुमान यह होगा कि ओटीटी पर कंटेंट आगे चलकर मनोरंजन का एक बड़ा हिस्सा होगा और जो फिल्में दर्शकों को थिएटर में खींच लेंगी, वे ऐसी होंगी जो विजुअल तौर पर कुछ नया पेश करेंगी.
बॉलीवुड में प्रवेश करने की इच्छुक युवतियों को आप क्या सलाह देंगे?
वे मेरी किताब, Acting Smart: Your Ticket To Showbiz पढ़ सकती हैं. एक गंभीर नोट पर उन्हें अपने स्किल्स को निखारना चाहिए और जहां भी उन्हें ब्रेक मिले, वहां से काम शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे बेहतर भूमिकाओं में अपना काम करना चाहिए. स्किल्स सब कुछ है, टैलेंट में एक खुश्बू होती है जो फैलती के साथ रहती भी है.
आपका पसंदीदा अभिनेता और क्यों...
पसंदीदा अभिनेता नहीं हैं, लेकिन प्रदर्शन पसंदीदा है. इस समय मैं जिन दो व्यक्तियों के बारे में सोच रही हूं, वे हैं ऑस्टिन बटलर (जिन्होंने एल्विस प्रीस्टली की भूमिका निभाई थी, एल्विस में) और एना डे अरमास मर्लिन मुनरो के रूप में.
भारत में मैंने इरफान खान और राजकुमार राव के ज़्यादातर कामों का लुत्फ उठाया है. महिलाओं के बीच मैं श्रीदेवी के अभिनय को पसंद करती हूं क्योंकि मुझे वह ऊर्जा पसंद है और वो पर्दे पर खुशी लेकर के आईं हैं अपने काम से.
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