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आगरा में रात में क्यों नहीं रुकते टूरिस्ट? जानिए इसके पीछे का कारण
हरी सुकुमार ने बताया कि बहुत सारी ट्रैवल एजेंसियां ऐसी हैं जो दिल्ली में बैठ कर देसी और विदेशी सैलानियों के लिए पूरा टूर पैकेज बनाती हैं.
आमिर कुरेशी 1 year ago
आगरा: वैसे तो आगरा में मोहब्बत की अजूबी इमारत के साथ, कई स्मारक हैं. इन स्मारकों का दीदार करने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं, लेकिन वह सैलानी ताजमहल, लाल किला स्मारक का दीदार करते हैं और फिर वापस चले जाते हैं. वह इस मोहब्बत के शहर में एक रात भी रुकना पसंद नहीं करते. आखिर ऐसा क्या कारण है, जिससे टूरिस्ट्स आगरा में एक रात भी रुकना पसंद नहीं करते या रुकते भी हैं तो ज्यादा से ज्यादा एक रात? इस संबंध में Business World Hindi ने टूरिज्म गिल्ड के प्रेसिडेंट और होटल जेपी पैलेस के ऑपरेशन वाइस प्रेसिडेंट हरी सुकुमार से खास बात की.
सुकुमार ने बताया, आगरा में ताज और लाल किले के अलावा सिकंदरा, एत्तमादुद्दोला, फतेहपुर सीकरी, जामा मस्जिद भी है. इन जगहों पर भी जाकर पर्यटक वहां के इतिहास के बारे में जानकारी ले सकते हैं. इन स्थलों की खूबसूरती को निहार सकते हैं. लेकिन दिल्ली में जो ट्रैवल एजेंट है वे इन स्मारकों पर ध्यान नहीं देते हैं. यही बड़ी वजह है कि इससे पर्यटक आगरा में एक रात भी मुश्किल से रुक पाते हैं. इस कारण से आगरा में होटल इंडस्ट्री के साथ ही यहां के लोकल गाइड को भी नुकसान होता है.
सरकार सिर्फ धार्मिक स्थलों को दे रही तवज्जो
हरी सुकुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश की सरकार सिर्फ धार्मिक स्थलों को तवज्जो दे रही है. ऐतिहासिक इमारतों की तरफ सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. सपा की सरकार में ताज महल के पास म्यूजियम बनने का काम शुरू हुआ, लेकिन फिर बीजेपी की सरकार आ गई और म्यूजियम का आधा अधूरा काम रुक गया. अगर म्यूजियम बन कर तैयार हो जाता तो इससे पर्यटकों के आगरा में रुकने की एक और वजह मिल जाती. सरकार को धार्मिक स्थलों के साथ-साथ ऐसी इमारतों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए जिससे देश की पहचान है.
राजस्थान सरकार पर्यटन को बढ़ाने का कर रही हर संभव प्रयास
टूरिज्म गिल्ड के प्रेसिडेंट ने बताया कि राजस्थान सरकार हर वो काम कर रही है, जिससे पर्यटक यदि राजस्थान जाए तो वह कम से कम 4 दिन रुके. यही वजह है कि जयपुर में लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहां की सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए समय समय पर वो काम कर रही है, जिससे सैलानी राजस्थान की तरफ आएं.
कोरोना के बाद पटरी पर आ रहा कारोबार
कोरोना की वजह से केंद्र सरकार के आदेश के बाद सभी मॉन्यूमेंट्स बंद कर दिए गए थे. लेकिन जब से कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं, तब से पर्यटन व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है. देसी पर्यटक की संख्या में ज्यादा इजाफा देखने को मिला है. देसी सैलानी 3 हजार से 20 हजार रुपए तक एक रात होटल में रुकने को दे रहे हैं.
टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष की राय
टूरिस्ट गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष की राय
संग्रहालय का क्या हाल
प्रदीप शर्मा ने क्या कहा
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