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कहां और क्यों अटका है NSDL का IPO, क्या कभी खत्म होगा इंतजार?
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने पिछले महीने आईपीओ के संबंध में सेबी के पास सभी जरूरी दस्तावेज जमा कराए थे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) को कुछ वक्त पहले आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर) लाने की मंजूरी मिली थी, लेकिन अब तक कंपनी का IPO आ नहीं पाया है. ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि NSDL का IPO कहां और क्यों अटका है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक तरह से इस सवाल का जवाब दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SEBI ने NSDL के आईपीओ को फिलहाल स्थगित कर दिया है. इसकी वजह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के खिलाफ लंबित जांच है, जो NSDL का प्राथमिक शेयरधारक है.
इतना बड़ा होगा IPO
SEBI के इस फैसले का मतलब है कि NSDL के आईपीओ का इंतजार कर रहे निवेशकों का इंतजार लंबा हो गया है और ये भी साफ नहीं है कि ये इंतजार कभी खत्म भी होगा या नहीं. जुलाई के पहले सप्ताह में NSDL ने 3000 करोड़ रुपए के IPO आईपीओ की मंजूरी के लिए सेबी के पास मसौदा दस्तावेज जमा किए थे. इन दस्तावेजों के अनुसार, IPO के तहत मौजूदा शेयरधारकों की तरफ से 5.72 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (OFS) की जानी है.
कौन बेचेगा शेयर?
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि OFS के तहत IDBI बैंक अपने 2.22 करोड़ शेयर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE 1.80 करोड़ शेयर, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) 56.25 लाख शेयर और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) एवं HDFC बैंक 40-40 लाख शेयरों की बिक्री की पेशकश करेंगे. इसके अलावा, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के द्वारा भी 3,415,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री की जाएगी. बता दें कि NSDL सेबी के पास रजिस्टर्ड एक बाजार ढांचागत संस्थान है, जो वित्तीय और प्रतिभूति बाजारों में उत्पादों एवं सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है. NSDL के शेयरों को BSE पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव है.
क्या है NSDL और CDSL?
अब जब बात NSDL की निकली है, तो इसके बारे में विस्तार से समझ लेते हैं. यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आपने CDSL या NSDL के बारे में जरूर सुना होगा. CDSL और NSDL दोनों ही भारत की डिपॉजिटरी फर्म हैं और स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी हुई हैं. दोनों भारत सरकार द्वारा पंजीकृत हैं. डिपॉजिटरी फर्म एक तरह से बैंक की भूमिका निभाती हैं. जिस तरह बैंक आम जनता के पैसों को सुरक्षित रखती है, ठीक वैसे ही डिपॉजिटरी फर्म काम करती हैं. ये आपके द्वारा खरीदे हुए शेयर, बांड, डिबेंचर या प्रतिभूतियां को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित जमा रखती हैं. जिस तरह बैंक की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए हमें Bank Account खुलवाना होता है, वैसे ही डिपॉजिटरी फर्म की सेवाओं के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है. इन संस्थाओं की स्थापना का मुख्य उद्देश्य था कागजी कार्रवाई से होने वाली परेशानियों और खामियों से छुटकारा दिलाना.
कब हुई थी स्थापना?
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) देश की पहली डिपॉजिटरी फर्म है. इसकी स्थापना 1996 में हुई थी. इसमें IDBI Bank, HDFC Bank सहित कुछ अन्य फर्म की भी हिस्सेदारी है. CDSL जहां शेयर बाजार में लिस्टेड है, वहीं NSDL का आईपीओ अभी आना बाकी है. पिछले साल जून तक इस डिपॉजिटरी सर्विस फर्म में IDBI Bank की कुल हिस्सेदारी 26.1% थी. वहीं, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) की स्थापना फरवरी 1999 में हुई थी. CDSL का मुख्यालय मुंबई में स्थित है. इसका एक उद्देश्य भारतीय पूंजी बाजार में निवेशकों और स्टॉक ब्रोकरों को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी सिस्टम प्रदान करना भी है.
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