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कौन हैं IPO से पहले FirstCry के 300 करोड़ के शेयर बेचने वाले माहेश्वरी?
फर्स्टक्राई के आईपीओ में 1,816 करोड़ रुपए तक के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. कंपनी का आईपीओ इसी साल आएगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फर्स्टक्राई (FirstCry) की पैरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी IPO लेकर आने वाली है. कुछ वक्त पहले ही कंपनी ने बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास आवश्यक दस्तावेज जमा किए हैं. इस आईपीओ से पहले ही कंपनी के CEO एवं को-फाउंडर सुपम माहेश्वरी (Supam Maheshwari) ने बड़ा कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, माहेश्वरी ने फर्स्टक्राई के लगभग 6.2 मिलियन शेयर 487.44 रुपए प्रति शेयर की कीमत के भाव पर बेच दिए हैं. इस तरह उन्होंने करीब 300 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं.
इतनी रह गई हिस्सेदारी
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सुपम माहेश्वरी ने यह लेनदेन कंपनी द्वारा आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल करने से ठीक 10 दिन पहले किया गया था. इन शेयरों की बिक्री एक बड़े पैटर्न का हिस्सा है, क्योंकि यह सामने आया है कि माहेश्वरी ने IPO के लिए आवश्यक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइलिंग से पहले छह महीनों में कुल 9.34 मिलियन शेयर बेचे थे. लेनदेन के समय शेयर की कीमत के आधार पर उनका मूल्यांकन 455 करोड़ रुपए से अधिक हो गया था. माहेश्वरी के इस कदम से कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 7.46 फीसदी से घटकर 5.95 फीसदी हो गई.
इनके फाउंडर भी हैं माहेश्वरी
सुपम माहेश्वरी की बात करें, तो वह फर्स्टक्राई (FirstCry) के अलावा GlobalBees Brands और XpressBees के भी फाउंडर हैं. फर्स्टक्राई के रूप में माहेश्वरी ने बेबी केयरिंग पर फोकस किया और कुछ ही सालों में 22,000 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर दी. मौजूदा वक्त में कंपनी के 100 से भी ज्यादा शहरों में 400 से ज्यादा आउटलेट हैं. जहां 6000 से ज्यादा ब्रैंड्स के 200,000 से भी ज्यादा प्रॉडक्ट्स उपलब्ध हैं. FirstCry IPO से मिलने वाले पैसा का इस्तेमाल भारत के साथ-साथ सऊदी अरब में नए स्टोर्स और गोदाम खोलने के लिए करेगी.
नौकरी के बजाए किया बिजनेस
माहेश्वरी ने दिल्ली कॉलेज से इंजीनियरिंग के बाद IIM अहमदाबाद से PGDM किया. डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने नौकरी के बजाये कुछ अपना करने का फैसला लिया. साल 2000 में उन्होंने Brainvisa Technologies नाम से ई-लर्निंग वेंचर शुरू किया था, लेकिन 2007 में उसे एक अमेरिकी कंपनी को बेच दिया. 2010 में उन्होंने अमिताभ साहा के साथ मिलकर BrainBees Solutions और इसके फ्लैगशिप ब्रैंड फर्स्टक्राई को लॉन्च किया. शुरुआत में दोनों ने अपनी पर्सनल सेविंग में से 2.5 करोड़ रुपए की फंडिंग जुटाई. फर्स्टक्राई के रूप में वह एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहते थे जहां, पैरेंट्स को अपने बच्चों के लिए सभी तरह के बेबी एवं किड्स प्रोडक्ट्स उपलब्ध मिल सकें.
इस तरह आया ख्याल
दरअसल, सुपम ने पाया कि बच्चों के प्रोडक्ट्स को लेकर पैरेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भारत में अमीर लोग विदेशों से बच्चों का सामान मंगाते हैं. तब उनके दिमाग में फर्स्टक्राई की स्थापना का ख्याल आया. फर्स्टक्राई की शुरुआत ऑनलाइन बेबी केयर रिटेलर के रूप में हुई, लेकिन जल्दी ही कंपनी ने ऑफलाइन रिटेल स्टोर भी शुरू कर दिए. शुरुआत में उन्होंने केवल खिलौने बेचने पर ध्यान दिया. फिर धीरे-धीरे दायरा बढ़ाते गए. आज इस कंपनी का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है. कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में डायपर्स, नर्सिंग, फीडिंग, स्कीन केयर, खिलौने, कपड़े, जूते, फैशन का सामान और बच्चों से जुड़े दूसरे उत्पाद भी हैं. वित्तवर्ष 2023 में कंपनी का टर्नओवर 2400 करोड़ रुपए रहा था.
TATA ने भी लगाया है पैसा
फर्स्टक्राई के आईपीओ की बात करें, तो आईपीओ में 1,816 करोड़ रुपए तक के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे और कंपनी के शेयरधारक 5.44 करोड़ इक्विटी शेयर Offer for Sale (OFS) के जरिए बेचेंगे. हिस्सेदारी बेचने वाले निवेशकों में सॉफ्टबैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), TPG, न्यूक्वेस्ट एशिया, एसवीएफ फ्रॉग (केमैन) लिमिटेड, वैलेंट मॉरीशस, एप्रीकॉट इन्वेस्टमेंट्स, टीआईएमएफ, थिंक इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड, श्रोडर्स कैपिटल और PI अपॉर्चुनिटीज शामिल हैं. इसके अलावा रतन टाटा भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकते हैं. कंपनी के आईपीओ के जरिए रतन टाटा अपने 77,900 शेयर बेच सकते हैं. टाटा ने साल 2016 में कंपनी में 66 लाख रुपए इन्वेस्ट किए थे, जिसके बाद उन्हें कंपनी के प्रेफरेंस शेयर आवंटित किए गए थे.
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