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ENBA Awards: खुद पर हुई FIR पर 10 साल बाद पहली बार क्या बोले Sudhir Chaudhary?
सुधीर चौधरी ने कहा कि गोदी मीडिया जैसे शब्दों का उपयोग मुख्यधारा में मौजूद मीडिया को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.
पवन कुमार मिश्रा 8 months ago
टेलीविजन पत्रकारिता से संबंधित विभिन्न समस्याओं के बारे में चर्चा करने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में आज E4M द्वारा न्यूज नेक्स्ट कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस दौरान आजतक में कंसल्टिंग एडिटर के पद पर कार्यरत जाने-माने पत्रकार सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने बिजनेसवर्ल्ड के एडिटर-इन-चीफ एवं चेयरमैन और एक्सचेंज4मीडिया के संस्थापक डॉक्टर अनुराग बत्रा के साथ ENBA Awards में खास बातचीत की और 10 साल में पहली बार 2012 में अपने पर हुई एफआईआर को लेकर विस्तार से अपनी बात कही. उन्होंने सोशल मीडिया और मेन मीडिया को लेकर भी कई गंभीर बातें कहीं.
गोदी मीडिया के बारे में क्या बोले सुधीर?
गोदी मीडिया के बारे में अपने विचार पेश करते हुए सुधीर चौधरी ने कहा कि गोदी मीडिया जैसे शब्दों का उपयोग मुख्यधारा में मौजूद मीडिया को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. E4M द्वारा आयोजित न्यूज नेक्स्ट के मंच पर अपने विचार रखते हुए सुधीर ने कहा कि गोदी मीडिया कुछ और नहीं बल्कि केवल कुछ लोगों द्वारा शुरू किया राजनैतिक एजेंडा है. गोदी मीडिया एक भाव है जिसे कुछ लोगों को निशाना बनाने के लिए अन्य कुछ लोगों द्वारा शुरू किया गया है. इसके साथ ही सुधीर ने यह भी कहा कि 140 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में से ट्विटर पर केवल 2 या 2.5 करोड़ लोग ही मौजूद हैं और इन्हीं लोगों के द्वारा गोदी मीडिया का यह भाव शुरू किया गया है.
FIR किसी पर भी हो सकती है
अपने ऊपर हुई FIR के बारे में बात करते हुए सुधीर चौधरी ने बताया कि 2012 में उन पर एक FIR हुई और जब उन्होंने निर्भया मामले में लड़की के दोस्त से बातचीत की थी तो तत्कालीन सरकार ने उन पर फिर से FIR दर्ज कर दी थी. इतना ही नहीं सुधीर ने यह भी बताया कि कैसे इसके बाद उनके खिलाफ लगातार एक के बाद एक 5 FIR दर्ज की गई थी. साथ ही सुधीर ने बताया कि सरकार ने उन पर यह सारी FIR, ऐसी धाराओं के तहत दर्ज की थीं जिनमें उन्हें बेल भी नहीं मिल सकती. उन्होंने कहा कि लेकिन आज उस मामले में मुझे उस मामले में पूरी तरह से क्लीन चिट मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने ये एफआईआर करवाई थी उन्होंने खुद इसे वापस ले लिया. लेकिन बावजूद उसके केस को पूरी तरह से खत्म होने में पांच साल लग गए. सुधीर ने कहा कि कोई भी सरकार आप पर FIR दर्ज कर आपको जेल के अन्दर डाल सकती है लेकिन अगर आप सही रास्ते पर हैं तो सब अपने आप ठीक हो जाता है.
TRP में नहीं है विश्वास?
TRP को लेकर मीडिया इंडस्ट्री काफी विभिन्न मतों में बंटी हुई नजर आ रही है. जहां किसी का मानना है कि TRP का दौर खत्म हो चुका है तो किसी का मानना है कि नहीं TRP अभी भी पूरी तरह से खबरों को प्रभावित करती है. इस विषय पर सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने कहा कि ट्विटर की ही तरह TRP रेटिंग्स में भी केवल कुछ ही लोग प्रतिभागी हैं और पूरे देश की जनता नहीं इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि TRP सिस्टम पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन कौन सी खबर करनी चाहिए या नहीं यह TRP से तय नहीं किया जाना चाहिए.
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