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2047 तक भारत को ऐसे बनाना है सबसे ज्यादा कमाई वाला देश, सरकार ने जारी किया रोडमैप
PM Economic Advisory Council के द्वारा तैयार किए गए इस रोडमैप में इकोनॉमी में लचीलापन लाने और देश को आर्थिक स्थिरता पर ले जाने के तरीके बताए गए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः (उर्वी श्रीवास्तव) 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब विश्व के मानचित्र पर सबसे ज्यादा कमाई वाले देशों में इसको सूचीबद्ध करने के लिए सरकार ने रोडमैप जारी कर दिया है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PM Economic Advisory Council) के द्वारा तैयार किए गए इस रोडमैप में इकोनॉमी में लचीलापन लाने और देश को आर्थिक स्थिरता पर ले जाने के तरीके बताए गए हैं.
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और स्थिरता जरूरी
इस रोडमैप को डॉ बिबेक देबरॉय, अध्यक्ष ईएसी-पीएम, अमिताभ कांत, शेरपा, जी20 द्वारा जारी किया गया और इसमें संजीव सान्याल, सदस्य, ईएसी-पीएम और हावर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर क्रिश्चियन केटेल्स की भागीदारी देखी गई. इस अवसर पर प्रोफेसर क्रिश्चियन केटेल्स ने कहा कि सही बदलाव सोच से आता है. हमने बदलते समय के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें लचीलापन प्राथमिकता पर हैं. हमारे प्रस्ताव सरकार की सोच बदलने के लिए हैं.
रोडमैप में पेश की गई वर्तमान स्थिति
इस रोडमैप में पॉलिसी के गोल्स, मापदंड और कैसे भारत की इकोनॉमी को सबके साथ लेकर चलने से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है इस पर भी प्रकाश डाला गया है. रोडमैप भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति और प्रतिस्पर्धात्मक लाभों की गहन जांच के आधार पर प्राथमिकता वाली पहलों का एक एकीकृत एजेंडा प्रस्तुत करता है. केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में कई सुधारों को लागू किया है.
रोडमैप में इसका है जिक्र
यह उन दोनों कार्यों को संबोधित करता है जिन्हें भारत को अभी प्राथमिकता देने की आवश्यकता है और इन कार्यों को प्रभावी ढंग से वितरित करने के लिए खुद को कैसे व्यवस्थित करने की आवश्यकता है. रोडमैप साझा समृद्धि पर काम करने पर जोर दे रहा है जिसमें रोजगार सृजन, लैंगिक समानता और उचित आय वितरण शामिल है. India@100 रिपोर्ट का एजेंडा इन मुद्दों का समाधान करता है. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए, चर्चा में शामिल वक्ताओं ने क्रॉस-सेक्टोरल सहयोग का प्रस्ताव रखा, जो समय की आवश्यकता है.
परोपकारी गतिविधियों को भी देना है बढ़ावा
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 'द नेक्स्ट बिग स्टेप' पर एक पैनल चर्चा थी जिसको संबोधित करते हुए बीएमजीएफ के निदेशक, इंडिया कंट्री ऑफिस, हरि मेनन ने कहा, “परोपकारी नींव के लिए प्रासंगिक 4 व्यापक क्षेत्र हैं. एक है साझा समृद्धि और समावेशी सामाजिक प्रगति, दूसरा सामाजिक और आर्थिक, तीसरा कुछ विशेष क्षेत्रों को चुनिंदा रूप से विकसित करना है जिनमें हमारे पास पहले से ही ताकत है, जैसे कि फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटलीकरण आदि और चौथा परोपकार में जोखिम लेने वाले.”
क्लाइमेट चेंज से बचने के लिए करना होगा बदलाव
रिन्यूपावर के सीईओ सुमंत सिन्हा ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा, “क्लाइमेट चेंज के संदर्भ में कॉर्पोरेट्स के लिए संदेश स्पष्ट है कि उन्हें अपने काम करने के तरीकों में सुधार करना होगा. हमें बदलाव लाने के लिए सभ्य समाज भी लाना होगा. सरकार का 450GW रिन्युएबल एनर्जी का प्रयोग करने लक्ष्य पर्याप्त नहीं है, हमारी मांग इसको और बढ़ाने की है. देश पर भी डीकार्बोनाइज करने का वैश्विक दबाव है, जो आने वाले सालों में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को भी बढ़ावा देगा.
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